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चीन में पुलिस स्टेशन पर हमला़

१८ जुलाई २०११

अशांत रहने वाले पश्चिमी चीन के शिनचियान प्रांत में भीड़ ने पुलिस स्टेशन पर हमला किया. कम से कम चार लोगों की मौत, मृतकों में दो पुलिसकर्मी और दो बंधक हैं. चीन के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने की जवाबी कार्रवाई.

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तस्वीर: AP

चीन के सरकारी टेलीविजन चैनल के मुताबिक हमला करने वाली उग्र भीड़ ने पुलिस स्टेशन में आग लगा दी और कई लोगों को बंधक बना लिया. हमलावरों ने दो बंधकों और दो अर्धसैनिक पुलिस जवानों की हत्या कर दी. कुछ लोग घायल हुए हैं. वहां काम रही एक जर्मन संस्था के मुताबिक पुलिस ने स्थानीय लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से एक स्थान पर जमा होने की इजाजत नहीं दी. इसी वजह से हिंसा भड़की.

होटान शहर में हुए इस हमले से निपटने के लिए आतंकवाद निरोधी दस्ते को भेजा गया है. सरकारी मीडिया के मुताबिक हालात नियंत्रण में हैं. छह बंधकों को सुरक्षित छुड़ा लिया गया है. एक चश्मदीद ने कहा, "हिंसा की वजह से पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. 13 लोगों को हिरासत में लिया गया है. एक की हालत गंभीर है."

China Jahrestag Unruhen in Xinjiang Polizei in Urumqi
तस्वीर: AP

शिनचियान में हो रही हिंसा के लिए चीन सरकार अलगाववादियों को जिम्मेदार ठहराती है. बीजिंग का आरोप है कि चरमपंथी अल कायदा और मध्य एशिया के उग्रवादी संगठनों की मदद से अलग देश बनाना चाह रहे हैं. अलगाववादी ईस्ट तुर्केस्तान नाम का देश बनाना चाहते हैं.

शिनचियान में बीते कुछ बरसों में हिंसा में तेजी आई है. अगस्त 2010 में अल्पसंख्यक उईगुर समुदाय के कुछ चरमपंथियों ने विस्फोटकों से भरे ट्रक से चीन की सैन्य पुलिस पर हमला किया. हमले में नौ जवान मारे गए. उईगुर मुस्लिम खुद को चीन का हिस्सा नहीं मानते हैं. शिनचियांग के ज्यादातर हिस्से में तुर्क भाषा बोली जाती है. बीजिंग ने उईगुरों की भाषा, संस्कृति और धार्मिक आजादी पर पांबदी लगाई है.

जनमत संग्रह जैसी संभावनाओं को टालने के लिए चीन सरकार ने बड़ी संख्या में शिनचियान में हान समुदाय के लोगों को बसाया. बीते एक दशक में भारी संख्या में हान लोगों के बसने की वजह से उईगुर अब शिनचियांग में भी अल्पसंख्यक हो गए हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए जमाल

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