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पानी पर तैरेंगे घर

१८ अप्रैल २०१४

जलवायु परिवर्तन उन देशों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है जो समुद्र स्तर से नीचे हैं. ऐसे में नीदरलैंड्स तैरते घरों की तैयारी में है.

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तस्वीर: Architect Koen Olthuis - Waterstudio.NL

आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक निचले स्तर पर बसे देशों पर खतरा ज्यादा है. बेहद जरूरी है कि ऊपर चढ़ रहे पानी से घरों को बचाने के मुनासिब इंतजाम मुहैया हों.

हाथ में चाय की प्याली लिए विलेम ब्लोकर दो सीढ़ियां चढ़ कर अपनी छत पर पहुंचते हैं. वह कहते हैं, "यहां से आप समझ सकते हैं कि जिंदगी लंबी छुट्टियों जैसी क्यों लगती है." 52 साल के ब्लोकर उन 43 में से एक तैरते हुए घर में रहते हैं जो एम्सटरडम के नए विकसित किए गए इलाके में हैं. ये सभी घर चार सिरों पर बंधे हुए हैं.

हालांकि यह कोई आलीशान घर तो नहीं. ब्लोकर बताते हैं कि जब समुद्र में हलचल बढ़ती है तो ये घर हिलना डुलना शुरू कर देते हैं. वह आगे कहते हैं कि धीरे धीरे आपकी इसमें रहने की आदत हो जाती है.

बिल्डिंग का निचला हिस्सा सीमेंट और भारी फोम से भरा है. डूबे हुए हिस्से में लगे रिंग यह सुनिश्चित करते हैं कि घर एक जगह रुका रहे. इनसे ढांचे को पानी का स्तर बदलने पर ऊपर या नीचे होने में मदद मिलती है. इस ढांचे को तैयार करने वालों में अहम आर्किटेक्ट फ्लोरिस हुंड कहते हैं, "यही तो कमाल है."

जलवायु परिवर्तन का मुकाबला

जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में डच सरकार द्वारा उठाए जा रहे कई कदमों में से यह एक है. समुद्र के स्तर में थोड़ी भी बढ़ोत्तरी होने से यहां रहने वालों के जीवन पर असर पड़ता है. पर्यावरण की दिन पर दिन खराब हो रही हालत के चलते इस तरह के इलाकों के हालात समय के साथ खराब होने की आशंका है.

Schwimmende Stadtviertel in den Niederlanden
नीदरलैंड्स के तैरते हुए घरतस्वीर: Luuk Kramer

नीदरलैंड्स की सरकार के डेल्टा कमीशन के विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाली सदी में समुद्री स्तर में 1.3 मीटर वृद्धि होगी. आने वाले 200 सालों में यही बढ़कर चार मीटर भी हो सकती है. नीदरलैंड्स का एक तिहाई हिस्सा या तो समुद्र के स्तर पर या उससे भी नीचे स्थित है. समुद्री स्तर बढ़ने से नदियों का पानी भी ऊपर आएगा. डेल्टा कमीशन के पर्यावरण विशेषज्ञ पावेल कबाट कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण नीदरलैंड्स में बहने वाली नदियों का स्तर पहले के मुकाबले बढ़ गया है.

पानी संग जीवन

पानी के साथ रहना नीदरलैंड की नई शहरी प्लानिंग का अहम हिस्सा है. पानी के बढ़ते स्तर का मुकाबला करने के लिए शहरों को किस तरह तैयार किया जाए इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. शहर के बीच से गुजरने वाली जो नहरें इस्तेमाल में नहीं हैं उन्हें दोबारा इस्तेमाल में लाया जा रहा है और नए तालाब बनाए जा रहे हैं.

राइन, मास और वाल जैसी नदियों के आस पास देश के खाद्य संरक्षण कार्यक्रम में 39 अन्य प्रोजेक्ट शामिल किए गए हैं. 2.3 अरब यूरो की लागत वाले इन प्रयासों से चालीस लाख लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशिश हो रही है.

पर्यावरण परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने वाले नीदरलैंड्स के ये प्रयास दुनिया भर का ध्यान अपनी तरफ खींच रहे हैं. डच सिविल इंजीनियरों से मिलने थाईलैंड, वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका से लोग आ चुके हैं. वे उनसे पानी के बढ़ते स्तर से बचने के गुर सीखना चाहते हैं.

रिपोर्टः कैर्स्टिन श्वाइगहोएफर/ एसएफ

संपादन: आभा मोंढे