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भ्रष्टाचार की सूची में भारत की हालत सुधरी

३ दिसम्बर २०१४

भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने 175 देशों पर आधारित वैश्विक भ्रष्टाचार सूची जारी की है. भारत सूची में 85वें स्थान पर है, लेकिन पिछले साल के मुकाबले स्थिति में सुधार हुआ है.

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तस्वीर: Getty Images

भ्रष्टाचार सूची में 2013 के मुकाबले भारत को दो अंकों का फायदा हुआ है जिसकी मदद से भारत 94वें स्थान से 85वें पर पहुंच सका. भारत को पिछले साल 36 से मुकाबले इस साल 38 अंक मिले हैं. पड़ोसी देश श्रीलंका भी भारत की ही तरह 85वें स्थान पर है जबकि अफगानिस्तान में भ्रष्टाचार की बेहद खराब हालत है. अफगानिस्तान 175 देशों के बीच 172वें स्थान पर है. पाकिस्तान की हालत में एक पायदान का सुधार हुआ है. पाकिस्तान पिछले साल 127वें स्थान पर था जबकि इस बार 126वें स्थान पर रहा.

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल संस्था हर साल देशों की भ्रष्टाचार का आकलन करने वाली एक सूची जारी करती है. सूची भ्रष्टाचार पर हर देश को मिले अंकों के आधार पर तैयार होती है जिसमें 0 का मतलब है सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार जबकि 100 का मतलब है भ्रष्टाचार मुक्त. 2014 के नतीजों के मुताबिक तुर्की और चीन में भ्रष्टाचार के मामलों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है.

सूची के मुताबिक तुर्की पिछले साल के मुकाबले पांच अंक खो कर 64वें स्थान पर जबकि चीन चार अंक खो कर 100 वें स्थान पर पहुंच गया. डेनमार्क 92 अंकों के साथ सबसे कम भ्रष्ट और उत्तर कोरिया और सोमालिया 8 अंकों के साथ सबसे ज्यादा भ्रष्ट देश पाए गए. जर्मनी पिछले साल की ही तरह इस साल भी 12वें स्थान पर है. ट्रांसपेरेंसी के मुताबिक भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए सभी देशों को उसके खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है.

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के अध्यक्ष होजे युगाज के मुताबिक, "बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में ज्यादा भ्रष्टाचार से न सिर्फ गरीबों के मूल मानवाधिकारों का हनन होता है, बल्कि देश के संचालन में दिक्कत और अस्थिरता आती है." संस्था ने अपील की है कि जो देश सूची में सबसे निचले पायदान पर हैं वे स्थिति को सुधारने के जल्द से जल्द ठोस कदम उठाएं.

एसएफ/एमजे (रॉयटर्स,एएफपी)