1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

पांच बातें जो दिमाग की रक्षा करेंगी

२३ दिसम्बर २०१४

जीवनशैली में छोटे मोटे बदलाव लाकर आप अपने दिमाग को ज्यादा लंबे समय तक स्वस्थ और तेज रख सकते हैं. ये पांच बातें भूलने की बीमारी से बचाएंगी.

https://p.dw.com/p/1E96H
तस्वीर: Fotolia/Andrea Danti

धूम्रपान से दूरी, कसरत पर ध्यान, वजन कम रखना, शराब कम पीना और सेहतमंद खाने को प्राथमिकता देना पांच ऐसी बातें हैं जिनकी मदद से आप याददाश्त घटने और दिमाग के कमजोर होने के खतरे को एक तिहाई तक कम कर सकते हैं. ब्रिटेन में हुई एक रिसर्च के मुताबिक वे पुरुष जो इन पांच बातों में से चार का भी ख्याल रखते हैं, उन्हें डिमेंशिया का 36 फीसदी कम खतरा होता है. 65 साल से ऊपर की उम्र वाले हर तीसरे व्यक्ति को डिमेंशिया की समस्या होती है.

इस रिसर्च को ब्रिटेन की एडिनबरा यूनिवर्सिटी के इयन डियरी की टीम ने अंजाम दिया. उनकी रिसर्च स्कॉटिश मेंटल सर्वे पर आधारित है. स्कॉटलैंड में जून 1947 में प्रत्येक 11 साल के बच्चे की ज्ञान संबंधी क्षमता को इसी टेस्ट के जरिए मापा गया था. उसके बाद से किसी भी देश में किसी एक उम्र के सभी बच्चों का इस तरह का टेस्ट नहीं किया गया है. स्कॉटिश टेस्ट के नतीजे वैज्ञानिकों के लिए बहुत काम के हैं. प्रोफेसर डियरी ने 1947 में टेस्ट से गुजरे करीब 70,000 बच्चों में से उन पर टेस्ट कर तुलनात्मक अध्ययन किया, जो जीवित हैं और अब बुजुर्ग हो चुके हैं. उन्होंने उनकी जीवनशैली, जेनेटिक्स और स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकरियां जुटाईं. उन्होंने जांचा कि इन बुजुर्गों की दिमागी क्षमता में 1947 के मुकाबले कितना अंतर आया है.

डियरी के काम में शारीरिक श्रम के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया है. उनके मुताबिक याददाश्त को ज्यादा दिनों तक अच्छी हालत में रखने के लिए शारीरिक मेहनत का बहुत बड़ा योगदान होता है. ऐसे लोगों को बूढ़ा होने पर अल्जाइमर्स का खतरा भी कम रहता है.

इस रिसर्च को करवाने वाली संस्था एज यूके की कैरोलीन अब्राहम्स ने कहा, "आज जब हमारे पास डिमेंशिया से निपटने या उसे दूर भगाने के तरीके मौजूद नहीं हैं, हम छोटे मोटे तरीकों से इसके खतरे को कम जरूर कर सकते हैं." उनके मुताबिक याददाश्त को अच्छा रखने के लिए जो नुस्खे इस रिसर्च में बताए गए हैं वे पहले से ही हमारे शरीर के लिए अच्छे बताए जाते रहे हैं. यानि इन तरीकों को अपना लेना समझदारी ही होगी.

एसएफ/आरआर (डीपीए)