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पाठकों की प्रतिक्रियाएं

१८ मार्च २०१४

हमारे पाठक यानी आप लोग जिज्ञासु हैं, उत्सुक हैं, आलोचक हैं और सचेत भी. आपकी बात हमारे लिए बहुत मायने रखती है. मंथन पर भेजी गई आपकी टिप्पणियां..

https://p.dw.com/p/1BRWD
OSVehicle - Tabby Car
तस्वीर: OSVehicle

आज मुझे मंथन प्रोग्राम में काफी रोचक जानकारी सुनने को मिली. आपने बताया कि जल्द ही एक दिन ऐसा आने वाला है कि आप खुद एक घंटे में घर पर ही अपनी कार तैयार कर सकेंगे. ओएस वेहिकल नाम की कंपनी ऐसी कार तैयार कर रही है, नाम है टैबी. टैबी की बॉडी 500 यूरो यानी करीब चालीस हजार रुपये की है और बनाने में बस घंटा भर लगता है. यह जानकारी मुझे बहुत अच्छी लगी. चालीस हजार रुपये में हमारे क्षेत्र मे सीमेंट का मकान भी नही बन पाता. मधुमखियों के बारे में भी जाना. मंथन की पूरी टीम को मेरा हार्दिक धन्यवाद. आने वाले दिनों में क्या आप मुझे पर्यावरण पर जानकारी दे सकते हैं. मैं जानना चाहता हूं कि पर्यावरण का धुंआ समाज या गांव में फैलकर लोगों को कैसे बीमार करता है और लोगों को पेड़ पौधे काटने से कैसे रोका जाए.

कृपाराम कागा, गांव बीजराड़, जिला बाड़मेर, राजस्थान

Seniorinnen beim Shoppen
तस्वीर: Getty Images

डिजिटल कपड़े : इस रिपोर्ट में एक बहुत अहम और रोचक तरह की जानकारी बहुत पसंद आई कि कैसा हो, जब कपड़ों के अंदर छिपा हो डायबिटीज या दिल की बीमारियों का इलाज. रक्तचाप बढ़ने पर कपड़े इशारा कर दें, आदि. मतलब ये कि दुनिया इतनी डिजिटल होने जा रही है कि इंसान खुद भी लगभग डिजिटल होते जाएंगे और हमारे जैसे देशों में तो ये बातें हो सकता है कि किसी को कल्पना ही लगें, लेकिन डीडब्ल्यू और मंथन के साथ हम तो जर्मनी में उस फैक्टरी में भी गए जहां पर ये डिजिटल कपड़े बन रहे हैं. इनके साथ जिन सुविधाओं का होना जरूरी है, जैसे स्मार्टफोन, तो वो हमारे यहां बहुत ही कम लोगों के पास हैं. वैसे आपने इस रिपोर्ट में न तो ऐसे डिजिटल कपड़ों की कीमत बताई और न ही ये बताया कि एक ड्रेस कितने महीने या साल तक काम कर सकती है, या ये कि उसमें जो भी चीजें लगी होंगी वो कब तक काम करती रहेंगी. इसके अलावा बेहतर होता कि आप किसी को ये ड्रेस पहनी हुई दिखाते और फिर समझाते कि इस में मौजूद विभिन्न व्यवस्थाएं किस तरह से, कब और कैसे काम करती हैं, तो और भी मजा आ जाता. एक बात तो माननी ही पड़ेगी कि मंथन के जरिए हमें दुनिया भर में विज्ञान और तकनीक के मैदान में होने वाले विकास और संबंधित आविष्कारों के बारे में भरपूर जानकारी मिलती रहती है, जो हमें बहुत पसंद है, और इसके लिए हम डीडब्ल्यू और मंथन की टीम का बहुत शुक्रिया अदा करते हैं.

आजम अली सूमरो, ईगल इंटरनेशनल रेडियो लिस्नर्स क्लब, खैरपुर मीरस, सिंध, पाकिस्तान

GAIA-Raumsonde
तस्वीर: ESA-CNES-Arianespace / Optique Vidéo du CSG - L. Barthet Barateig

इसमें कोई दो राय नही है कि मंथन विज्ञान संबंधित जानकारियों का एक सशक्त और सरल माध्यम बन चुका है. नित नई खोज और आविष्कारों के साथ अद्भुत कारनामों से हमको रूबरू कराता है. यही कारण है कि हर वर्ग इसे बड़ी दिलचस्पी से देख रहा है. इस बार का प्रोमो आकाशगंगा के रहस्यों का खुलासा नए माध्यम और नई तकनीक से करवाने का नमूना पेश कर रहा था और कार्यक्रम देखने के लिये प्रेरित भी और जब कार्यक्रम देखा तो आश्चर्यचकित रह गया. जिस प्रकार समंदर की गहराई में अनेक रहस्य दबे हैं उसी प्रकार आकाश में ग्रहों की पहेली अभी सुलझी नही है, पर इस प्रकार की कोशिश प्राकृतिक संरचना को समझने में अवश्य सहायक सिद्ध होगी और नए विकल्प का पदार्पण होगा. क्या ही अच्छा हो जब प्रोमो की तरह सम्पूर्ण रिपोर्टें और वीडियो डीडी1 पर प्रसारण के तुरंत बाद फेसबुक पेज पर उप्लब्ध करा दी जाएं ताकि किन्हीं कारणों से डीडी1 पर न देख पाने वाले दर्शक स्मार्टफोन के माध्यम से कहीं भी इसे देख सकें और अपनी प्रतिक्रिया से आपको फौरन सूचित कर सकें.

मुहम्मद सादिक आजमी, ग्राम लोहिया, जिला आजमगढ़, उत्तर प्रदेश

संकलनः विनोद चड्ढा

संपादनः आभा मोंढे

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