सिगरेट का नींद पर असर
रिसर्चरों के मुताबिक सिगरेट पीने से हमारी नींद का स्वभाविक पैटर्न गड़बड़ाता है. क्या होता है असर...
2013 में यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर में हुई रिसर्च के मुताबिक सिगरेट पीने से ना सिर्फ नींद गड़बड़ाती है बल्कि अवसाद और अन्य मनोवैज्ञानिक परेशानियों को पनपने का मौका मिलता है.
2011 में हुई एक रिसर्च के मुताबिक सिगरेट पीने वालों को नींद में सांस लेने में दिक्कत आने का 2.5 गुना ज्यादा खतरा रहता है.
2008 में जॉन हॉप्किंस यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने नींद के पैटर्न पर रिसर्च की और पाया कि सिगरेट ना पीने वालों में से 5 फीसदी लोगों ने गहरी नींद ना आने की शिकायत की. लेकिन सिगरेट पीने वालों में से 22.5 फीसदी गहरी नींद नहीं सो पा रहे थे. सिगरेट पीने वाले अक्सर सोते में आधी जागी हुई हालत में होते हैं.
2013 में फ्लोरिडा में हुई रिसर्च के मुताबिक हर एक सिगरेट पर आप 1.2 मिनट की नींद खोते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे शरीर को बाहर से निकोटीन लेने की आदत हो जाती है जो कि सोते हुए नहीं मिल पाता. वे जो सोने से दो घंटे पहले सिगरेट पीते हैं उन्हें नींद आने में दिक्कत आती है क्योंकि निकोटीन नींद के स्वभाविक पैटर्न को गड़बड़ा देता है.
नेशनल स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक नींद ना आने के शारीरिक या मनोवैज्ञानिक कारण हो सकते हैं. क्योंकि निकोटीन एक अहम कारक है, इसलिए इसके साथ नींद ना आने की समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है.
सिगरेट छोड़ देने पर आप बेहतर नींद की उम्मीद कर सकते हैं. हालांकि कुछ रिसर्च यह भी दिखाती हैं कि वे सबसे ज्यादा चैन से सोते हैं जिन्होंने कभी सिगरेट नहीं पी है.