1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

"भारत में बड़े सुधारों का मौका"

२७ फ़रवरी २०१५

मोदी सरकार के पहले आम बजट में व्यापक बदलाव तय हैं. बजट से एक दिन पेश आर्थिक सर्वे ने इसके पुख्ता संकेत दिए हैं. प्रधानमंत्री ने भी सदन में इसके साफ संकेत दिए.

https://p.dw.com/p/1Eia4
तस्वीर: picture-alliance/dpa

आर्थिक सर्वे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन को संबोधित किया. मोदी ने साफ इशारा कर दिया कि उनकी सरकार जनता से किये गए अपने वादों को निभाएगी. उन्होंने काले धन का जिक्र करते हुए कहा, "मैं इस सदन के सामने कहता हूं कि सरकार काले धन के जरिए देश को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को छोड़ेगी नहीं. जरूरी नहीं है कि इसमें सिर्फ राजनेता ही हों, जो कोई भी होगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा."

सुधारों का संकेत देते हुए उन्होंने कहा शासन के अनाप शनाप खर्चों को रोका जाना चाहिए. फोटोकॉपी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जिरॉक्स होने के बावजूद शासन ने सर्टिफिकेट प्रमाणित करने का नियम नहीं बदला. कृषि क्षेत्र में सुधारों का इशारा देते हुए मोदी ने कहा कि सरकारी स्कूलों की प्रयोगशालाओं को जमीन की सेहत जांचने योग्य बनाया जाएगा. सरकार के मुखिया ने कहा कि नजरअंदाज की गई छोटी छोटी चीजों को भी लगातार बदला जाएगा, इन्हें मुसीबत का "वटवृक्ष" नहीं बनने दिया जाएगा.

Indien Premier Minister Narendra Modi
तस्वीर: Reuters

आर्थिक सर्वे

इससे पहले भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को भारतीय संसद ने निचले सदन लोक सभा में 2015-16 का इकोनॉमिक सर्वे पेश किया. सर्वे में उम्मीद जताई गई है कि भारत की विकास दर अब दहाई का आंकड़ा छूने को तैयार है.

मुख्य बिंदु:

  1. अगले वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2015- मार्च 16) में जीडीपी विकास दर 8.1-8.5 फीसदी रहेगी.
  2. आर्थिक विकास दर का दहाई के अंक तक पहुंचना अब संभव है.
  3. 2015-16 में आईटी सेक्टर की विकास दर 12-14 फीसदी होगी.
  4. रुझानों से लगता है कि अगले वित्तीय वर्ष में महंगाई कम होगी.
  5. बीते सालों में गिरने के बाद औद्योगिक विकास रफ्तार पकड़ेगा.
  6. वित्तीय घाटे को 4.1 फीसदी रखना मुमकिन है.
  7. 2015-16 में चालू राजकोषीय घाटा गिरेगा और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का एक फीसदी रहेगा.
  8. खाद्य सुरक्षा को टिकाऊ ढंग से जारी रखने के लिए कृषि क्षेत्र में उत्पादकता को बढ़ावा दिये जाने की जरूरत है.
  9. रेलवे में बहुत बड़े सरकारी निवेश के जरिए भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाया जाएगा.
  10. रेलवे में कम समय के लिए सरकारी निवेश करना जरूरी है, लेकिन यह निजी निवेश का विकल्प नहीं है.
  11. मेक इन इंडिया मिशन के तहत सूचना तकनीक सेवाओं (आईटी सर्विसेज) को गांवों तक पहुंचाया जाएगा.
  12. डाक घरों को आधार कार्ड पर आधारित लाभ की योजनाओं से जो़ड़ा जा सकता है. इससे आधार खाताधारकों को सीधे लाभ मिल सकेगा.

इन मुख्य बातों के साथ ही आर्थिक सर्वे में सुधारों पर जोर दिया गया है. सर्वे के मुताबिक निवेशकों में भरोसा पैदा करने के लिए भूमि अधिग्रहण, कोयला और बीमा क्षेत्र के कानूनों को बदलने की जरूरत है. गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लागू करने के लिए विधेयक को कानून में बदलने की जरूरत है. सर्वे में कहा गया है कि, "भारत इतनी अच्छी जगह पहुंच चुका है जहां बेहद बड़े सुधारों की संभावना है."

आम बजट से एक दिन पहले पेश होने वाले आर्थिक सर्वे में बीते साल की आर्थिक योजनाओं की समीक्षा होती है. इसके जरिए आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए सरकारी तैयारियों की झलक भी मिलती है.

रिपोर्ट: ओंकार सिंह जनौटी

संपादन: ऋतिका राय