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सचिन की किताब पर नाराज चैपल

आईबी/एमजे (एएफपी)५ नवम्बर २०१४

अपनी जीवनी लिखने वालों की सूची में अब क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर भी शामिल हो गए हैं. हमेशा चुप रहने वाले सचिन अपनी किताब के माध्यम से बहुत कुछ बोलने वाले हैं. चैपल की तुलना उन्होंने रिंगमास्टर से की है.

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Sachin Tendulkar & Greg Chappell
तस्वीर: Saeed Khan/AFP/Getty Images

सचिन की किताब का नाम है "प्लेइंग इट माय वे". किताब के बाजार में आने से पहले ही वह सुर्खियों में छाई हुई है. उसमें लिखा गया है कि 2007 के वर्ल्ड कप से पहले ग्रेग चैपल राहुल द्रविड़ को कप्तान के पद से हटाकर उनकी जगह तेंदुलकर को लाना चाहते थे.

चैपल 2005 से 2007 के बीच भारत की क्रिकेट टीम के विवादास्पद कोच थे. उन्होंने सचिन के आरोपों का खंडन करते हुए कहा है, "सचिन की नई किताब में जो दावा किया गया है, उस बारे में मुझे आज पता चला. मैं शब्दों की जंग में नहीं पड़ना चाहता. मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि भारतीय टीम के कोच के तौर पर मैंने जो समय बिताया, उसमें मैंने कभी भी राहुल द्रविड़ की जगह सचिन को देने के बारे में नहीं सोचा. इसलिए जब मुझे किताब में किए गए दावे के बारे में पता चला तो मैं काफी हैरान हुआ." चैपल ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की वेबसाइट पर अपना बयान जारी किया है और वह इस खबर से काफी नाराज दिख रहे हैं.

घर पर हुई बातचीत

सचिन की लिखा है कि चैपल उनसे मिलने उनके घर आए और वहां उन्होंने यह प्रस्ताव रखा. वहीं चैपल का कहना है कि वह केवल एक बार सचिन के घर गए हैं और किताब में जिस समय का जिक्र किया गया है, वे उससे एक साल पहले सचिन के पास गए थे. उन्होंने बताया कि उस समय उनके साथ टीम का एक फिजियो और असिस्टैंट कोच भी था, "हमने एक दूसरे के साथ अच्छी शाम बिताई लेकिन कप्तानी का विषय एक बार भी नहीं उठा था."

Bharat Ratna Zeremonie Indien
भारत रत्न सम्मान लेते सचिनतस्वीर: UNI

इसके विपरीत सचिन ने लिखा है कि अपने घर पर चैपल की बातों से वह हैरान रह गए, "उन्होंने कहा कि अगर हम एक साथ आ जाएं तो सालों तक भारतीय क्रिकेट पर अपना दबदबा बनाकर रख सकते हैं. मैं हैरान था कि कोच कप्तान के लिए जरा भी सम्मान नहीं दिखा रहे थे और वह भी तब जब क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट कुछ ही महीने दूर था." सचिन ने लिखा है कि चैपल करीब दो घंटे तक उन्हें मनाने की कोशिश करते रहे.

रिंगमास्टर चैपल

इस विवाद के अलावा सचिन ने किताब में चैपल की तुलना रिंगमास्टर से की है. उन्होंने लिखा है, "चैपल एक रिंगमास्टर की तरह थे जो अपने आइडिया दूसरों पर थोपते थे बिना इस बात की परवाह किए कि सामने वाले को इससे कोई दिक्कत तो नहीं." सचिन ने यह भी लिखा है कि उन्होंने बीसीसीआई से निवेदन किया कि चैपल को वर्ल्ड कप के लिए टीम के साथ ना भेजा जाए लेकिन उनकी बात मानी नहीं गयी. इस वर्ल्ड कप में भारत शुरुआती दौर में ही बाहर हो गया था.

राहुल द्रविड़ इस पूरे मामले से दूरी बनाए हुए हैं. उनका कहना है कि सचिन और चैपल के बीच निजी बातचीत हुई जिससे उनका कोई लेना देना नहीं हैं, ना ही उन्होंने पहले इस तरह की बात सुनी है और ना ही चैपल के जाने के इतने सालों बाद अब उन्हें कोई फर्क पड़ता है.