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जर्मनी में पढ़ाई: कैसे जुटाएं आर्थिक मदद

३० मार्च २०११

जर्मनी में पढ़ाई करने का फैसला करने के बाद से लेकर यहां दाखिला पाने तक का काम पूरा कर लेना आधी जंग जीत लेने जैसा है. इस जंग का दूसरा हिस्सा इसके बाद शुरू होता है. इसकी वजह है खर्च.

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तस्वीर: Fotoli/mipan

जर्मनी में पढ़ने के लिए पैसा जुटाना बड़ा काम है. लेकिन यहां उपलब्ध एजुकेशन लोन से लेकर अलग अलग तरह की स्कॉलरशिप इस काम को आसान करती हैं. बाहर से पढ़ने आने वाले छात्रों को जर्मनी के संस्थान कई तरह से वित्तीय मदद देते हैं. लेकिन यह मदद उन्हीं छात्रों को मिलती है जो दूसरों से बेहतर होते हैं. बेहतरी का मतलब सिर्फ पढ़ाई से नहीं है बल्कि छात्रों की सामाजिक सक्रियता और व्यक्तित्व को भी परखा जाता है. लेकिन अच्छी बात यह है कि जितने तरह के छात्र पढ़ने आते हैं उतनी ही तरह की संस्थाएं भी हैं जो अलग अलग पैमानों के आधार पर स्कॉलरशिप देती हैं.

ऐसे भी काफी प्रोग्राम हैं जो ग्रैजुएट और अंडरग्रैजुएट लेवल पर छात्रों की मदद करती हैं. लेकिन इसके लिए अहम है कि आप जल्दी से जल्दी जानकारी जुटाएं और अप्लाई करें क्योंकि अप्लाई करने वाले छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा होती है. हाल के सालों में सिर्फ तीन फीसदी जर्मन छात्रों को स्कॉलरशिप मिली हैं. इसका मतलब है कि छात्रों को अपनी आंखें और कान खुले रखने चाहिए.

कर्ज बिना दर्द

जर्मनी के कुछ राज्यों में अब संस्थानों ने ट्यूशन फीस लेना शुरू कर दिया है. इससे पढ़ाई काफी महंगी हो गई है. और बैचलर व पोस्ट ग्रैजुएट स्तर पर पढ़ाई का बोझ इतना ज्यादा होता है कि पार्ट टाइम काम करना भी आसान नहीं रह जाता.

इसलिए जर्मनी में बिना डर के कर्ज देने की बात जोर पकड़ रही है. देश में ऐसे काफी बैंक हैं जो सस्ती दरों पर छात्रों को लोन देते हैं. आंकड़े दिखाते हैं कि यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद छात्र ज्यादा दिन तक बेरोजगार नहीं रहते इसलिए वे अपना लोन आसानी से चुका पाते हैं. फिर भी, जो छात्र लोन लेना चाहते हैं उन्हें शर्तों को बहुत ध्यान से पढ़ना चाहिए.

सरकार प्रायोजित कर्ज

जर्मनी की सरकार भी छात्रों को कर्ज मुहैया कराती है लेकिन यह छात्रों के माता पिता की आय पर निर्भर करता है. BAfoeG नाम के कानून के तहत छात्र 650 यूरो यानी लगभग 40 हजार रुपये महीने तक की रकम ले सकते हैं. इसमें से आधी रकम पर किसी तरह का ब्याज नहीं होता जबकि आधी रकम ग्रांट की तरह होती है जिसे लौटाना नहीं होता.

सभी जर्मन छात्र BAfoeG के लिए अप्लाई कर सकते हैं. विदेशी छात्रों को कई शर्तें पूरी करनी होती हैं जिनमें से एक यह है कि वे कितने समय के लिए और क्यों जर्मनी में रहे हैं. इसके बारे में जानकारी यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट यूनियन से हासिल की जा सकती है.

स्कॉलरशिप की रकम

जर्मनी में दी जाने वाली ज्यादातर स्कॉलरशिप की रकम इस हिसाब से दी जाती है कि छात्रों का रहने खाने का खर्च निकल आए. लेकिन उसके बाद भी आप काम कर सकते हैं. जो छात्र काम करना चाहते हैं उन्हें इसकी जानकारी स्कॉलरशिप देने वाले को देनी होती है. इसके बाद उनकी स्कॉलरशिप में से उतनी रकम घटा दी जाती है जितना वे कमा रहे हैं.

राजनीतिक फाउंडेशन

जर्मनी में कई राजनीतिक दल छात्रों की मदद के लिए फाउंडेशन चलाते हैं जो उनकी वित्तीय मदद करती हैं. राजनीतिक दल इस बात को समझते हैं कि आज के छात्र कल के निर्णायक होंगे. इसलिए जर्मनी में छात्रों को पढ़ने का मौका देकर वे असल में उन्हें यहां के माहौल, संस्थाओं और कंपनियों से परिचित करवाते हैं.

यूं तो सभी मेधावी छात्र ये स्कॉलरशिप हासिल कर सकते हैं लेकिन ऐसे छात्रों को तवज्जो दी जाती है जो सामाजिक तौर पर सक्रिय होते हैं और जर्मनी में जुटाई जानकारी को अपने देश व समाज के फायदे के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं.

वित्तीय मदद

जर्मनी में छात्र संघों के संगठन ने जर्मनी में उपलब्ध स्कॉलरशिप और फंडिंग प्रोग्राम की जानकारी अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराई है. इसके अलावा जर्मन एकेडेमिक एक्सचेंज सर्विस (DAAD) की वेबसाइट पर भी काफी जानकारी उपलब्ध है.

रिपोर्टः क्लाउडिया उन्सेल्ड, गाबी रोएशर/विवेक कुमार

संपादनः ओ सिंह

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