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जर्मनी में अंग्रेजी में पढ़ाई

२९ मार्च २०११

अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों के लिए अब जर्मनी के रास्ते खुल रहे हैं. विचारकों और दार्शनिकों के इस देश में जर्मन भाषा पर मजबूत पकड़ के बगैर भी पढ़ाई करने के सपने को साकार किया जा सकता है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

जर्मनी में मास्टर्स की पढ़ाई करने के लिए अब जर्मन आना जरूरी शर्त नहीं रही है. खासकर उन छात्रों के लिए जो अंतरराष्ट्रीय करियर के लिए इच्छुक हैं. विदेश से आने वाले छात्र पढ़ाई के दौरान अपनी जर्मन भाषा को निखार सकते हैं. अंग्रेजी भाषा में अकाउंटिंग एंड कंट्रोलिंग से लेकर वर्ल्ड हेरिटेज स्टडीज के क्षेत्र में पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं. ये कार्यक्रम मोड्यूल्स में पढ़ाए जाते हैं और अधिकतर मोड्यूल में पाठ्यक्रम का अंतरराष्ट्रीय पहलू भी होता है. विदेश में कुछ समय बिताया होना एक जरूरी शर्त होती है और टेस्ट, असाइनमेंट को पास किया जाना जरूरी होता है.

जर्मनी में अधिकांश बैचलर्स और मास्टर्स कोर्स में छात्रों के पढ़ाई पूरी करने से पहले ही कंपनियों के साथ संपर्क को बढ़ाया जाता है ताकि छात्रों की नौकरी की संभावना को मजबूत किया जा सके. कोर्स का ताना बाना तैयार करने में वे कंपनियां अहम भूमिका निभाती हैं जिनकी योजना उस संस्थान के छात्र को नौकरी देने की होती है. वैसे छात्र भी पढ़ाई के दौरान कंपनी के साथ संपर्क बनाए रखते हैं.

बहुत सी यूनिवर्सिटी इस तरह के पाठ्यक्रमों में यूरोपीय नजरिए को अहमियत देती हैं. पढ़ाई करने वाले छात्रों को कम से कम दो सेमेस्टर की पढ़ाई यूरोप के किसी देश में पार्टनर यूनिवर्सिटी में पूरी करनी होती है. ऐसे कोर्स करने वाले छात्रों को ड्यूल डिग्री मिलती है.

जर्मनी में एक्सचेंज यूनिवर्सिटी

विदेशी छात्रों का जर्मनी में एक या दो सेमेस्टर की पढ़ाई करने के लिए स्वागत किया जाता है. विदेशी यूनिवर्सिटी और जर्मन विश्वविद्यालयों में ऐसे समझौते हैं जिनके तहत छात्र यहां से पढ़ाई करने के लिए बाहर जाते हैं और विदेशी छात्र एक-दो सेमेस्टर की पढ़ाई के लिए जर्मनी आते हैं. यूनिवर्सिटी में समझौता होने की वजह से दूसरी जगह पढ़ाई से मिले क्रेडिट को (अंक) मूल संस्थान स्वीकार करता है. इस व्यवस्था के जरिए हर साल छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों को दूसरे देश में जाकर पढ़ाई करने का मौका मिलता है.

जर्मनी में पढ़ाई के दौरान स्कॉलरशिप भी मिलती है. इनमें यूरोपीय संघ का एजुकेशनल कार्यक्रम ERASMUS भी शामिल है जिसका संचालन जर्मन एकेडेमिक एक्सचेंज सर्विस करती है जिसे DAAD के नाम से भी जाना जाता है.

रिपोर्ट: क्लाउडिया उन्सेल्ड/सचिन गौड़

संपादन: ओंकार सिंह जनौटी