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जेनेवा में यूक्रेन की अस्थिरता पर चर्चा

१७ अप्रैल २०१४

जेनेवा में यूक्रेन के राजनीतिक संकट को सुलझाने के तरीकों पर चर्चा हो रही है. इसके कुछ घंटे पहले ही यूक्रेन में एक सैन्य संचालन केंद्र पर पड़े छापे में रूस का समर्थन करने वाले तीन अलगाववादियों की मौत से तनाव बढ़ गया है.

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Ukraine Krise Kerry und Deshchytsia in Genf 17.04.2014
तस्वीर: Reuters

गुरूवार को यूक्रेन में जारी राजनीतिक गतिरोध के मुद्दे पर जेनेवा वार्ता में रूस, यूक्रेन और अमेरिका के विदेश मंत्रियों के अलावा यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रभारी हिस्सा ले रहे हैं. इस बैठक में ईयू की विदेश मामलों की प्रभारी कैथरीन ऐश्टन, रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव, अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रे देशचित्सया पूर्वी यूक्रेन में बढ़ती अशांति को दूर करने पर बातचीत कर रहे हैं.

यूक्रेन के अंतरिम प्रधानमंत्री आरसेन्य यात्सेन्युक ने कहा है कि उन्हें इस वार्ता से "बहुत ज्यादा उम्मीदें" नहीं है. उन्होंने यूक्रेन के स्थानीय मीडिया से बातचीत में बताया, "मुझे बहुत उम्मीदें इसलिए नहीं हैं क्योंकि मुझे रूस पर भरोसा नहीं. रूस सिर्फ एक ही चीज चाहता है और वह है स्थिति को और बिगाड़ना." गुरूवार को ही चार घंटे तक चले एक इंटरव्यू में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इन आशंकाओं को "बकवास" बताया कि विशेष रूसी सेनाएं पूर्वी यूक्रेन में अशांति को उकसाने की कोशिश कर रही हैं. पुतिन ने कहा, "यह सब बेकार की बातें हैं. पूर्वी यूक्रेन में कोई रूसी टुकड़ियां या विशेष सेनाएं नहीं हैं." लेकिन पहली बार उन्होंने माना कि क्रीमिया पर कब्जे के ठीक पहले वहां दिखाई दे रहे बिना किसी खास पहचान वाली यूनिफॉर्म पहने लोग रूसी सैनिक थे.

इसके ठीक पहले बुधवार रात को यूक्रेन में हुई एक सैन्य कार्रवाई में रूस के तीन समर्थकों की मौत हुई, जिसके बाद से माहौल गर्मा गया है. इन इलाकों में रूस समर्थक अलगाववादियों ने पुलिस स्टेशनों और कई दूसरी सरकारी इमारतों पर कब्जा कर रखा है. साथ ही इन लोगों ने पुतिन का आह्वान भी किया है कि वह यूक्रेन में रूसी सेनाएं भेज दें.

दूसरी ओर राजधानी कीव की सरकार और कई पश्चिमी देशों के अधिकारियों ने मॉस्को पर यूक्रेन विरोधी प्रदर्शनों को और हवा देने का आरोप लगाया है. रूस पर आरोप लग रहे हैं कि वह पूर्वी यूरोप में भी वही हथकंडे अपना रहा है जिन्हें इस्तेमाल कर उसने क्रीमिया पर कब्जा किया था. बुधवार रात को यूक्रेनी सेना करीब 300 लोगों की भीड़ को तितर बितर करने की कोशिश कर रही थी. इन्होंने मारियूपोल शहर में नेशनल गार्ड के मुख्यालय पर कब्जा कर रखा था. नेशनल गार्ड यूक्रेन सेना की एक खास यूनिट है. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार सैकड़ों की इस भीड़ में से तीन लोग मारे गए और 13 घायल हो गए. इसके अलावा 63 लोगों को बंदी बना लिया गया. कीव ने रूस समर्थक अलगाववादियों को कब्जे में ली गई सरकारी इमारतों को मंगलवार तक खाली करने की समय सीमा दी थी. इस समय सीमा के बीतते ही कीव ने अलगाववादियों के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू कर दिए.

Ukraine pro-ukrainische Demonstration in Simferopol 9.3.2014
तस्वीर: Reuters

पश्चिमी देशों के सैन्य संगठन नाटो के महासचिव आंदर्स फो रासमुसेन ने कहा है कि नाटो पूर्वी यूरोप और बाल्टिक देशों में स्थिति पर नजर रखने के लिए हवाई जहाज और युद्धपोतों को तैनात करेगा. नाटो के मुताबिक जरूरत पड़ने पर सैनिक भी भेजे जा सकते हैं. यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं है लेकिन यूरोपीय संघ देशों से जुड़ा हुआ है.

आरआर/एमजी (रॉयटर्स, एएफपी, डीपीए)