1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

भारत के दौरे पर पहुंचे केरी

३१ जुलाई २०१४

चीन के साथ आगे बढ़ते भारत में अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी पहुंच चुके हैं. वह दोनों देशों के रिश्तों में नई जान फूंकने की कोशिश करेंगे. साथ ही नरेंद्र मोदी के साथ बेहतर संबंध शुरू करने की भी.

https://p.dw.com/p/1Cmk8
तस्वीर: Reuters

दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों में हाल में कई मुद्दों पर विवाद हुआ है. इनमें कुछ भारतीय नेताओं की अमेरिकी जासूसी के अलावा न्यूयॉर्क में भारतीय राजनयिक की गिरफ्तारी का मामला भी है. इन सबके अलावा डब्ल्यूटीओ का समझौता भी दोनों देशों के बीच विवाद की वजह है.

केरी ने भारत के वित्त और रक्षा मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की. वह एक कारोबारी बैठक में हिस्सा ले रहे हैं, जो मूल रूप से वॉशिंगटन में होनी थी. लेकिन बाद में उसे भारत शिफ्ट कर दिया गया. शुक्रवार को केरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करनी है. मोदी के साथ मिल कर वह उस बर्फ को तोड़ने की कोशिश करेंगे, जो बीजेपी और अमेरिका के बीच बरसों से जमी है. गुजरात के 2002 वाले दंगों की वजह से मोदी को अमेरिका का वीजा भी नहीं दिया जा रहा था.

Indien neuer Finanzminister Arun Jaitley
अरुण जेटली से मुलाकाततस्वीर: picture-alliance/dpa

केरी भारत दौरे के साथ ही मध्यपूर्व के अपने चिर परिचित विषय से भी एक ब्रेक लेंगे. उनके कार्यकाल में ज्यादातर समय मध्यपूर्व का मुद्दा ही छाया रहा है. केरी ने दिल्ली में आईआईटी के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं. यह विश्व के लिए बड़ा योगदान है."

बनते बिगड़ते रिश्ते

शीत युद्ध के समय से ही भारत और अमेरिका के बीच गतिरोध रहा है. लेकिन 1990 के आखिरी सालों में दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों को स्वभाविक दोस्त बताया गया. सांस्कृतिक विविधता वाले दोनों देश हाल के दिनों में आतंकवादियों के निशाने पर भी रहे हैं. दोनों को ही चीन को लेकर खतरा महसूस होता है. अमेरिका को आर्थिक तौर पर और भारत को पड़ोसी होने के नाते.

पिछले साल दिसंबर में हुए भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के मामले में भारत अमेरिका को असंवेदनशील मानता है. इस घटना के बाद केरी पहली बार भारत का दौरा कर रहे हैं. हाल ही में भारत ने धमकी दी है कि वह डब्ल्यूटीओ के समझौते में अड़ंगा लगा सकता है. भारत सब्सिडी की बात करके विकासशील देशों का पक्ष ले रहा है, जबकि धनी देश उसका विरोध कर रहे हैं. केरी के साथ भारत का दौरा कर रहीं पेनी प्रित्सकर का कहना है, "भारत के रुख से अमेरिका बहुत दुखी है. हमें उम्मीद है कि हम आने वाले कुछ दिनों में नतीजा निकाल लेंगे."

हालांकि इस दौरे पर अमेरिका के कथित जासूसी वाला मामला भी उठ सकता है. अमेरिकी जांच एजेंसी एनएसए ने बीजेपी नेताओं की उस वक्त जासूसी की, जब वे विपक्ष में थे. केरी के साथ भारत का दौरा कर रहे एक अधिकारी बताते हैं कि उन्हें पता है कि भारत इस मुद्दे पर नाराज है लेकिन अमेरिका दोनों देशों के बीच नजदीकी खुफिया रिश्ते चाहता है.

एजेए/एएम (एएफपी)