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लुप्तप्राय प्रजातियों की तस्करी रोकते खोजी कुत्ते

११ सितम्बर २०११

इंसान के सबसे वफादार साथी कुत्ते को यूरोपीय एयरपोर्ट्स पर नया काम मिल गया है. फ्रैंकफंर्ट एयरपोर्ट पर बाहर से आने वाले लोगों के सामानों की तलाशी से लेकर यह खोजी कुत्ते लुप्तप्राय प्रजातियों की तस्करी पकड़ रहे हैं.

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बैंगों की तलाशी लेते कुत्तेतस्वीर: picture-alliance/dpa

सालों पहले वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड की जर्मन शाखा ने फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट के कस्टम विभाग से वर्जित जंगली जानवरों की तस्करी को रोकने के लिए खोजी कुत्तों के इस्तेमाल का सुझाव दिया था. डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की संयोजक बिर्गिट ब्राउन कहती हैं," वे इसके लिए थोड़ा झिझक रहे थे क्योंकि यह बिल्कुल नया था. लेकिन दूसरी ओर इस काम को लेकर उत्साहित भी थे. उन लोगों ने कहा यह मुमकिन है." उन लोगों ने अन्य देशों के एयरपोर्ट से परामर्श किया जिन्होंने इस तरह की परिस्थितियों में खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया था.

फ्रैंकफर्ट चिड़ियाघर से खास जानवर और उन चीजों को लाया गया जो वर्जित जानवर के आसपास पाए जाते हैं. सीमाशुल्क विभाग के कुत्तों को वर्जित जानवरों की दुर्गंध पहचानने की ट्रेनिंग दी गई जिनकी तस्करी यूरोपीय संघ में होती है. साल 2008 में इस परियोजना की आधिकारिक तौर पर शुरुआत हुई. अब तक 250 बार इन खोजी कुत्तों ने तस्करी किए गए वर्जित जानवर या जानवरों के उत्पाद की पहचान कर उन्हें पकड़वाया है. 

Artenschutzspürhunde suchen nach geschmuggelten Tieren FLASH-GALERIE
350 बार मिली कामयाबीतस्वीर: picture-alliance/dpa

एयरपोर्ट स्टाफ उतरने वाले विमानों से सामान सीमाशुल्क विभाग के एक खास कमरे में लाते हैं. जब तक यात्री विमान से उतरकर बाहर आते हैं खोजी कुत्ते अपना काम कर रहे होते हैं. केलर कहते हैं, "तस्करों को पता ही नहीं चल पाता हैं कि हम यहां काम करते हैं. जब हमें कुछ मिलता है तो हम आसानी से उस यात्री को पकड़ लेते हैं. यह बहुत आसान है."

कमाल के कुत्ते

ब्राउन कहती हैं, "एयरपोर्ट पर मौजूद सभी तकनीकी उपकरणों के मुकाबले कुत्तों की नाक काफी प्रभावी होती है."  सिर्फ दस मिनट के भीतर यह खोजी कुत्ते 350 बैगों की चेकिंग कर लेते हैं. जब कुत्ते को यह एहसास होता है कि बैग के भीतर कुछ वर्जित वस्तु है तो वह उस बैग को खरोंचने लगते हैं.

अब तक इन कुत्तों ने गैंडे के सींग से लेकर दुर्लभ चिड़ियों के अंडे तक पकड़े हैं. ब्राउन कहती हैं, "अवैध वन्यजीव का कारोबार अरबों डॉलर का है. जिस तरह से गैरकानूनी ढंग से जंगली जानवरों की तस्करी हो रही है उससे दुनिया भर में विलुप्त होती प्रजातियों के खत्म होने का डर है. इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है...प्रजातियों के संरक्षण के लिए. " 

Naturschutzprojekt für Schildkröten auf Zypern
तस्वीर: picture-alliance/ dpa

गैरकानूनी ढंग से जानवरों की तस्करी पर नजर रखने वाली संस्था ट्रैफिक के मुताबिक यूरोपीय संघ में वर्जित जानवरों की बरामदगी बढ़ रही है. यह बढ़ती हुई समस्या की ओर इशारा कर रही है या फिर अधिकारी पता लगाने में बेहतर साबित हो रहे हैं.

यूरोपीय कमीशन खोजी कुत्तों के इस कार्यक्रम के लिए पैसा दे रही है. ब्राउन के मुताबिक उन लोगों का अगला कदम पूरे यूरोपीय संघ के एयरपोर्ट्स पर विशेष खोजी कुत्तों को तैनात करना है. फिलहाल चेक रिपब्लिक, ब्रिटेन, इटली, ऑस्ट्रिया और स्लोवाकिया अपने हवाइअड्डों पर खोजी कुत्तों के सहारे वर्जित जानवरों की तस्करी रोकने की कोशिश कर रहे है. हंगरी भी जल्द इस तरह का कार्यक्रम शुरू करने वाला है.

अलग अलग देशों के सीमाशुल्क विभाग बैठक करते हैं और अपने विचार एक दूसरे से बांटते हैं. ब्राउन और उनकी टीम फिलहाल व्यवहारिकता का अध्ययन कर रही है कि क्या कुत्ते लकड़ी के विभिन्न प्रकार की पहचान सूंघकर पाने में सफल होते हैं कि नहीं.  कई बेशकीमती पेड़ों को गैरकानूनी ढंग से काटकर उत्पाद बनाए जाते हैं. और यूरोप के देशों में सप्लाई किए जाते हैं.  आने वाले दिनों में इन कुत्तों की मदद से वर्जित लकड़ी से बनी चीजों की भी तस्करी रोकने की योजना है.

रिपोर्ट: होली फॉक्स / आमिर अंसारी

संपादन: एन रंजन

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