1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

"दक्षिण एशिया के लिए गर्व"

१३ अक्टूबर २०१४

भारत और पाकिस्तान को एक साथ नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने पर हमारे पाठकों का क्या कहना है, जानिए यहां..

https://p.dw.com/p/1DUzU
Friedensnobelpreis 2014 Malala Yousafzai, Kailash Satyarthi
तस्वीर: Reuters/Getty Images

कैलाश सत्यार्थी और मलाला युसूफजई को मिला नोबेल पुरस्कार. कैलाश और मलाला जैसे सैकडों लोग हैँ जो पूरी कर्मठता से समाज सेवा में लगे हुऐ हैँ उन लोगों को इस नोबेल पुरस्कार से भारी प्रेरणा व पहचान मिलेगी. दोनों विजेताओं को मिला पुरस्कार उनके कार्य और मेहनत का उचित मूल्यांकन है. नोबेल पुरस्कार जीतने की दोनों को हार्दिक बधाई..अनिल कुमार द्विवेदी, सैदापुर अमेठी, उत्तर प्रदेश

किसी कारणवश मैं आपका कार्यक्रम टीवी पर तो नही देख सकता लेकिन आपके ईमेल से पता चल जाता है कि इस बार मंथन में नया क्या कुछ है. इस कारण आपकी हिन्दी वेबसाइट पर पढ़ लेता हूं. आपका प्रयास सराहनीय है. आप मुझे ऐसे ही ईमेल से सूचित करते रहें.आपका धन्यवाद..राकेश कुमार सारण, चूरू, राजस्थान

भारत के कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को संयुक्त रूप से शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. ये दक्षिणी एशिया के लिए एक गर्व की अनुभूति है जो उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के मापदंड पर विश्व को शांति स्थापना में चुनौती दे रहा है. दुनिया को समझाने की कोशिश कर रहा है कि हम बापू (महात्मा गांधी) के सिद्धांतो का कितना सम्मान करते है. पुरस्कार मिलने के बाद कैलाश सत्यार्थी का कहना कि "यह सम्मान पूरे देश का है, मैं मलाला के साथ मिलकर बाल मजदूरी से लड़ना चाहता हूं," सुनकर अच्छा लगता है. भारत के हर नागरिक को उन पर गर्व है. बच्चों के शिक्षा के अधिकारों के लिए संघर्षरत 16 साल की पाकिस्तानी लड़की मलाला यूसुफजई का कहना कि "वह पश्चिमी देशों की कठपुतली नहीं है. मैं पाकिस्तान की बेटी हूं और मुझे इसका फख्र है“. आप दोनों पर हम गर्वित हैं..जितेंद्र जैन

भारत ने आज तक सत्यार्थी जी को किसी प्रकार का कोई सम्मान प्रदान नहीं किया किन्तु उसी सत्यार्थी के काम को दुनिया ने सराहा और नोबेल से सम्मानित किया. शांति सम्मान नोबेल सत्यार्थीजी को कोटि कोटि धन्यवाद..प्रेमकश लामा

क्या आपने आज का सवाल प्रतियोगिता बंद कर दी है? मैं इतनी दूर से आकर इस प्रतियोगिता के लिए आपकी साइट देखता हूं. मुझे आपकी नई वेबसाइट बोर लगती है. क्या आपकी कोई और भी प्रतियोगिता होती है..अमोल परलकर, जालना, महाराष्ट्र

संकलनः विनोद चड्ढा

संपादनः आभा मोंढे