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एक समान हैं कीड़े, मक्खियां और इंसान

२८ अगस्त २०१४

इंसान के लिए नई दवा बनानी हो या फिर शरीर के किसी अंग के काम करने के तरीके को समझना हो, प्रयोगशाला में सभी तरह के टेस्ट या तो मक्खियों पर होते हैं या फिर कीड़ों पर. लेकिन अब तक यह नहीं पता था कि तीनों कितने सामान हैं.

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Fruchtfliege Drosophila melanogaster
तस्वीर: picture-alliance/dpa

फ्रांस में 200 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने फ्रूट फ्लाय, राउंड वर्म और इंसानों के आनुवांशिक ढांचे पर शोध किया और उनकी एक दूसरे से तुलना की. नतीजों में देखा गया कि तीनों का जीनोम यानि जीन के समूह लगभग एक समान हैं. हालांकि ये तीनों ही अलग अलग प्रजातियां हैं, इसके बावजूद इस तरह की समानता का मिलना वैज्ञानिकों के लिए हैरानी का सबब बन गया है.

साइंस पत्रिका नेचर में छपी रिपोर्ट में बताया गया है कि जीन के ढांचे से पता लगाया जा सकता है कि इन प्रजातियों ने किस तरह से इतनी शताब्दियों में खुद को बदला और मौसम के बदलाव इत्यादि के बाद भी खुद को लुप्त होने से बचा सके.

येल यूनिवर्सिटी में बायोमेडिकल इन्फॉर्मेटिक्स के प्रोफेसर मार्क गेर्स्टाइन ने बताया, "जब हम मक्खियों या कीड़ों की ओर देखते हैं, तो यह सोचना नामुमकिन सा होता है कि उनका इंसानों के साथ कोई लेना देना भी हो सकता है. लेकिन अब हम मानने लगे हैं कि इन तीनों में बहुत गहरी समानताएं हैं, जो इंसानी जीनोम को समझने में हमारे लिए मददगार साबित होंगी."

कैंसर का इलाज

वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में जीव विज्ञान की प्रोफेसर सैरा एलगिन का कहना है कि कैंसर से जुड़ी आधी से ज्यादा जीन फ्रूट फ्लाय और राउंड वर्म में भी होती हैं. वह उम्मीद कर रही हैं कि कैंसर का इलाज ढूंढने में इससे मदद मिल सकेगी. खास तौर से एपीजीन्स के बारे में पता किया जा सकता है. एपीजीन शरीर में मौजूद ऐसे स्विच होते हैं जो पता करते हैं कि बाकी के जीन ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं. बढ़ती उम्र, मौसम और सिगरेट-शराब से इन पर फर्क पड़ता है.

दवा बनाने वाली कंपनियां एपीजीन्स के इलाज के लिए दवाएं बनाने में काफी रुचि ले रही हैं. ऐसी मौजूदा करीब अस्सी फीसदी दवाओं का इस्तेमाल कैंसर के इलाज में हो रहा है. इसके अलावा मधुमेह और अल्जाइमर के इलाज के लिए भी इनका उपयोग किया जा रहा है.

सैरा एलगिन का कहना है कि दवा बनाने वालों को अब इस बात का ध्यान रखना होगा कि नई दवाओं का शरीर पर वैसा असर ना हो जैसा कि कीमोथैरपी का होता है जिसमें शरीर का संभलना ही मुश्किल हो जाता है. वह मानती हैं कि फ्रूट फ्लाय और राउंड वर्म पर प्रयोग कर के इस दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है.

आईबी/एमजे (एएफपी)