1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सीरिया में फिर नरसंहार

७ जून २०१२

सीरिया में एक और नरसंहार में कम से कम सौ लोगों की जान गई है. सरकार न केवल जिम्मेदारी लेने से इनकार कर रही है बल्कि नरसंहार की खबर को ही अफवाह बता रही है.

https://p.dw.com/p/159vP
तस्वीर: dapd

विपक्ष के अनुसार सेना ने हमा प्रांत में गोलाबारी की. विपक्षी दल सीरियन नेशनल काउंसिल के प्रवक्ता मोहम्मद सेर्मिनी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "अल कुबेर गांव में सौ मौतें हुई हैं. इनमें बीस महिलाएं और बीस बच्चे शामिल हैं." अन्य सूत्रों ने भी नरसंहार की रिपोर्ट को सही बताया है. हालांकि सीरिया में मानवाधिकारों पर नजर रखने वाले दल ने मारे गए लोगों की संख्या 87 बताई है.

सरकार ने इस रिपोर्ट का खंडन करते हुए टीवी पर एक संदेश प्रसारित किया जिसमें कहा गया, "कुछ मीडिया हमा प्रांत के अल कुबेर के बारे में रिपोर्ट दे रहे हैं जो कि पूरी तरह गलत है." हमले की जिम्मेदारी लेने से इनकार करते हुए सरकार ने कहा है, "एक आतंकवादी गुट ने हमा में घोर अपराध किया जिसका नौ लोग शिकार बने. मीडिया की रिपोर्टों के कारण सीरिया में खून खराबा हो रहा है."

इस से पहले 25 मई को हूला शहर में हुए नरसंहार में 108 लोगों की जान गई. मारे गए लोगों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे.

चीन और रूस का समर्थन

इस घटना से पहले ही रूस और चीन ने कहा कि वे सीरिया के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते और ना ही देश में सरकार में किसी बदलाव के हक में हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के नेताओं के बीच चली दो दिन की बैठक के बाद एक साझा बयान में कहा गया, "रूस और चीन निर्णयात्मक ढंग से सीरिया में चल रहे संकट को सैन्य हस्तक्षेप कर के सुलझाने के खिलाफ हैं और सरकार को बदलने की नीति को थोपे जाने का भी समर्थन नहीं करते."

Syrien Massaker Hula nachgestellt von Studenten
हूला में नरसंहार के खिलाफ प्रदर्शन करते छात्रतस्वीर: Reuters

चीन पहुंचे रूस के विदेश मंत्री सेरगई लावरोव ने चेतावनी दी कि यदि सीरिया में सरकार बदली तो मध्य पूर्व के हालात बिगड़ सकते हैं. राजधानी बीजिंग में उन्होंने कहा, "सीरिया के बाहर विपक्ष अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बार बार अपील कर रहा है कि असद सरकार पर हमले किए जाएं और इस सरकार को बदला जाए. यह बहुत जोखिम भरा है. मैं तो यह भी कहूंगा की इस तरीके से पूरे इलाके में संकट स्थिति उत्पन्न हो जाएगी."

संयुक्त राष्ट्र की सिरदर्दी

वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री हिलरी क्लिंटन ने इस्तांबुल में यूरोपीय देशों के साथ बैठक में सीरिया के मुद्दे पर चर्चा की. बैठक के बाद एक अधिकारी ने बताया कि क्लिंटन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सीरिया प्रशासन से आर्थिक तौर पर सारे तार तोड़ लेने की अपील की है. अधिकारी ने बताया कि क्लिंटन ने सीरिया में तख्तापलट और देश में अंतरिम सरकार के गठन की बात की जो लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव करा सके.

सीरिया में मार्च 2011 से चल रहे संघर्ष में 13,500 लोगों की जान जा चुकी है. पूर्व संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफी अन्नान के शांति समझौते के अनुसार देश में 12 अप्रैल से युद्धविराम लगाया गया. लेकिन एक सप्ताह में ही यह फेल हो गया. सीरिया में मौजूद संयुक्त राष्ट्र के तीन सौ पर्यवेक्षकों के अनुसार देश में हालात बिगड़ते जा रहे हैं और हिंसा के मामले बढ़ते जा रहे हैं. कोफी अन्नान गुरूवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीरिया को ले कर एक नया प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे. प्रस्ताव में सीरिया में राजनीतिक बदलाव पर ध्यान दिया जाएगा. एक अधिकारी के अनुसार यह कुछ वैसा ही होगा जैसा यमन में राष्ट्रपति अली अब्दुल सालेह को सत्ता से हटाने के लिए किया गया था.

आईबी,एएम (एएफपी/रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें