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सिगरेट से मोटापा

५ अप्रैल २०१४

सिगरेट पीना या बचपन की दूसरी बुरी लतें इतनी खराब होती हैं कि उसका असर इंसान की अगली पीढ़ी पर भी हो सकता है. रिसर्चरों ने पाया कि 11 साल की उम्र से पहले सिगरेट पीना शुरू करने वालों के बेटों को मोटापे का जोखिम होता है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

ब्रिटिश वैज्ञानिकों का कहना है कि 90 के दशक के बच्चों पर किए जा रहे एक रिसर्च के हिस्से में मिले नतीजे दिखाते हैं कि किशोरावस्था से पहले सिगरेट पीना शुरू करने का असर अगली पीढ़ी के मेटाबोलिज्म पर हो सकता है. इस स्टडी की अगुआई कर रहे यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के जेनेटिक्स प्रोफेसर मार्कुस पेमब्रे कहते हैं, "पीढ़ीगत प्रभाव के पता लगने का इस समय मोटापे में आई तेजी और उसकी रोकथाम के कदमों के अध्ययन पर बड़ा असर होगा."

ब्रिटेन और यूरोप के दूसरे हिस्सों में सिगरेट पीने की दर गिर रही है, लेकिन दुनिया भर में करीब 1 अरब पुरुष सिगरेट पीते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विकसित देशों में 35 फीसदी और विकासशील देशों में 50 फीसदी पुरुष सिगरेट पीते हैं. जानवरों और इंसानों पर हुए पुराने रिसर्च में अगली पीढ़ी पर होने वाला असर पाया गया है, लेकिन अब तक इसके सबूत बहुत सीमित रहे हैं. यह एपीजेनेटिक्स की ओर इशारा करता है, जिसमें लाइफस्टाइल और पर्यावरण के कारक कुछ जीन को ऑन या ऑफ कर सकते हैं. इसका असर अगली पीढ़ी के स्वास्थ्य पर होता है.

पेमब्रे का कहना है कि उनकी टीम को इस शोध के लिए प्रेरणा स्वीडन के उन स्टडीज से मिली जिनमें पिता की पीढ़ी के बचपन में खान पान और पौत्र पीढ़ी में मृत्यु दर को एक साथ जोड़ा गया था. यूरोपियन जरनल ऑफ जेनेटिक्स में प्रकाशित ताजा स्टडी के लिए रिसर्चरों ने 9886 पिताओं के लाइफस्टाइल, जेनेटिक और दूसरे स्वास्थ्य डाटा की जांच की. इनमें से 54 फीसदी यानि 5376 कभी न कभी सिगरेट पीते थे और उनमें से 166 यानि 3 फीसदी ने बताया कि उन्होंने 11 साल की उम्र से पहले ही सिगरेट पीना शुरू कर दिया था.

अगली पीढ़ी को देखने पर रिसर्च टीम ने पाया कि जिन लोगों ने 11 साल की उम्र से पहले सिगरेट पीना शुरू किया था, 13, 15 और 17 साल की उम्र में उनके बेटों का मोटापे को मापने वाला बॉडी मास इंडेक्स उन लोगों के बेटों की तुलना में बहुत ज्यादा था, जिन्होंने बाद में सिगरेट पीनी शुरू की या कभी नहीं पी. स्टडी के मुकाबिक 13 से 17 के बीच में इन बच्चों का वजन दूसरों की तुलना में 5 से 10 किलोग्राम ज्यादा था. बेटियों में यह असर इतना नहीं पाया गया.

इस रिसर्च से नहीं जुड़े हुए बाहरी विशेषज्ञों ने शोध के नतीजों पर संयम दिखाया है. साउथम्प्टन यूनिवर्सिटी में न्यूट्रिशन एक्सपर्ट ग्रैहम बर्ज का कहना है कि शोध के नतीजे "बचपन में होने वाले मोटापे को प्रभावित करने वाले कारकों पर नई जानकारी दे सकते हैं." लेकिन उनका कहना है कि इससे यह नतीजा नहीं निकाला जा सकता कि बचपन में मां बाप के सिगरेट पीने से बच्चों में मोटापा होता है. किंग्स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर टिम स्पेक्टर का कहना है कि हमें बच्चे के डीएनए में सिगरेट पीने से जुड़ी एपिजेनेटिक्स बदलाव की पुष्टि करनी होगी.

एमजे/आईबी (रॉयटर्स)