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तो अमेरिका भी मदद नहीं कर पाएगा

२७ फ़रवरी २०१५

अमेरिकी विशेषज्ञों ने पाकिस्तान पर चिंता जताई है. विशेषज्ञों के मुताबिक अगर पाकिस्तान की जमीन से हुए आतंकी हमले के चलते भारत भड़का तो अमेरिका इस्लामाबाद की मदद नहीं कर सकेगा.

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तस्वीर: AP

दक्षिण एशिया पर नजर रखने वाले दो अमेरिकी विशेषज्ञों ने अमेरिकी संसदीय समिति से कहा है कि अगर अपनी जमीन पर सक्रिय भारत-विरोधी आतंकवादी संगठनों को रोकने में पाकिस्तान नाकाम हुआ, तो भारत से होने वाले किसी खतरे को टालने में अमेरिका इस्लामाबाद की मदद नहीं कर पाएगा.

अमेरिकी संसदीय समिति से कार्नेगी एंडाउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के उपाध्यक्ष जॉर्ज पेर्कोविच ने कहा, "अगर पाकिस्तान भारत में सक्रिय रह चुके आतंकवादी पर कार्रवाई करने में प्रतिबद्धता नहीं दिखाता, तो हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते. शायद कुछ करने के लिए हमारे पास बहुत ज्यादा गुंजाइश भी न हो, क्योंकि यह वाकई में एक समस्या है."

अमेरिकी सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए पेर्कोविच ने कहा कि हालात बहुत बुरे नहीं हैं, अच्छी बात यह है कि भारत की पाकिस्तानी इलाके या पाकिस्तान की किसी भी चीज में दिलचस्पी नहीं है, "इसीलिए भारत का खतरा केवल पाकिस्तानी गुस्से या भारत में आतंकवाद का जबाव होगा."

Subrahmanyam Jaishankar
सार्क दौरे पर इस्लामाबाद जाएंगे जयशंकरतस्वीर: AFP/Getty Images/S. Loeb

समिति के सामने अपना पक्ष रखते हुए कार्नेगी एंडाउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के एश्ले टेलिस ने भी कुछ ऐसी ही बात कही. टेलिस के मुताबिक पाकिस्तानी सेना, पाकिस्तान के लिए खतरा लगने वाले आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई करने के लिए तत्पर दिख रही है, लेकिन भारत विरोधी आतंकवादियों के मामले में उसका रवैया ऐसा नहीं दिखाई पड़ता है.

भारत को चेतावनी

इस बीच भारत से लगने वाली सीमा पर पहुंचे पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल राहिल शरीफ ने नई दिल्ली को चेतावनी दी है. पाकिस्तानी सेना के बयान के मुताबिक शरीफ ने भारत पर विवादित सीमा पर लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने कहा कि ऐसे उल्लंघन आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई से पाकिस्तानी सेना का ध्यान भटका रहे हैं. भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच बीते महीनों में कश्मीर में जमकर गोलाबारी हुई है. शरीफ ने कहा कि ऐसी भड़काऊ कार्रवाई का उचित जवाब दिया जाएगा.

3 मार्च को भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं. नई दिल्ली का कहना है कि विदेश सचिव सार्क यात्रा पर हैं न कि पाकिस्तान यात्रा पर. हालांकि इसके बावजूद उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देशों के बीच छह महीने बंद रही द्विपक्षीय सचिव स्तर वार्ता फिर से शुरू हो सकती है.

ओएसजे/आरआर (पीटीआई,एपी)