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ओबामा की और प्रतिबंधों की धमकी

२४ अप्रैल २०१४

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आरोप लगाया है कि रूस जेनेवा समझौते का उल्लंघन कर रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे में उसे नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए.

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Barack Obama Japan 24.4.14
तस्वीर: Reuters

ओबामा इन दिनों एशिया यात्रा पर हैं लेकिन उनका ध्यान यूक्रेन पर ही लगा हुआ है. जापान में यूक्रेन और रूस के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "जेनेवा में हुई बैठक के बाद इस बात की कुछ उम्मीद बनी थी कि रूस सही रास्ता चुनेगा. लेकिन अब तक हमने उन्हें समझौते के अनुसार चलते नहीं देखा है, बल्कि हथियारों से लैस दंगाई इमारतों पर कब्जा कर रहे हैं. जो लोग उनकी बात मानने से इंकार कर रहे हैं, उन्हें वे परेशान कर रहे हैं. वे इलाके की स्थिति अस्थिर बना रहे हैं. और इस सब के बीच हमने नहीं देखा कि रूस ने इसे रोकने की कोई भी कोशिश की हो."

ओबामा की नाराजगी

पिछले हफ्ते ही यूक्रेन, रूस, अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों की जेनेवा में बैठक हुई जहां यूक्रेन की हालत सुधारने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. ओबामा ने कहा कि कीव में सरकार जेनेवा संधि का पालन करते हुए सुधार लाने की कोशिश कर रही है. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से मुलाकात के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने इस ओर भी इशारा किया कि अगर रूस संधि के अनुसार नहीं चलता है तो उसके खिलाफ कई तरह की रोक लगाई जा सकती है.

ओबामा ने कहा, "मैं यह कहना चाहता हूं कि हम प्रतिबंध लगाने की संभावनाओं पर विचार कर चुके हैं. इसके पीछे कई तार हैं." ओबामा अगर रूस पर प्रतिबंध लगाना चाहें तो उन्हें पहले यूरोपीय संघ के साथ चर्चा करनी होगी. उसके बाद ही वे कोई कदम उठा सकते हैं. रूस के साथ अमेरिका के आर्थिक रिश्ते ऐसे नहीं हैं कि अमेरिकी प्रतिबंधों का रूस पर कोई गंभीर असर पड़े.

यूरोप की मजबूरी

यूरोप के अधिकतर देशों के लिए यह आसान फैसला नहीं होगा क्योंकि व्यापार और ऊर्जा के लिए वे रूस पर काफी निर्भर करते हैं, जबकि अमेरिका के साथ ऐसा नहीं है. वहीं ओबामा चाहते हैं कि अमेरिका यूरोप के साथ मिल कर ही किसी नतीजे पर पहुंचे, भले ही इसमें ज्यादा समय ही क्यों ना लगे. हालांकि उन्हें इस बात का भी अंदेशा है कि रूस के लिए यह अहम की लड़ाई बन जाएगी. ओबामा ने कहा, "हो सकता है कि प्रतिबंधों का भी पुतिन की रणनीति पर कोई असर ना पड़े, ऐसा मुमकिन है."

Putin TV 17.04.2014
तस्वीर: Reuters/Alexei Nikolskyi/RIA Novosti

रूस का कड़ा रुख

अमेरिका ने रूस पर ये आरोप भी लगाए हैं कि वह यूक्रेन की सीमा पर सैनिकों के साथ हमले के लिए तैयार है और देश के कुछ हिस्सों में फौज भेज भी चुका है. वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन इन आरोपों को 'बेतुका' बता कर खारिज कर चुके हैं. पुतिन का कहना है कि पूर्वी यूक्रेन में रूसी सैनिक हैं ही नहीं, बल्कि वहां के अशांत माहौल के लिए वहीं के लोग जिम्मेदार हैं.

प्रतिबंधों को ले कर भी रूस का कड़ा रुख देखने को मिल रहा है. रूस ने पश्चिमी देशों को धमकी दी है कि अगर उनकी कंपनियों ने एक बार देश से निकलने का फैसला कर लिया तो उनके लिए दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे. रूस के प्राकृतिक संसाधन मंत्री सरगई डोंस्कोय ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "अगर आज वे हमारे साथ किए समझौते तोड़ते हैं, तो स्वाभाविक सी बात है कि भविष्य में उनके पास लौटने का कोई रास्ता नहीं बचेगा. आखिर, इसके कुछ तो परिणाम तो होंगे ही."

आईबी/एमजे (एएफपी, रॉयटर्स)