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महिला सुरक्षा पर बहस

२३ अक्टूबर २०१४

छेड़खानी कर रहे बदमाशों से एक लड़की को बचाने के प्रयास में शिव सेना के रमेश जाधव की मौत से लोगों में काफी गुस्सा है. जाधव का मामला एक बार फिर भारत में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को उठाता है.

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तस्वीर: AP

दिवाली के मौके पर जहां लोग ट्विटर और फेसबुक पर पटाखों का इस्तेमाल ना करने की बात कर रहे थे, वहीं चर्चा का रुख अब महिलाओं के साथ बढ़ते दुर्व्यवहार की ओर हो गया है. जाधव ने एक महिला को उनकी छेड़खानी कर रहे लोगों से बचाने की कोशिश की थी लेकिन बदमाशों ने उन पर ही हमला कर दिया. अकेले जाधव पांच लोगों का सामना नहीं कर पाए और उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी. ट्विटर पर लोगों की कुछ इस तरह प्रतिक्रिया सामने आ रही है.

हालांकि कुछ लोग इसे मजहबी रंग देने की भी कोशिश में लगे हैं. राजनैतिक दल, पुलिस और मीडिया इसे सांप्रदायिक मोड़ ना देने की वकालत कर रहे हैं लेकिन इसकी सराहना करने वाले कम ही हैं. इस बीच पुलिस ने पांच में से तीन हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है.

जिस समय यह सब हुआ रमेश जाधव की बेटी भी उनके साथ थी, जो अपनी आंखों के सामने पिता की मौत देख कर सदमे में है.

गौरतलब है कि जिस महिला के साथ छेड़छाड़ हुई, उसके बारे में सोशल मीडिया पर कोई चर्चा नहीं चल रही है.