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मोटापे ने किया बच्चे को मां से जुदा

२९ नवम्बर २०११

बच्चों का ख्याल सबसे बेहतर मां रखती है पर अमेरिका के लिए यह सच नहीं है. यहां 8 साल के एक बच्चे का वजन 90 किलो को पार कर गया तो अधिकारी उसे मां से दूर ले गए. बच्चा मोटा हो जाए तो भी, क्या उसे मां से दूर करना उचित है?

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तस्वीर: picture alliance/dpa

8 साल के एक बच्चे का वजन 90 किलो को पार कर गया तो इसी साल अक्टूबर में ओहायो के काउंटी मजदूरों ने शिकायत की कि बच्चे की मां उसका वजन नियंत्रित करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं कर रही है. इसके बाद उस बच्चे को उसके परिवार से हटा कर बाल केंद्र में भर्ती करा दिया गया. बच्चे के बढ़ते वजन के कारण उसमें डायबिटिज और ब्लड प्रेशर की बीमारी का खतरा है. सरकार के बनवाए ग्रोथ चार्ट के मुताबिक इस उम्र में उसका वजन 27 किलो होना चाहिए.

अमेरिका में रह रहे करीब 20 लाख बच्चे अत्यधिक मोटापे के शिकार हैं. उनका वजन स्वस्थ्य बच्चे के वजन से बहुत ज्यादा है. कूयाहोगा प्रांत के प्रशासन ने इस बच्चे को इसलिए उसके परिवार से दूर कर दिया क्योंकि लोगों की राय थी कि उसकी मां उसका ध्यान ठीक से नहीं रख रही थी और डॉक्टरों की सलाह से उसका वजन कम किया जा सकता है. प्रांत के बाल और परिवार कल्याण एजेंसी ने सोमवार को कहा कि वह बच्चे को हिरासत में लेना चाहती है और जज ने इसकी इजाजत दी. एजेंसी की अधिकारी पैट्रिशिया राइडआउट कहती हैं, "इस नतीजे पर पहुंचने से पहले हमने 20 महीने तक इस परिवार के साथ बहुत मेहनत की." राइडआउट का कहना है कि इस मामले की एजेंसी के स्टाफ के बीच भी खूब चर्चा हो रही है और इंटरनेट पर भी. उन्होंने कहा कि वो सरकारी नियमों का पालन कर रही हैं इसलिए बच्चे का नाम और पहचान नहीं बताई जा रही.

अमेरिका के बीमारी नियंत्रण केंद्र और प्रिवेंशन्स डिवीजन ऑफ न्यूट्रिशन, फिजिकल एक्टिविटी एंज ओबेसिटी पोषण और शारीरिक गतिविधियों की भूमिका तय करके लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और पुरानी बीमारियों पर नियंत्रण करने में मदद करती है. इस संस्था का कहना है सही वजन हासिल करना और उसे बनाए रखना जीवनशैली का हिस्सा है और इसे अपनाया जाना चाहिए. यह लोगों को बताता है कि सेहतमंद भोजन में क्या शामिल होना चाहिए और कैसे शारीरिक गतिविधियों के सहारे वजन को नियंत्रण में और शरीर को स्वस्थ्य रखा जा सकता है.

क्लीवलैंड में मोटे बच्चों पर काम करने वाले डॉक्टर नईम अलखौरी कहते हैं कि इस तरह के मोटापे के लिए किस पर आरोप लगाया जाए यह तय करना आसान नहीं है. उनका कहना है, "यह केवल मां बाप या बच्चों पर निर्भर नहीं करता, मोटापा अमेरिका में एक महामारी है. समाज के रूप हम सब इसके लिए जिम्मेदार हैं. बच्चों को स्वस्थ खानपान या कसरत के लिए प्रेरित करना भर ही काफी नहीं है क्योंकि इस बीमारी में एक बड़ा हिस्सा मनोवैज्ञानिक भी है." अलखौरी का यह भी कहते हैं "जब इस मामले में प्रशासन की मदद लेने की बात आती है तो उसके लिए भी दिशा निर्देश साफ नहीं है. इस मामले में बहस की शुरूआत अच्छी बात है , पर इन मामलों में कैसे हरकत में आना है इस बारे में साफ निर्देश होने चाहिएं."

यहां के लोगों को इस बच्चे के बारे में तब पता चला जब उसे सांस लेने में दिक्कत हुई और मां उसे अस्पताल ले कर आई. बच्चे में स्लीप एप्निया के लक्षण मिले. इस बीमारी में बच्चे सोने के दौरान कई बार सांस लेना बंद कर देते हैं और यह ज्यादा वजन की वजह से हो सकता है. उसे सांस लेने वाली मशीन दी गई.

बच्चे की मां का कहना है कि उसने वजन घटाने के लिए कोशिश की, "वो इस मामले को इस तरह से पेश कर रहे हैं जैसे कि मुझमें गलती हो, या फिर यह कि मैं उसे प्यार नहीं करती." हालांकि कुछ लोग प्रशासन के फैसले को चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं उनका कहना है कि इस बच्चे का मोटापा इतनी खतरनाक स्थिति में नहीं पहुंचा है.

रिपोर्टः एपी/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह

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