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उम्मीदों से भरी मोदी की जापान यात्रा

२८ अगस्त २०१४

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान दौरे पर जा रहे हैं. उनके दौरे पर भारत जापान के साथ परमाणु ऊर्जा समझौते पर समर्थन हासिल करने की उम्मीद कर रहा है. मोदी की नजर 85 अरब डॉलर निवेश भारत लाने पर भी है.

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तस्वीर: Reuters/Ministry of Information and Communication

भारत लंबे अर्से से जापान के साथ उसी तरह का परमाणु समझौता करना चाह रहा है जैसा करार अमेरिका के साथ 2008 में हुआ था. उस करार के तहत अमेरिकी कंपनियों को भारत को परमाणु ईंधन, तकनीक और संयत्र बेचने की छूट है साथ ही भारत को अपना सैन्य परमाणु कार्यक्रम भी नहीं छोड़ना पड़ा. लेकिन जापान भारत से स्पष्ट गारंटी चाहता है. भारत ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किया है. इस संधि के तहत अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को परमाणु संयंत्रों के निरीक्षण की इजाजत होती है कि कहीं परमाणु ईंधन का इस्तेमाल बम बनाने के लिए तो नहीं हो रहा है.

गंभीर प्रयास

भारत अपने परमाणु हथियार को चीन और पाकिस्तान जैसे परमाणु बम से लैस देशों से रक्षा के तौर पर देखता है. पिछले दो महीनों में दोनों पक्षों ने मोदी की यात्रा के पहले बातचीत में तेजी लाई है. ऊर्जा संधि के मसौदे को तैयार करने में अपनी राय देने वाले परमाणु ऊर्जा आयोग के एक पूर्व सदस्य के मुताबिक, "जापान की विशेष चिंताओं को दूर करने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं.

यह स्पष्ट नहीं है कि संधि प्रधानमंत्री की यात्रा के खत्म होने के पहले हस्ताक्षर के लिए तैयार हो पाएगी." टीवी टोक्यो का कहना है कि नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे लेकिन दोनों के बीच होने वाली बैठक पर पैनी नजर होगी. परमाणु सौदे की संभावनाओं को लेकर जापानी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं.

जापानी में ट्विट

मई में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी शनिवार को जापान की पांच दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं. यह उनकी दक्षिण एशिया के बाहर पहली बड़ी द्विपक्षीय यात्रा है. मोदी की यात्रा को एशिया में चीन के बढ़ते कद को संतुलित करने की दिशा में दोनों लोकतांत्रिक देशों की कोशिशों के तौर पर भी देखा जा रहा है. इसके अलावा मोदी और आबे रक्षा क्षेत्र में भी अपने रिश्ते मजबूत करना चाहते हैं. जापान के एम्फीबियस एयर क्राफ्ट को लेकर समझौते पर बातचीत को भी तेज करने की भी कोशिश है.

हाई स्पीड बुलेट ट्रेन को लेकर भी भारत जापान का समर्थन चाहता है. मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान देश में बुलेट ट्रेन लाने का वादा किया था. बुनियादी ढांचे भी बातचीत के केंद्र में होंगे.

नरेंद्र मोदी ने जापान यात्रा के पहले सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर जापानी भाषा में अपनी भावनाओं का इजहार किया. मोदी ने भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर पहली द्विपक्षीय यात्रा पर जापान जाने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें जुलाई की शुरूआत में ही जापान जाना था लेकिन वह संसद के सत्र की वजह से नहीं जा सके. मोदी ने कहा, "मैं अपनी जापान यात्रा को उस देश के साथ भारत के संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अवसर के रूप में देखता हूं."

एए/एमजे (रॉयटर्स, पीटीआई)