इराक को 5000 अमेरिकी मिसाइल
३१ जुलाई २०१४अमेरिका का कहना है कि वह इराक की सरकार की आइसिस के खिलाफ लड़ाई में मदद करना चाहता है. आइसिस ने इराक के कई शहरों पर कब्जा जमा लिया है. बार बार सवाल उठने पर भी अमेरिका ने इराक में सैनिक कार्रवाई से इनकार कर दिया है, पर वह शिया नेतृत्व वाली सरकार को हजारों मिसाइलें देने को तैयार हो गया है.
यह इस मिसाइल का अब तक का सबसे बड़ा सौदा होगा, जो एसी 208 जैसे विमानों से दागी जा सकती हैं.
इसमें 5000 एजीएम 114 के/एन/आर मिसाइलों के साथ साथ उनमें उपयोगी पुर्जों की बिक्री शामिल है. डिफेंस सिक्योरिटी कॉर्पोरेशन एजेंसी का कहना है कि यह कुल 70 करोड़ डॉलर की डील है. कॉर्पोरेशन के मुताबिक, "इराक हेलफायर मिसाइलों की मदद से अपने सुरक्षा बलों की क्षमता बढ़ा सकता है, जो जमीनी हमलों में मददगार साबित होंगे."
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने इस सौदे को मंजूरी दे दी है. इस तरह के हथियारों की बिक्री से पहले अमेरिका में संसद सदस्यों को भी जानकारी देनी पड़ती है. पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी का कहना है कि जुलाई महीने में ही अमेरिका ने इराक को 466 मिसाइलों की सप्लाई की हैं, जबकि जनवरी से अब तक 780 मिसाइलें इराक पहुंच चुकी हैं. अगस्त में भी 366 मिसाइलें भेजी जाएंगी.
अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन की बनाई गई इन मिसाइलों का इस्तेमाल अमेरिकी ड्रोन में हो रहा है, जो पाकिस्तान और यमन जैसे इलाकों में तैनात हैं. इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 200 सैनिक सलाहकारों को इराक भेजा. उन्होंने आइसिस आतंकवादियों के गढ़ पर हमले का विकल्प खुला छोड़ रखा है.
सलाहकारों की रिपोर्ट पर अमेरिका में राय मशविरा हो रहा है लेकिन किर्बी ने संकेत दिए कि फिलहाल वहां किसी तरह की सैनिक कार्रवाई का इरादा नहीं है, "वहां अमेरिकी सैनिक से समाधान नहीं हो सकता है. ऐसा नहीं होने जा रहा है."
एजेए/एमजी (एएफपी)