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अफगानिस्तान की खातिर देश देश घूम रही हैं क्लिंटन

२२ अक्टूबर २०११

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने मध्य एशिया के देशों से अपील की है कि वे अपने युद्ध ग्रस्त पड़ोसी अफगानिस्तान की सुरक्षा और पुनर्ननिर्माण में योगदान दें. साथ ही वह मानवाधिकारों की रक्षा की भी बात कर रही हैं.

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तस्वीर: DW/G. Faskhutdinov

शनिवार को ताजिकिस्तान में क्लिंटन ने कहा कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में अफगानिस्तान का दोबारा शामिल होना उसके हालात सुधारने और युद्ध से वापस शांति की ओर आने के लिए बेहद जरूरी है. और इन बदले हालात का फायदा उसके पड़ोसियों को होगा.

Pakistan USA Außenministerin Hillary Rodham Clinton bei Hina Rabbani Khar in Islamabad
तस्वीर: dapd

अर्थव्यवस्था संभालो

क्लिंटन ने कहा, "अफगानिस्तान ऐसी जगह है जहां उसकी रणनीतिक स्थिति के कारण कई देश ताकत और प्रभाव के लिए मुकाबला कर चुके हैं. इसकी कीमत अफगानी लोगों को तो चुकानी पड़ी है, पड़ोसी देशों पर भी इसका असर हुआ है. इसलिए दक्षिण और मध्य एशिया की अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ना जरूरी हो गया है." क्लिंटन के इस भाषण का मकसद वहां बनाए जा रहे नए रेशम मार्ग का प्रचार करना था. मध्ययुगीन रेशम मार्ग को दोबारा बनाया जा रहा है जो मध्य और दक्षिण एशिया से होता हुआ गुजरेगा.

ताजिकिस्तान के शहर दुशानबे में क्लिंटन ने मानवाधिकारों के संवेदनशील मुद्दे पर भी बात की. उन्होंने कहा वह ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के नेताओं के सामने यह बात पूरी गंभीरता से रखेंगी. शनिवार शाम को क्लिंटन उज्बेकिस्तान में होंगी. क्लिंटन से पूछा गया कि वह मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप झेल रहे उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति इस्लाम कारिमोव से क्यों मिल रही हैं, तो उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों के मुद्दे उठाना बेहद जरूरी है. क्लिंटन ने कहा, "मानवाधिकार, कानून के राज या अन्य किसी भी तरह की मूलभूत आजादी से जुड़े हर उस मुद्दे पर बात करना जरूरी है जिसका अमेरिका समर्थन करता है. अगर आपका संपर्क नहीं होगा तो प्रभाव भी नहीं होगा. तब वैसे देश उस जगह को भर देंगे जिनके लिए मानवाधिकारों की कोई अहमियत नहीं है. इसलिए मैं बाहर बैठने के बजाय इन मुद्दों पर बात करने को तरजीह दूंगी."

Hillary Clinton in Pakistan
तस्वीर: dapd

सात देशों की यात्रा

क्लिंटन पाकिस्तान से शुक्रवार शाम को ताजिकिस्तान आईं. शनिवार को वह उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद जा रही हैं. इस दौरे का मकसद अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में मध्य एशिया को शामिल करना है. अमेरिका 2014 तक अफगानिस्तान को छोड़कर चला जाएगा. लेकिन अस्थिर अफगानिस्तान उसके लिए भी अच्छा नहीं है. इसलिए वह चाहता है कि आसपास के देश अफगानिस्तान की स्थिरता में उसकी मदद करें.

लेकिन उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं संतुष्ट नहीं हैं. ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा है कि अमेरिका को इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए. पिछले महीने ही उज्बेकिस्तान पर सात साल पुराने प्रतिबंध हटाए गए हैं. ये प्रतिबंध मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की वजह से ही लगाए गए थे.

Hillary Clinton zu Besuch bei Hamid Karzai in Afghanistan
तस्वीर: AP

क्लिंटन ने इस पूरे हफ्ते में सात देशों की यात्रा की है. वह माल्टा, लीबिया, ओमान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बाद ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान होते हुए रविवार को वॉशिंगटन लौटेंगी.

रिपोर्टः एपी/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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