1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

"हिन्दी वेबसाइट है एक अनमोल रतन"

२८ फ़रवरी २०१४

"इस वेबसाइट को जितना भी देख लूं, और देखने के लिए मन व्याकुल रहता है", लिखा है सुभाष चक्रवर्ती जी ने. आइए जाने, हमारे और पाठक क्या लिखते हैं.

https://p.dw.com/p/1BHc7
Olympische Winterspiele Sotschi Abschlussfeier
तस्वीर: Reuters

सोची ओलंपिक खेल समाप्त हो गए. ये खेल अपनी जगह पर बहुत अहमियत रखते हैं. पूरी दुनिया के खेल प्रेमियों की निगाहों का केंद्र होते हैं वो देश और शहर जहां भी ये खेल खेले जाते हैं. मैं इस बात में नहीं पड़ूंगा कि किसने कितने और कौन से पदक जीते, या यूक्रेन में हिंसा और वहां पर रूस के किरदार को लेकर कैसा माहौल रहा. मैं तो बस इतना ही कहूंगा कि सोची ओलंपिक खेलों के मेगा इवेंट को हमारे प्रिय डीडब्ल्यू ने बड़ी अच्छी तरह और सुंदर अंदाज से कवर किया. हमें सोची खेलों के पूरे माहौल और दिलचस्पी के यादगार पलों को अपनी आंखों से देखने का भी मौका मिला. हमारे दोनों देशों को इन खेलों में तो कभी कभार ही कोई कामयाबी मिलती है, मेरे खयाल में जर्मनी यहां उतना खेल न दिखा सका जितना उसे खेलना चाहिए था. बहरहाल आपका बहुत बहुत शुक्रिया हमें सोची ओलंपिक के बारे में भरपूर तरीके से सूचित रखने के लिए.

आजम अली सूमरो, खैरपुर मीरस, सिंध, पाकिस्तान

Symbolbild Rauchen
तस्वीर: Fotolia/ Gina Sanders

हिन्दी वेबसाइट पर यूरोपीय संघ में सिगरेट के इस्तेमाल को कम करने के लिए ईयू द्वारा सख्त नियम लागू करने का कदम विवादास्पद साबित हो सकता है, लेकिन ये कदम मनुष्य की सेहत और पर्यावरण के लिए बहुत फलदायक होग. सख्त नियम लागू करने के साथ साथ ये भी देखना जरूरी हैं कि तंबाकू के इस्तेमाल का तरीका न बदल जाए, क्योंकि तंबाकू जैसे भी इस्तेमाल हो उसका हानिकारक प्रभाव कुछ भी कम नहीं होगा.

Deutschland Karneval 2014 Weiberfastnacht Düsseldorf
तस्वीर: picture-alliance/dpa

राइनलैंड में कार्निवाल (जिसको "वर्ष का पांचवां मौसम" कहा जाता है) के आगमन पर 'वेनिस का कार्निवाल' और 'कार्निवाल की धूम' शीर्षक तस्वीरों की पेशकश अच्छा लगी. हर साल 11 नवंबर को 11 बजकर 11 मिनट पर कार्निवाल के आयोजों के पीछे क्या कारण हैं, ये तो हमें पता नही. डॉयचे वेले हिन्दी वेबसाइट हमारे लिए एक अनमोल रतन है जो की हर रोज नए रंग, नए रूप, नई खोजों को लेकर हमारे सामने हाजिर होता है. जितना भी देख लूं, और देखने के लिए मन व्याकुल रहता है. इस वेबसाइट के पीछे जो लोग निरंतर प्रयास कर रहे हैं, उन सब को हमारा हार्दिक धन्यवाद.

सुभाष चक्रवर्ती, नई दिल्ली

संकलनः विनोद चड्ढा

संपादनः आभा मोंढे

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें