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कौन जीता कौन हारा

१५ जुलाई २०१४

हर जीत हार के साथ जुड़ी होती होती है. जहां जीत होगी वहां कोई न कोई हारेगा जरूर. फुटबॉल विश्व कप भी इसका अपवाद नहीं है. टूर्नामेंट में सुआरेस से लेकर मारियो गोएत्से जैसे बहुत से चेहरे उभरे तो स्थापित चेहरों ने निराश किया.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

वर्ल्ड कप का सबसे महत्वपूर्ण विजेता ब्राजील खुद रहा जिसने सारी मुश्किलों के बावजूद अच्छे टूर्नामेंट का आयोजन किया. स्टेडियम और सड़कों पर इतना अच्छा माहौल था कि उसने पूरी दुनिया को अपने आगोश में ले लिया. सारी शंकाओं के बावजूद स्टेडियम का निर्माण समय पर पूरा हुआ और ब्राजील ने दिखा दिया कि वह अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट का आयोजन करने की हालत में है. 2016 में होने वाले ओलंपिक खेलों के आयोजन को लेकर चिंताएं कम हो गई हैं, लेकिन ब्राजील को अपनी सामाजिक समस्याओं पर ध्यान देना होगा और गरीब लोगों को विकास में हिस्सेदार बनाना होगा.

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तस्वीर: Imago

टूर्नामेंट चैंपियन चुनने के लिए होता है और जर्मन टीम ने चैंपियनशिप जीत कर अपने को आधिकारिक विजेता तो घोषित किया ही, वह टूर्नामेंट को नई दिशा देने वाली टीम भी साबित हुआ. मानुएल नॉयर सर्वोत्तम गोलकीपर बने तो मिरोस्लाव क्लोजे सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी. थोमस मुलर गोल बचाने वाले बने तो मारियो गोएत्से फाइनल के हीरो. अलमान्या (पुर्तगाली भाषा में जर्मनी) की फुटबॉल टीम ने मेजबानों के दिल जीते लिए, इसलिए भी कि उसने ब्राजील के चिर प्रतिद्वंद्वी अर्जेंटीना को हराया.

ब्राजील के वर्ल्ड कप को आक्रामक फुटबॉल के लिए जाना जाएगा. आरंभिक दौर में कुल 136 गोल हुए. काफी समय के बाद वर्ल्ड कप में खिलाड़ियों में गोल करने की भूख दिखाई दी. हालांकि नॉक आउट राउंड में फिर से सुरक्षात्मक खेल का बोलबाला रहा फाइनस से पहले 16 मैचों में सिर्फ चार मैचों का फैसला एक से ज्यादा गोल से हुआ. लेकिन यहां भी जर्मनी ने सेमीफाइनल में ब्राजील को 7-1 से मात देकर बताया कि जीत गोलों के साथ भी हो सकती है.

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तस्वीर: Reuters

इस टूर्नामेंट में मात खाने वालों में सबसे प्रमुख विश्व फुटबॉलर लियोनेल मेसी रहे. मुल्क उनके नेतृत्व वाली टीम से एक और सितारा जीतने की उम्मीद कर रहा था लेकिन लेकिन जर्मन टीम के सामने उनके खिलाड़ी यह चमत्कार नहीं कर पाए. खुद मेसी ने जादुई खेल जरूर दिखाया लेकिन समर्थन करने वाली टीम के अभाव में अर्जेंटीना कुछ नया नहीं कर पाया. डिएगो माराडोना उनके स्वागत में लाला कालीन बिछाना चाहते थे लेकिन टूर्नामेंट के बाद उन्हें सर्वोत्तम खिलाड़ी का पुरस्कार दिए जाने को भी स्वीकार नहीं कर पाए.

ब्राजील की टीम इस टूर्नामेंट की प्रमुख पराजितों में शामिल रही. उसे चैंपियनशिप का फेवरिट माना जा रहा ता लेकिन सेमी फाइनल में जर्मनी के खिलाफ उसने जैसा कमजोर खेल दिखाया उसने पूरी दुनिया में फैंस को निराश किया. ब्राजील फुटबॉल की खूबसूरती के लिए जाना जाता है लेकिन उसके खिलाड़ी न वह खूबसूरती दिखा पाए और न ही कलात्मक खेल कर जीतने की कला. ब्राजील कम से कम सेमीफाइनल तक तो पहुंचा, पिछले साल का चैंपियन स्पेन, इटली और इंग्लैंड तीनों ही आरंभिक राउंड में ही बाहर हो गए.

एमजे/ओएसजे (डीपीए)