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नाले में ओलंपिक मुकाबला!

२९ जुलाई २०१४

ब्राजील ने भले ही फुटबॉल वर्ल्ड कप बखूबी करा लिया हो लेकिन अब उस पर 2016 ओलंपिक को लेकर दबाव बन रहा है. मुकाबले वाली जगह ऐसी हैं कि लोग उसे नाला समझ बैठते हैं.

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तस्वीर: AP

गुआनाबारा खाड़ी में सेलिंग के मुकाबले होंगे और यहां का पानी बेहद प्रदूषित है. बरसों से यहां कचरा फेंका जा रहा है और पानी का कभी ट्रीटमेंट नहीं किया गया है. कई लोग इसे खाड़ी नहीं बल्कि बड़ा नाला समझते हैं. जानकारों का कहना है कि अगर सफाई प्रक्रिया शुरू भी कर दी जाए, तो इस काम में एक दशक से कम नहीं लगेगा.

कुछ दूर से देखने पर यह जगह अच्छी लगती है, पहाड़ियों के बीच और एक कोने में ईसा की विशाल मूर्ति भी दिखती है. टीवी पर ओलंपिक को लेकर अच्छी छवि बन सकती है लेकिन एथलीटों की सेहत दांव पर होगी.

ऑस्ट्रिया की टीम को कोचिंग देने वाले पूर्व ओलंपियन इवान बुलाजा का कहना है, "कुछ दिन पहले एक सेलर को पानी में छलांग लगानी पड़ी. वापस आकर उसने पहला काम किया कि एक बोतल लिया और अपना चेहरा धोया. जब यह पानी आपके चेहरे पर पड़ता है, तो आपको अजीब लगता है. आपको पता ही नहीं चलता है कि इसके अंदर क्या है. मुझे नहीं लगता है कि कोई भी सेलर यहां अच्छा महसूस करेगा. मुझे तो लगता है कि आप बुरी तरह बीमार पड़ सकते हैं."

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खूबसूरत ब्राजीलतस्वीर: picture-alliance/dpa

हफ्ते भर टेस्ट

लेकिन इसी जगह पर ओलंपिक के लिए पहला टेस्ट इस रविवार को शुरू हो रहा है. हफ्ते भर चलने वाले इस टेस्ट में ओलंपिक के सभी 10 मुकाबलों को टेस्ट किया जाएगा. इस दौरान 216 नाव और 321 प्रतियोगी हिस्सा लेंगे, जो 34 देशों से यहां पहुंच रहे हैं.

रियो का लगभग 70 फीसदी गंदा पानी इसी जगह के आस पास गिरता है. इस पानी का ट्रीटमेंट भी नहीं किया जाता. ओलंपिक की दावेदारी के वक्त कहा गया था कि इसे साफ किया जाएगा और 2016 तक रियो के 80 फीसदी पानी को इसमें गिरने से रोका जाएगा. लेकिन रियो के पर्यावरण सचिव ने साफ कर दिया है कि ज्यादा से ज्यादा सिर्फ 50 फीसदी ही रोका जा सकता है.

पानी को साफ करने के दूसरे उपाय किए जा रहे हैं, नावों से पानी में पड़े कचरे को उठाया जा रहा है. पानी के अंदर बैरियर लगाए जा रहे हैं कि सोफा और कुर्सियों जैसी बड़ी चीजों को खाड़ी में बहने से रोका जा सके. रियो प्रांत के पर्यावरण अधिकारियों का कहना है कि पहले तीन महीने में तीन नावों ने 33 टन ठोस कचरा निकाला है.

इंसानी कचरे की मुश्किल

ठोस कचरे के अलावा दूसरी मुश्किल इंसानी कचरा है. इसे साफ नहीं किया जा सकता और इसकी वजह से आस पास दुर्गंध फैली रहती है. ऑस्ट्रिया के नाविक निकोलाउस रेश का कहना है, "कभी कभी यह गंदे नाले की तरह महकता है. यह टॉयलेट की तरह दुर्गंध देता है." पिछले साल कुछ एथलीटों ने पानी में से निकलने के बाद अल्कोहल से अपने हाथ साफ किए थे.

अंतरराष्ट्रीय सेलिंग संघ (आईसैफ) और स्थानीय आयोजक प्रतियोगियों से कह रहे हैं कि वे कोर्स एरिया के आस पास के पानी को टेस्ट करें. रियो प्रांत के अधिकारी इसे तैराकी से लिए ठीक पानी बता रहे हैं. आईसैफ के एलेस्टर फॉक्स का कहना है, "कई लोग यहां की गंदगी के बारे में बात कर रहे हैं. हमें पता है कि यह है. हमें कोशिश करनी है कि इसे ज्यादा से ज्यादा ठीक किया जाए, ताकि सेहत पर असर न पड़े."

फॉक्स ने कहा कि आईसैफ सेहत से जुड़ा कोई दिशा निर्देश नहीं दे रहा है लेकिन एक डॉक्टर का कहना है कि सभी एथलीटों को हेपेटाइटिस ए का टीका लेना चाहिए. यहां पानी से होने वाली डायरिया और गैस्ट्रोएनटाइटिस जैसी दूसरी बीमारियों का भी खतरा रहेगा.

फॉक्स का कहना है कि खिलाड़ियों को गंदे पानी और इंसानी कचरे से ज्यादा पानी में तैरते फर्नीचरों और कुर्सियों का खतरा है.

एजेए/एमजे (एपी)