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कोबलेंज़ः संगम, इतिहास और शहर

शिव प्रसाद जोशी२७ अगस्त २००९

9वी सदी ईसा पूर्व रोम शासकों ने इस जगह को नाम दिया था “कास्ट्रम आड कोनफ्ल्युंनटास” यानी संगम पर शिविर. कोबलेंज़ राइन और मोसुल नदी का विहंगम संगम है. ये शहर जर्मनी की इन दो महानदियों का मिलन बिंदु है

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इतिहास और नदियों का संगम है कोबलेंज़तस्वीर: Personenschiffahrt Merkelbach

एक नज़र में कोबलेंज़ शहर जर्मन इतिहास की तमाम सैन्य विसंगतियों की झलक सा दिखाता जान पड़ता है. यूं कहें कि मिलन कोण है. उस जगह का नाम ही है “डॉयशेसस अक” यानी जर्मन कॉर्नर जहां मोसुल राइन से आकर मिलती हैं. इस लिहाज़ से भी इसका ख़ासा पारंपरिक ऐतिहासिक राजनैतिक और वाणिज्यिक महत्व है. मध्य युगों से 19 वीं सदी तक कोबलेंज़ शक्तिशाली आर्चबिशप- ट्रियर के इलेक्टर्स का गढ़ था.

केंद्र में कोना

Koblenz - Deutsches Eck
मोसुल और राइन का मिलनतस्वीर: dpa

जर्मन कॉर्नर के पास ही जर्मन शासक विलहेल्म प्रथम की एक विशाल प्रतिमा है जिसमें वो अपने घोड़े पर शान से बैठा अपने सामने बहती दो नदियों को देख रहा है. और उनके मिलन बिंदु को भी. यानी उस संगम को भी. राइन नदी के दूसरे तट पर प्रशिया साम्राज्य का क़िला, एहरेग़नब्राइटश्टाइन है. कोबलेंज़ का ये हिस्सा हमें सेना और युद्ध की याद दिलाता है, तलवारों के चमकने और तोपों के गरज़ने की आवाज़े. मोसुल जहां राइन से मिलती हैं वहां आइफेल क्षेत्र के पहाड़ भी मिलते हैं. जर्मन कोने पर लगायी गयी मूर्ति और वहां की सजावट को देखते हुए 1930 में मशहूर व्यंग्यकार कुर्ट टूचोलस्की ने उसे “एक विशाल केक सज्जा” करार दिया था. उनकी नज़र में इस मनमोहक इलाके़ पर वो “एक चट्टानी गूमड़” है.

सैलानी आते हैं जहां

जर्मन कोना, बादशाह का स्मारक, और प्रशियाई किला ऐसी जगहें हैं जहां सैलानी आते ही आते हैं. वीडियो कैमरा और स्टिल कैमरा से तस्वीरें उतारना उनका शगल होता है. शहर की गलियां उन्हें बुलाती हैं. बाइनोकूलक लगातर वो विहंगम हरियाली भरे विस्तार को देर तर निहारते हैं औऱ कभी जब उनका ध्यान इस मदहोश करने वाली दृश्यावली में भटक जाता है तो वे खुद को पाते हैं बारों और पबों में जहां मिलती है राइन और मोज़ुल किनारों की उम्दा वाइन. उसका स्वाद भला किसे सातवें आसमान पर नहीं ले जाएगा. और वो आसमान यहां कोबलेंज़ में नहीं तो और कहां हो सकता है.

Deutschland Geschichte Koblenz Kaiser-Wilhelm-Denkmal am Deutschen Eck
रोमन शासकों की झलकतस्वीर: ullstein bild - histopics

कुछ लोग मासूमियत में वाइन और वातावरण के जादू में अनायास चले जाते हैं लेकिन वे ऐसा करने से बच सकें इसके लिए अच्छा तरीका है कार्ल बाएडेकर के अनुभवी ट्रैवल गाइड की मदद ले लेना. बाएडेकर नाम से कोबलेंज़ में उनका यात्रा प्रकाशन-गृह है. लेकिन फिर यहां पर ये जोड़ दें कि इलाकाई वाइन को इससे मतलब नहीं कि आपके पास गाइड है या नही. उसका सुरूर और उसकी तरंग और उसकी झूम तो बस जो है सो है. हर तरफ फैली हुई.

जहाज धुंआ और सैनिक
कोबलेंज के बार और रेस्तरां मालिक टूरिस्टों के आने से भले ही ख़ुश रहते हों लेकिन सीज़न के उरूज़ में शहर के एक लाख दस हज़ोर लोगों की आबादी पुराने सिटी सेंटर से ज़रा दूर ही रहती है. वजह है टूरिस्टों की भारी भीड़. लोग अपने काम में व्यस्त हैं उन्हें सैलानियों पर ध्यान देने की फुरसत नहीं. वे राइन हार्बर, सेवा सेक्टर अन्य उद्योगों और सरकारी दफ़्तरों में काम करते हैं. कोबलेंज़ में जर्मन सैन्य बलों के 12 हज़ार जवान अपनी रोज़मर्रा की ड्यूटी बजाते हैं. सैन्य जमावड़ा इस शहर की विशेषता ही बन गया है- रोमन दौर से लेकर आज तक.

बीटोफेन, मैटरनिश और छात्र

राइन और मोज़ुल नदियों के संगम पर बसे शहर के लिए हालात हमेशा से इतने बेफिक्र नहीं थे. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, शहर के दरवाजे को नियति ने झिंझोड़ डाला. मित्र देशों के बमवर्षकों ने अहम फौज़ी ठिकाने कोबलेंज़ को मलबे और राख के ढेर में तब्दील कर दिया. ऐसी युद्ध आसन्न परिस्थितियों से घिरा रहा और सैन्य छावनी बना रहा ये शहर एक ऐसी मां का है जिसने जर्मनी के लिए ही नहीं दुनिया के लिए एक महान संगीत की रचना की. और शहर की नियति को संगीत की मासूमियत से जोड़ दिया. उसका नाम है बीटोफेन. इस अमर संगीत रचनाकार की मां मारिया मागडालेना कोबलेंज में पैदा हुई थीं. दुनिया की सबसे बड़ी निजी बीटोफेन प्रदर्शनी कोबलेंज़ में लगायी जाती है. मां-बेटे की स्मृति को सम्मान देने का शहर का ये अंदाज़ निराला है. बीटोफेन का इस शहर से नाता रहा. उनके समकालीन थे कट्टरपंथी नेता प्रिंस फॉन मेटरनिश जिनका जन्म कोबलेंज़ में 1773 में हुआ था. वक़्त कैसे बीतता जाता है और इतिहास कैसे एक ही जगह पर घूमता रहता है इसकी एक मिसाल है कोबलेंज़ का नया यूनिवर्सिटी कैंपस. एक ज़माने में ये सैन्य गतिविधियों का ठिकाना था और आज ये अध्ययन अध्यापन की शांत जगह है. पुरानी बैरकों के एक काम्प्लेक्स में छात्रों और प्रोफेसरों की रिहायश है. और कहां? मैटरनिश में, जो कोबलेंज़ का ही एक उपनगर है!