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जापान से आर्थिक और सुरक्षा समझौता

२ सितम्बर २०१४

भारत ने जापान के साथ आर्थिक और सुरक्षा समझौता करने का फैसला किया है. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर कहा कि वह लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को सुधारना चाहते हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

जापान की यात्रा में मोदी के साथ दर्जन भर भारतीय कारोबारी भी हैं. मोदी का कहना है कि वह जापान के साथ कारोबार को नए स्तर पर पहुंचाना चाहते हैं. जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे से मुलाकात के बाद उन्होंने रक्षा समझौते के महत्व को बताते हुए कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि जापान ने रक्षा संबंधी उपकरणों के निर्यात के कानूनों को नरम किया है.

साझा बयान में कहा गया कि मोदी और आबे "रक्षा उपकरणों और तकनीक में आने वाले दिनों में अभूतपूर्व संभावनाओं की पुष्टि" करते हैं. उनके बीच हुए समझौतों के तहत जापान भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को दोगुना कर देगा. आबे ने यह भी कहा कि सार्वजनिक और निजी निवेश कुल मिला कर 3500 अरब येन का होगा.

Japan Marine JS Makinami
रक्षा क्षेत्र में बड़े समझौतेतस्वीर: William West/AFP/Getty Images

बयान में हाई स्पीड ट्रेन और दूसरे ट्रांसपोर्ट सिस्टमों की बात की गई है. इसमें गंगा नदी की सफाई में सहयोग का वादा किया हया है और छोटे शहरों के निर्माण में मदद की भी बात कही गई है. मोदी ने जापानी निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि उनके लिए बेहतर परिस्थितियां बनाई जाएंगी.

मई में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने की बात कही है. उन्होंने जापान में इस बात को दोहराया, "जब मैं प्रधानमंत्री बना, तो लोगों को बहुत ज्यादा उम्मीदें थीं. सिर्फ उम्मीदें ही नहीं, बल्कि वे चाहते थे कि फैसले भी जल्दी लिए जाएं. मैं आपको भरोसा देना चाहता हूं कि पिछले 100 दिनों में हमने जो किया है, उसका नतीजा जल्दी ही दिखेगा."

जापान और भारत ने संयुक्त और जापान-अमेरिका-भारत सैनिक अभ्यासों को भी जारी रखने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि भारत और जापान परमाणु ऊर्जा में सहयोग करेंगे. दोनों देशों ने कहा कि वे जापान को रेयर अर्थ के निर्यात पर भी समझौता करने वाले हैं. इस पदार्थ का इस्तेमाल मोबाइल फोन, हाइब्रिड कार और दूसरे हाईटेक प्रोडक्टों में होता है.

आबे के 2006-2007 वाले पहले कार्यकाल में जापान ने भारत के साथ औद्योगिक गलियारा बनाने में मदद का समझौता किया था. यह गलियारा दिल्ली और मुंबई के बीच बनना है.

प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी लगातार विदेश यात्रा कर रहे हैं. इससे पहले वह भारत के पड़ोसी मुल्कों नेपाल और भूटान के दौरे पर गए थे, जबकि उन्होंने ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्राजील का भी दौरा किया था.

एजेए/ओएसजे (एपी)