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इतिहास में आजः 30 मार्च

२९ मार्च २०१४

वॉशिंगटन में 30 मार्च, 1981 को गुलाबी दोपहर थी. राष्ट्रपति रीगन होटल के पास से गुजर रहे थे, तभी ताबड़तोड़ छह गोलियां चल गईं. पूरा अमेरिका सकते में आ गया. जेहन में जॉन एफ कैनेडी और अब्राहम लिंकन की तस्वीर कौंधने लगी.

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Ronald Reagan 1984
तस्वीर: AP

रीगन की छाती में गोली लगी थी, जो उनके शरीर को भेदती हुई फेफड़ों तक पहुंच चुकी थी. गोली दिल से सिर्फ एक इंच की दूरी पर थी. ऐसी हालत में जब उन्हें जॉर्ज वाशिंगटन अस्पताल पहुंचाया गया, तो वहां स्ट्रेचर नहीं था. रीगन चलते हुए अस्पताल के अंदर गए, फिर मूर्छा छाने लगी. सांस लेने में दिक्कत होने लगी और वो घुटनों के बल जमीन पर बैठ गए.

अमेरिका में इससे पहले जब भी किसी राष्ट्रपति पर गोली चली थी, वह जानलेवा ही साबित हुई थी. अब्राहम लिंकन, जेम्स गार्डफील्ड, विलियम मैकिनले और जॉन कैनेडी इसकी मिसाल हैं. सिर्फ 69 दिन पुराने राष्ट्रपति रीगन पर भी गोली चलने के बाद अमेरिका में हताशा छा गई. अमेरिका में 1980 के दशक में टेलीविजन बुलंदियों तक पहुंच चुका था. रीगन पर हमले की खबर जंगल में आग की तरह फैली. एक अनचाहा डर लोगों को परेशान करने लगा.

Flash-Galerie Ronald Reagan
फिल्मों में भी काम कर चुके हैं रीगनतस्वीर: AP

इस हमले की कहानी भी अजीब है. जॉन हिंकले जूनियर नाम के एक सिरफिरे ने जूडी फोस्टर की फिल्म टैक्सी ड्राइवर कई बार देख ली थी और वह जूडी से "प्यार" कर बैठा था. जूडी ने इस एकतरफा प्यार को खारिज कर दिया, तो हिंकले ने सोचा "कुछ ऐसा किया जाए कि दुनिया मुझे जाने और तब जूडी भी मेरी कद्र करेगी". चूंकि टैक्सी ड्राइवर फिल्म का हीरो रॉबर्ट डी नीरो राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की हत्या की साजिश रचता है, इसलिए हिंकले जूनियर ने भी ऐसा ही करने का इरादा किया.

कैनेडी की हत्या के बाद अमेरिकी राष्ट्रपतियों की सुरक्षा बहुत कड़ी कर दी गई थी. उन्हें आम तौर पर बुलेटप्रूफ जैकेट पहनना होता था और उनकी सुरक्षा में लगे लोगों को भी. लेकिन 30 मार्च, 1981 को जब राष्ट्रपति रीगन हिल्टन होटल से अपनी लिमोजीन कार की तरफ जा रहे थे, तो उन्होंने बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं पहनी थी क्योंकि यह सिर्फ 30 फीट की बात थी. लेकिन इसी दायरे में हिंकले जूनियर भी मशहूर जर्मन पिस्तौल रोएम के साथ खड़ा था.

रीगन जैसे ही वहां से गुजरे, हिंकले जूनियर ने सिर्फ दो सेकेंड में पूरी छह गोलियां खाली कर दीं. लेकिन संयोग से कोई भी गोली राष्ट्रपति को सीधे नहीं लगी. इतने समय में ही उनकी सुरक्षा टीम ने राष्ट्रपति को अपनी ओट में ले लिया. उन्हें उनकी कार तक पहुंचाया गया, जहां छठी और आखिरी गोली बुलेटप्रूफ शीशे से टकराकर उनकी बाईं छाती में धंस गई. अस्पताल तक पहुंचने में सिर्फ चार मिनट लगे, लेकिन तब तक राष्ट्रपति रीगन खून की उलटियां करने लगे थे.

पर आधुनिक इलाज ने उन्हें बचा लिया. उनका सफल ऑपरेशन हुआ. गोली निकाल दी गई और जब उन्होंने आंख खोली, तो मजाकिया लहजे में पूछा, "उम्मीद है कि आप सब यहां रिपब्लिकन ही होंगे."

महीने भर के अंदर राष्ट्रपति रीगन काम पर लौट आए. उन्होंने अपने दोनों कार्यकाल पूरे किए. आठ साल तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे और वहां के गिनती के शानदार राष्ट्रपतियों में शुमार हुए. शीत युद्ध खत्म करने में भी रीगन का बड़ा योगदान रहा और जर्मन राजधानी में बर्लिन की दीवार के बारे में उनकी कही गई बात आज भी याद की जाती है, "मिस्टर गोर्वाचोव, इस दीवार को गिरा दीजिए..."