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धर्मांतरण पर मोदी पर विपक्ष का दबाव

२२ दिसम्बर २०१४

धर्मांतरण मुद्दे पर भारतीय संसद के दोनों सदनों में हंगामा रहा. विपक्षी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग रहे हैं. धर्मांतरण को "घर वापसी" बता रहे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर बवाल.

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Hindu Frauen Gebet Gott Surya 30.10.2014
तस्वीर: Reuters/Anindito Mukherjee

धर्मांतरण के मुद्दे पर सोमवार को राज्यसभा की बैठक को स्थगित करना पड़ा. विपक्षी सांसदों का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पार्टी के कट्टरपंथियों द्वारा अल्पसंख्यकों के धर्मांतरण को रोकने के लिए कुछ भी नहीं कर रहे हैं. विपक्षी दलों का कहना है कि मोदी की खामोशी भारतीय समाज की सर्वधर्म समभाव की छवि और संविधान में दिए गए धार्मिक आजादी के आश्वासन को नुकसान पहुंचा रही है.

धर्मांतरण विरोधी कानून

इससे पहले हिंदूवादी आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत एक "हिंदू राष्ट्र" था जहां बहुत सारे हिन्दुओं का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया. उन्होंने कहा, "हम उन्हें वापस लाएंगे जो अपना रास्ता भटक गए हैं. वे खुद अपनी मर्जी से नहीं गए थे. उन्हें लालच दिया गया था." विपक्षी दल मोहन भागवत की टिप्पणी से खिन्न हैं और प्रधानमंत्री से जवाब मांग रहे हैं.

सरकार की भूमिका पर लगातार उठ रहे सवालों के बीच बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने जबरी धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून बनाने की पेशकश की है. उन्होंने कहा कि पार्टी धर्मांतरण के खिलाफ है और अगर विपक्षी दल धर्मनिरपेक्षता के बारे में गंभीर हैं तो संसद में इस बिल का समर्थन करें. अमित शाह के बयान के बाद भागवत ने भी कहा कि जिनको इससे आपत्ति है वे संसद में इसके खिलाफ कानून बनाने की मांग कर लें. भागवत ने अपने बयान में धर्मांतरण शब्द का कहीं इस्तेमाल नहीं किया, वे इसे घर वापसी ही कहते रहे. मोदी की छवि पहले से ही हिंदूवादी नेता की है. उनकी खामोशी उनके खिलाफ जाती दिख रही है. प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों अपनी पार्टी के नेताओं से लक्ष्मण रेखा नहीं लांघने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने उससे ज्यादा कुछ नहीं कहा है.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत धर्मांतरण को "घर वापसी" का नाम दे रहे हैं.
तस्वीर: Strdel/AFP/Getty Images

धर्मांतरण नहीं "घर वापसी"

बीते कुछ दिनों में देश भर में जगह जगह धर्मांतरण की घटनाएं सामने आ रही हैं. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के कुछ अहम नेताओं ने भी इसे सही ठहराया है. उनका कहना है कि इतिहास में किसी समय भी जो लोग हिंदू धर्म को छोड़ कर किसी और धर्म में चले गए थे उनका धर्म परिवर्तन धर्मांतरण नहीं "घर वापसी" है. कुटीर उद्योग राज्यमंत्री गिरिराज सिंह और खाद्य संस्करण राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति जैसे बड़े नेता भी धर्म से जुड़े भड़काऊ बयान देते रहे हैं.

धर्मांतरण के मामले ने इसी महीने तब तूल पकड़ा जब आगरा में करीब 100 लोगों का हिंदू धर्म में परिवर्तन करा दिया गया. इन लोगों का आरोप है कि हिन्दू संगठनों ने उनके साथ को राशन कार्ड और वोटर आईडी का लालच देकर छल किया. बीजेपी के वरिष्ठ सांसद योगी आदित्यनाथ का कहना है, "हम पिछले 10 साल से यह करते आ रहे हैं. यह धर्मांतरण नहीं, बल्कि घरवापसी है. यह तो चलता रहेगा." कुछ मुसलमानों का कहना है कि उन्होंने डर के मारे अपना धर्म बदल दिया.

एसएफ/एमजे (एपी,एएफपी,रॉयटर्स)