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इतिहास में आज: 23 दिसंबर

ऋतिका राय२२ दिसम्बर २०१४

सन् 1888 में आज ही के दिन मशहूर डच पेंटर विंसेंट फान गॉग का एक हादसे में कान कट गया. कान किसने काटा इस पर विवाद है लेकिन बाद में इस घटना को दिखाते हुए उन्होंने अपना एक पोर्टेट बनाया जो 'बैंडेज्ड इयर' के नाम से मशहूर है.

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Bilder Van Gogh - Ausschnitt Vincent van Gogh Painting Sunflowers, 1888
तस्वीर: Van Gogh Museum

कला की दुनिया में आज निर्विवाद रूप से सबसे मशहूर पेंटरों में शुमार विंसेंट फान गॉग ने अपना जीवन बहुत मुश्किलों में काटा. आज उनकी पेंटिंग्स रिकॉर्ड दाम पर बिकती है लेकिन अपने जीते जी वह केवल एक पेंटिंग ही बेच पाए थे. 30 मार्च 1853 को नीदरलैंड्स में जन्मे गॉग की बेहद मशहूर पेंटिंग 'द पोटेटो ईटर्स' (1885) में उन्होंने गरीबी और अभाव में कटे अपने जीवन की झलक दिखाई है.

1886 में गॉग पेरिस गए और अपने छोटे भाई थियो के साथ रहने लगे. थियो एक आर्ट डीलर था और उसने गॉग की काफी मदद की. वह पेरिस में कई दूसरे पेंटरों से मिले और इससे गॉग के चित्रों में भी काफी बदलाव आया. 1888 में गॉग ने साउथ ऑफ फ्रांस के आर्ल्स में एक घर किराए पर लिया और एक आर्टिस्ट कॉलोनी बनाने का सपना देखा. वह कई सारी पेंटिग्स बेचकर आर्थिक रूप से मजबूत बनना चाहते थे और अपने भाई की मदद करना चाहते थे.

इसी घर में उनके साथ पेरिस से एक और कलाकार पॉल गाउग्विन भी रहने आए और दोनों मिलकर कुछ महीने तक इस सपने को पूरा करने की कोशिश में लगे रहे. 23 दिसंबर को दोनों के बीच किसी बात को लेकर मनमुटाव हुआ और फिर माना जाता है विवाद बढ़ने के क्रम में ही गॉग ने चाकू से अपना बायां कान काट लिया. इसके बाद उन्हें अस्पताल जाना पड़ा और इस हरकत के लिए उन्हें एक साल तक मानसिक चिकित्सा भी करवानी पड़ी. मानसिक अस्पताल में बीते वक्त में ही गॉग ने अपनी सर्वोत्तम रचनाएं कीं. बताया जाता है कि उन्हें पागलपन और सृजनात्मकता के दौरे आते थे. गॉग ने अपनी मशहूर कृतियां 'स्टारी नाइट' और 'आइरिसिस' भी यहीं बनाई थीं. 1890 में पेरिस लौटने के बाद भी वह अकेलेपन और व्यथा से ग्रस्त रहे. 27 जुलाई 1890 को जीवन से हारकर गॉग ने खुद को ही गोली मार ली और केवल 37 साल की उम्र में इस दुनिया से चले गए.