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अमेरिका में नस्लवादी दंगों का इतिहास

डेनिस स्टूट/एएम (एएफपी)२६ नवम्बर २०१४

अमेरिका में रंगभेद और नस्लवाद पर आक्रोश कई बार दिखाई दिया है और इस कारण कई बार दंगे भी हुए हैं. पिछले 50 साल के सबसे गंभीर नस्लवादी दंगों पर एक नजर.

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Demonstranten in Cincinnati
तस्वीर: picture-alliance/dpa/D. Maxwell

अमेरिका के मिसूरी में दंगे जारी हैं. सेंट लुईस इलाके में करीब 2,000 नेशनल गार्ड तैनात हैं. दंगे तब शुरू हुए जब एक अश्वेत किशोर माइकल ब्राउन को गोली मारने के मामले में फैसला सुनाते हुए जज ने पुलिस अधिकारी को निर्दोष करार दिया. इस बीच उस अमेरिकी श्वेत पुलिसकर्मी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि माइकल ब्राउन पर गोली चलाते समय उनका जमीर बिलकुल साफ था.

वॉट्स, 1965

11 अगस्त 1965 को लॉस एंजेल्स के वॉट्स में सामान्य यातायात नियंत्रण दंगों का कारण बन गया. श्वेत पुलिसकर्मियों और कार चलाने वाले अश्वेत व्यक्ति के परिवार के बीच वाद विवाद हुआ. इसके बाद लोगों की भीड़ जमा होनी शुरू हुई जो 21 साल के युवक की गिरफ्तारी के बाद भी बढ़ती रही और फिर पुलिस पर हमला हुआ. 30,000 लोगों की भागीदारी वाले ये दंगे हफ्ता भर चलते रहे. इनमें 34 लोग मारे गए और कई सैकड़ें घायल हुए. करीब चार करोड़ अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ.

न्यूआर्क, 1967

न्यू जर्सी के न्यूआर्क में 12 जुलाई 1967 के दंगे भी एक अश्वेत चालक और श्वेत पुलिसकर्मी के बीच विवाद के साथ शुरू हुए. दोनों पुलिसकर्मियों ने टैक्सी चालक को इतना मारा कि उसे अस्पताल ले जाना पड़ा. इसके बाद अफवाह फैली कि उस व्यक्ति की मौत हो गई. इस खबर के बाद पांच दिन तक दंगे होते रहे और नेशनल गार्ड्स को तैनात करना पड़ा. इन दंगों में 26 लोगों की मौत हुई.

डेट्रॉयट, 1967

तब तक के सबसे गंभीर दंगे 23 जुलाई 1967 को डेट्रॉयट में शुरू हुए. कारण था एक अवैध बार में छापा. जिस समय छापा पड़ा उस समय दो वियतनामी अपने लौटने की पार्टी कर रहे थे. पुलिस ने मौजूद सभी 80 लोगों को गिरफ्तार करने की कोशिश, इस दौरान हिंसा शुरू हुई. पांच दिन चले दंगों के बाद 43 लोगों की जान गई और 1,000 लोग घायल हुए. पुलिस और नेशनल गार्ड्स ने करीब 7,000 लोगों को गिरफ्तार किया.

मार्टिन लूथर किंग की हत्या, 1968

4 अप्रैल 1968 को अश्वेतों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले मार्टिन लूथर किंग की जब टेनिसी के मेम्फिस में हत्या हुई तो अमेरिका के कई शहरों में हिंसा भड़की, जिसमें 36 की मौत हुई और 2,000 लोग घायल हुए. सबसे ज्यादा हिंसा शिकागो, बाल्टीमोर और वॉशिंगटन में हुई. वॉशिंगटन में तो हत्या के कुछ ही समय बाद दंगे शुरू हो गए थे. इन्हें नियंत्रित करने के लिए व्हाइट हाउस को 10,000 सैनिक तैनात करने पड़े. छह दिन जारी रहे इन दंगों में 1,200 इमारतों को नुकसान पहुंचा.

लिबर्टी सिटी, 1980

साठ का दशक खत्म होने के बाद नस्ली हिंसा 1980 में मायामी फ्लोरिडा में हुई. उस साल आठ मई को अदालत ने चार ऐसे श्वेत पुलिसकर्मियों को निर्दोष करार दिया था जिन्होंने एक साल पहले एक अश्वेत मोटरसाइकिल चालक को रेड लाइट क्रॉस करने पर इतना मारा कि उसकी मौत हो गई. अश्वेत बहुल इलाके लिबर्टी सिटी में इसके बाद विरोध प्रदर्शन हुए जिन्होंने जल्द ही हिंसक रूप ले लिया. तीन दिन तक दंगों के बाद नेशनल गार्ड की तैनाती और कर्फ्यू के बाद ये खत्म हुए. इन दंगों में 18 की मौत हुई, 400 घायल हुए और 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ.

लॉस एजेंल्स, 1992

एक वीडियो लगातार टीवी पर दिखाया जाता रहा, जिसमें पुलिस गिरे हुए एफ्रो अमेरिकी रॉडनी किंग को घेर कर खड़ी है और उसे लगातार डंडे से मार रही है. पुलिसकर्मियों को यह पता नहीं था कि एक व्यक्ति इस घटना का वीडियो बालकनी से ले रहा था. इस मामले की सुनवाई श्वेत अमेरिकी जूरी ने की और 29 अप्रैल 1992 को उन्हें बरी कर दिया गया. इस फैसले के बाद अमेरिका में 20वीं सदी के सबसे बुरे दंगे शुरू हुए. करीब 50 लोग मारे गए और 2,000 घायल. एक अरब डॉलर का नुकसान हुआ.

सिनसिनाटी, 2001

1992 के बाद हुए गंभीर दंगे. हालांकि इसमें किसी की जान नहीं गई लेकिन 800 लोगों को गिरफ्तार किया गया. सिनसिनाटी में बार बार युवा अश्वेत पुलिस की गोली से मारे जा रहे थे. 19 साल का टिमथी थॉमस 1995 से उस समय तक मारे जाने वाला 15वां व्यक्ति था. उसे सात अप्रैल को एक श्वेत पुलिसकर्मी ने गोली मारी थी. इसके बाद लोगों ने पुलिस पर हमला किया और दुकानें लूटी गईं. चार दिन चले दंगों के बाद रात के कर्फ्यू से स्थित काबू में आई. इस मामले में भी टिमथी को मारने वाले पुलिसकर्मी को बरी कर दिया गया.