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हिंसा के बाद चीनी शहर में कर्फ़्यू

८ जुलाई २००९

चीन में जातिगत हिंसा और सैकड़ों मौतों के बाद शिंचियांग प्रांत की राजधानी में कर्फ़्यू लगाया जा रहा है. हमले के बाद एक हज़ार से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है. इलाक़े में तनाव बना हुआ है.

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चीन के शिनज़ियांग में भारी हिंसक प्रदर्शनतस्वीर: AP

चीन के मुस्लिम बहुल प्रांत शिनज़ियांग की राजधानी उरुमकी में रात भर कर्फ़्यू लगाने का फ़ैसला किया गया है. मंगलवार रात नौ बजे कर्फ़्यू लगाया जाएगा और इसे बुधवार सुबह आठ बजे तक लागू रखा जाएगा. चीन की सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने इस बात की जानकारी दी. रविवार को भयंकर जातिगत हिंसा में मरने वालों की संख्या 156 तक पहुंच गई है, जबकि 1,000 से ज़्यादा लोग घायल हैं.

हिंसा के बाद हान समुदाय के लोगों ने हाथों में फावड़े, लाठियां और दूसरे हथियारों के साथ प्रदर्शन किया. उन्होंने मुस्लिम समुदाय के बाज़ार में घुस कर वहां की दुकानों को तोड़ डाला और सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुंचाया.

हिंसा के दौरान दोनों गुटों में पत्थरबाज़ी हुई. हान समुदाय के लोग उईगुर समुदाय के लोगों के ख़िलाफ़ नारे लगा रहे थे, जबकि दोनों तरफ़ से हमले किए जा रहे थे. रिपोर्टों में कहा गया है कि कई लोग हिंसा में घायल हो गए, हालांकि अभी किसी के मरने की ख़बर नहीं है. पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. लेकिन इसका कुछ ज़्यादा असर नहीं हुआ. बल्कि वहां जमा भीड़ ही पुलिस की तरफ़ बढ़ चली. कुछ लोगों ने आंसू गैस का असर ख़त्म करने के लिए फ़ौरन पानी से अपने चेहरे धो डाले.

Bild von den Krawallen zwischen Uighuren und Polizei in China
तस्वीर: AP

तिब्बत के बाद चीन का शिनज़ियांग प्रांत सबसे संवेदनशील प्रांत माना जाता है. दोनों ही जगहों पर सरकार ने धार्मिक संगठनों पर नियंत्रण करने की कोशिश की है. शिनज़ियांग में काफ़ी दिनों तक हान और मुस्लिम आबादी के बीच आर्थिक दरार की वजह से तनाव था. शिनज़ियांग प्रांत की आबादी लगभग दो करोड़ है, जिनमें आधे उईगुर मुस्लिम हैं, जबकि राजधानी उरुमकी में ज़्यादातर हान समुदाय के लोग रहते हैं.

इस प्रांत में तेल का बड़ा भंडार है और सरकार ने इसके लिए वहां बड़ा पैसा झोंका है. यह इलाक़ा पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और मध्य एशिया से सटा है. लेकिन मुस्लिम आबादी का कहना है कि सरकार पक्षपात भरा काम कर रही है और उसके काम से ज़्यादातर हान समुदाय के लोगों को फ़ायदा पहुंच रहा है.

रविवार को यहां दोनों पक्षों में हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें 156 लोगों की मौत हो गई. इनमें 27 महिलाएं हैं. घटना के बाद 1,434 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि उईगुर लोगों पर कड़ी कार्रवाई से तनाव और बढ़ सकता है.


रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः आभा मोंढे