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सऊदी की औरत ने फिर कार चलाई, फिर गिरफ्तार

२० जुलाई २०११

सऊदी अरब में एक महिला को इसलिए गिरफतार किया गया क्योंकि तबीयत खराब होने पर वह कार चला कर अस्पताल पहुंचना चाह रही थी. वहां महिलाओं के कार चलाने पर पाबंदी है.

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Frau fährt Auto, Frauenhand am Schalthebel eines Autos
तस्वीर: Illuscope

सऊदी अखबार ओकाज में छपी रिपोर्ट के अनुसार 35 वर्षीय महिला को जेद्दा शहर में गिरफ्तार किया गया. बाद में पिता के जमानत देने पर उसे छोड़ दिया गया. सऊदी अरब दुनिया का इकलौता देश है जहां महिलाओं को गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं है. हालांकि देश में ऐसा कोई कानून नहीं है, लेकिन देश के गृह मंत्री ने एक फतवे के आधार पर यह रोक लगाई हुई है.

इस महिला ने बताया कि उसे इमरजेंसी में गाड़ी चलानी पड़ी. उसके बदन से लगातार खून बह रहा था और उसे तुरंत अस्पताल पहुंचना जरूरी था. उस समय न उसके पास कोई ड्राइवर था और न ही उसे कोई टैक्सी मिल पाई, इसलिए उसे खुद ही गाड़ी चलानी पड़ी. पर पुलिस के लिए गृह मंत्री का आदेश महिला की जान से ज्यादा जरूरी था. इसलिए अस्पताल पहुंचाने की जगह उसे थाने ले जाया गया.

Picture issued 11 July 2005 shows a Saudi woman sitting behind the steering wheel of a car. The debate over whether Saudi women should be allowed to drive rages on as they are still the only women in the world banned from driving a car. +++(c) dpa - Report+++ Schlagworte Auto, Frauen, Gesellschaft, Wirtschaft, Autofahrerin, schleier, verschleiert
तस्वीर: picture alliance/dpa

सऊदी अरब में यह कोई नई बात नहीं है. महिलाओं के लिए सख्त नियम हैं कि वो बिना बुर्के के और बिना किसी पुरुष साथी के बाहर नहीं जा सकतीं. सऊदी समाज में महिलाओं और पुरुषों का घुलना मिलना स्वीकार नहीं और न ही महिलाओं को किसी अनजान पुरुष के साथ कहीं जाने की इजाजत है. लेकिन अनजान ड्राइवर के साथ बाहर जाने पर कोई रोक नहीं है.

पिछले महीने सऊदी अरब की महिलाओं ने बड़ी तादाद में गाड़ी चलाने पर लगी रोक का विरोध करते हुए गाड़ियां चलाईं. फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेट्वर्किंग साइटें इन प्रदर्शनों के फैलने में मददगार साबित हुईं. प्रदर्शनों की शुरुआत एक 35 वर्षीया महिला से हुई. उसने गाड़ी चलाते हुए अपना वीडियो यूट्यूब पर डाला. वीडियो डालने के 10 दिन बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उस समय हिलेरी क्लिंटन ने प्रदर्शनों का समर्थन करते हुए कहा था, "ये महिलाएं जो कर रही हैं वो बहुत साहस भरा है और उनकी मांगें सही हैं." पिछले हफ्ते भी ओमान की दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया और फिर उनसे माफीनामे पर हस्ताक्षर करवा कर उन्हें छोड़ दिया गया.

रिपोर्ट: एएफपी/ ईशा भाटिया

संपादन: ए जमाल

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