1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जंग का एलान करने वाला खत

२६ जुलाई २०१४

ठीक 100 साल पहले 28 जुलाई, 1914 को वियना से बेलग्रेड युद्ध के एलान वाली एक चिट्ठी भेजी गई. चिट्ठी पहले ही लीक हो गई और पहले विश्व युद्ध के शुरू होने से पहले ही इसकी भनक फैल गई. फिर इतिहास का सबसे भीषण युद्ध हुआ.

https://p.dw.com/p/1Cj39
तस्वीर: picture alliance / akg-images

महीने भर पहले ही सर्बियाई युवक गावरिलो प्रिंसिप ने आर्चड्यूक फर्डिनांड की बोस्नियाई राजधानी सारायेवो में हत्या की थी. और अब ऑस्ट्रिया ने सर्बिया के खिलाफ युद्ध का एलान कर दिया. इस खत पर फर्डिनांड के पिता ऑस्ट्रिया के सम्राट फ्रांस योजेफ के दस्तखत थे. इस खत को सुबह 11:30 बजे सर्बियाई सरकार के हाथ में थमा दिया गया. तब तक सर्बिया की सेना 230 किलोमीटर दक्षिण नीस तक पहुंच चुकी थी. उसे इस बात का अंदेशा हो चुका था कि ऑस्ट्रिया हमला कर सकता है.

तमाम एहतियात के बावजूद इस खत का मजमून लीक हो गया था और पोलिटिका अखबार ने इसे देखते हुए एक इमरजेंसी एडिशन छाप दिया, जिसमें कह दिया गया कि अब युद्ध को रोका नहीं जा सकता है. खबर जंगल की आग की तरह फैली और लोगों ने बाजार में जो कुछ भी मौजूद था, खरीदना शुरू कर दिया. शहर के कुओं पर भी भीड़ लग गई क्योंकि अफवाह फैल चुकी थी कि पानी की सप्लाई भी रोक दी जाएगी.

ऑस्ट्रिया के प्रधानमंत्री को आशंका थी कि राजधानी को हमले से बचाया नहीं जा सकेगा, लिहाजा उन्होंने अपनी सेना नीस तक पहुंचा दी थी. सर्बिया में 28 जुलाई को मौसम भी अजीब सा हो रहा था. बादलों के बीच उमस थी. बीच बीच में बारिश भी हो रही थी. उसी रात युद्ध की पहली क्षति हो गई, जब सर्बियाई सेना ने ऑस्ट्रियाई नाव के खेवैया को मार गिराया.

इसके बाद ऑस्ट्रिया ने अपने सैनिक बेड़े भेजने शुरू कर दिए, जो बेलग्रेड पर बम बरसाने लगे. हालांकि ऑस्ट्रियाई नावें बहुत आधुनिक नहीं थीं और युद्ध में बहुत मदद नहीं कर पा रही थीं. अगली रात को दोनों तरफ के सैनिकों की मौत हो गई और युद्ध तेज हो गया.

Militärparade 1. Weltkrieg Musik
तस्वीर: Topical Press Agency/Getty Images

सर्बिया की सरकार ने सावा नदी पर बने रेलवे पुल को गिरा देने का आदेश दे दिया. योजना थी कि ऑस्ट्रिया की सेना को उस पार ही रोका जा सके. लेकिन विस्फोट बहुत तगड़ा नहीं था. पुल को क्षति तो हुई लेकिन पैदल उसे पार किया जा सकता था. जबकि नदी में युद्धपोतों को उतारा जा चुका था.

ऑस्ट्रिया और सर्बिया दोनों मानते हैं कि युद्ध में बेलग्रेड के 45 लाख लोगों में से 11 लाख की मौत हो गई. हजारों लोग बीमारी, भुखमरी और ठंड से मर गए. उसके ऊपर से 60,000 लोगों को फांसी दे दी गई, वह भी मुकदमे के बगैर. इतिहास ने अपना क्रूरतम युद्ध देखा, जो प्रथम विश्व युद्ध के तौर पर जाना गया.

अजीब संयोग यह रहा कि 1914 को युद्ध शुरू होने पर ऑस्ट्रिया ने एलान किया था कि सर्बिया खत्म हो जाना चाहिए लेकिन 1918 में जब युद्ध खत्म हुआ, तो सर्बिया एक शक्तिशाली राष्ट्र बन कर उभरा, जिसने संयुक्त यूगोस्लाविया की अगुवाई की.

एजेए/एएम (डीपीए)