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सबका पसंदीदा टी.वी.शो 'मंथन'

१२ अक्टूबर २०१२

"जो दर्शक एक बार 'मंथन' देख लेगा,वह हर हफ्ते इसे देखना चाहेगा"....ऐसा फीडबैक अपने श्रोताओं, पाठकों से पाकर हमें बडी खुशी हई. ... तो मंथन का अगला एपिसोड कल देखना न भूलना..और हमें अपनी राय भी जरूर भेजिएगा....

https://p.dw.com/p/16P8O
Sendungslogo TV-Magazin "Manthan" (Hindi)
तस्वीर: DW

मैंने आपसे आपके कार्यक्रम मंथन के बारे में पूछा था कि यह कब भारत में दूरदर्शन पर प्रसारित होता है आपने मुझे बताया था इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद. मैंने आपका कार्यक्रम पिछले शनिवार को देखा था बहुत ही ज्ञानवर्धक था सभी जानकारियां एक से एक बढ़ कर थी. अब कल का कार्यक्रम भी देखने की कोशिश करूंगा. आपसे मेरा निवेदन है कि अगर आप लोग इसी तरह से एक पर्यटन से सम्बंधित कार्यक्रम बनाते तो बहुत अच्छा होता,जिसमें जर्मनी के साथ पूरे विश्व के पर्यटन स्थलों को दिखाया जाता और उनकी विशेषताओं को बताया जाता.अगर संभव हो तो आप मेरे इस सुझाव पर गौर करने की कृपा करियेगा.
सतीश चन्द मधेशिया, गोरखनाथ, गोरखपुर

ज्ञान विज्ञान मंथन कार्यक्रम में रिसाइकलिंग पर सचित्र वर्णन दिलचस्प रहा. इस प्रयास से प्राकृतिक प्रदूषण में कमी आयेगी क्योंकि अनेक प्रकार के कचरे का फिर इस्तेमाल करके नई उपयोगी वस्तु बना सकते है, जिससे वायु और मिट्टी का प्रदूषण काफी कम होगा. सच में यह अनोखा कार्यक्रम है यह सफल प्रयास सार्थक है.
हेमलाल प्रजापति, सोनपुरी, पोस्ट-टेंगनमाड़ा, जिला बिलासपुर,छत्तीसगढ

डॉयचे वेले की टी.वी.पत्रिका मंथन का 6 अक्टूबर को प्रसारित एपिसोड बेहतरीन था. बाएं हाथ से काम करने वाले यानि खब्बुओं और खास तौर से उनके लिए निर्मित उपकरणों की जानकारी बहुत ही दिलचस्प और ज्ञानवर्धक लगी, जो दर्शक एक बार 'मंथन' देख लेगा, वो हर हफ्ते इसे देखना चाहेगा. मंथन में जानकारी देने वाले अपने प्रिय उद्घोषकों की आवाजें सुनकर रेडियो डॉयचे वेले की याद ताजा हो जाती है.ऐसा लगता है कुछ साल पहले प्रसारित 'ज्ञान और विज्ञान' कार्यक्रम फिर शुरू हो गया है.हर वर्ग के लिए रुचिकर टी.वी.शो 'मंथन' तैयार करने के लिए डॉयचे वेले और दूरदर्शन को हार्दिक धन्यवाद.
चुन्नीलाल कैवर्त,ग्रीन पीस डी-एक्स क्लब सोनपुरी,जिला बिलासपुर,छत्तीसगढ़

क्या कहूं? मेरे पास शब्द नहीं हैं खुशियों को व्यक्त करने के लिए.इतने दिन बाद आप लोगों को फिर से सुन पाऊंगा यह तो मैं कभी सोच ही नहीं सकता था. लेकिन आप लोग आए हैं मंथन के माध्यम से, और अगर कार्यक्रम के बारे में कहूं तो यह एक बहेतरीन प्रस्तुति थी. मैं हर एपिसोड देखने की कोशिश करूंगा. बहुत बहुत धन्यवाद.

सौरिश रॉय,जलपायगुडी, पश्चिम बंगाल

26 करोड की लागत से बने कचरा निपटाने के प्लांट की झलक व कार्यशैली आज के मंथन कार्यक्रम में देखने को मिली.सही है कि कचरे की शिक्षा स्कूल से दी जानी चाहिए. इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर त्योहार की जानकारी भी मिल गयी. महेश जी ने बताया कि जर्मनी विश्व में दूसरे स्थान पर है तो पहले नंबर पर कौन है? सच में आज भी खूब आनन्द आया. अच्छे कार्यक्रम के साथ अच्छी प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

अनिल द्विवेदी,सैदापुर अमेठी सुलतानपुर उत्तर प्रदेश

संकलनः विनोद चड्ढा

संपादनः आभा मोंढे