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ये हैं ग्रहों के 'लॉर्ड ऑफ दि रिंग'

३० जनवरी २०१५

खगोलविज्ञानियों ने हमारे सौर मंडल से बाहर ऐसा पहला ग्रह ढूंढ निकाला है जिसके चारों ओर शनि ग्रह के जैसा ही छल्ला है. फर्क बस इतना है कि यह छल्ला शनि से कम से कम 200 गुना बड़ा है.

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Sonnensystem
तस्वीर: picture-alliance/Bildagentur-online/Saurer

जे1407बी, ये नाम है उस विशालकाय ग्रह का जिसके चारों ओर 30 से भी ज्यादा छल्लों का घेरा है. यह इतना बड़ा है कि अगर ऐसा घेरा शनि के चारों ओर होता तो शायद रात में हमारे पूरे आकाश में यही दिखाई देता. नीदरलैंड में लाइडेन ऑब्जर्वेट्री के मैथ्यू केनवर्दी बताते हैं, "यह बहुत बड़ा होता. आप धरती से ही ना केवल इसकी रिंग्स बल्कि उनके बीच की खाली जगह भी आसानी से देख पाते."

सुपरवास्प नाम के प्रोजेक्ट के लिए केनवर्दी और न्यूयॉर्क की रॉचेस्टर यूनिवर्सिटी के एरिक मामाजेक ने विश्व भर की ऑब्जर्वेट्रीज से ली गई लाखों तारों की तस्वीरों का अध्ययन किया. यह प्रोजेक्ट एक्जोप्लैनेट्स पर आधारित था जिसका अर्थ है हमारे सोलर सिस्टम के बाहर की दुनिया. 'एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल' नाम की पत्रिका इस रिसर्च को प्रकाशित करने जा रही है.

धरती से ही किसी सौर मंडल के केंद्रीय तारे की चमक में आने वाले बदलावों का अध्ययन किया जाता है. उनसे आने वाला प्रकाश कुछ घंटों के लिए आंशिक रूप से तब अवरूद्ध हो जाता है, जब वे ग्रह धरती और उसके अपने तारे के बीच से गुजरते हैं.

जे1407बी खगोलविज्ञानियों को असाधारण लगा. इससे करीब दो महीनों तक लगातार प्रकाश आता रहा और वह प्रकाश भी काफी अलग तरह का था. रिसर्चरों ने 2005 से 2008 के बीच इस तारे के बारे में इकट्ठा किए गए सभी आंकड़ों का अध्ययन किया. उन्होंने पाया कि "2007 के मध्य में एक बार ऐसा मौका आया जब वहां से जगमग प्रकाश आने लगा." केनवर्दी बताते हैं, "यह एक बहुत अजीब सी दिखने वाली चीज थी जैसी शायद पहले कभी किसी ने ना देखी हो." तमाम रिसर्च के बाद वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे कि इसका कारण उसके चारों ओर मौजूद कई छल्लों वाली कोई बहुत बड़ी डिस्क हो सकती है, तभी प्रकाश ऐसा टिमटिमाता हुआ सा था.

30.08.2013 SHIFT Arround Saturn
हमारे सौर मंडल में केवल शनि ग्रह के चारों ओर हैं छल्ले

वैज्ञानिकों का मानना है कि यह रिंग धूल की बनी होगी क्योंकि ग्रह जे1407बी काफी गर्म होगा. शनि के आसपास मौजूद बर्फ जैसे छल्लों के लिए ग्रह का तापमान 1,000 से 2,000 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए. केनवर्दी का अनुमान है कि इस ग्रह का द्रव्यमान हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति से भी करीब 10 से 40 गुना ज्यादा होगा.

जे1407बी और उसके ग्रह करीब 1.6 करोड़ साल पुराने होंगे जबकि हमारा सूर्य और धरती करीब 4.5 अरब साल पुराने हैं. इस खोज से ग्रहों के आसपास छल्लों के निर्माण की प्रक्रिया पर पहली बार कुछ सीधे सबूत मिल सकेंगे.

आरआर/एमजे(एएफपी)