1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

मानवाधिकार और स्पांसरशिप की बहस में फंसा लंदन ओलंपिक

२७ जनवरी २०१२

ओलंपिक सस्टेनबिलिटी कमीशन की वरिष्ठ अधिकारी मेरेडिथ अलेक्जांडर के इस्तीफे के बावजूद ओलंपिक समिति ने डाउ केमिकल्स को खेलों का प्रायोजक बनाए रखने का एलान किया है. डाउ भोपाल त्रासदी के लिए जिम्मेदारी लेने से मना करती है.

https://p.dw.com/p/13rrf
^तस्वीर: London 2012

डाउ केमिकल्स लंदन में ओलंपिक स्टेडियम के चारों तरफ लगाए जाने वाले बैनर को स्पांसर कर रही है. इसी हफ्ते ओलंपिक समिति के सस्टेनबिलिटी कमीशन की आयुक्त मेरेडिथ अलेक्जांडर ने इसका विरोध करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. जनता को संबोधित एक संदेश में अलेक्जांडर ने लिखा है कि उन्होंने भोपाल पीड़ितों के बारे में काफी जानकारी हासिल की है और वह नहीं चाहतीं कि डाउ के साथ उनका नाम लिया जाए. इस वजह से उन्होंने अपना पद छोड़ने का फैसला किया है.

हालांकि लंदन 2012 ओलंपिक खेलों के प्रमुख पॉल डेटन ने अलेक्जांडर के इस्तीफे के बाद कहा है कि डाउ से खेलों की स्पांसरशिप को वापस नहीं लिया जाएगा. खेलों को प्रायोजित करने के सिलसिले में डाउ और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के बीच दस करोड़ पाउंड का समझौता हुआ है. डेटन ने अलेक्जांडर के बारे में कहा, "उनको इस्तीफा देने का हक है. वह उन 12 सस्टेनबिलिटी आयुक्तों में से हैं जिनको डाउ को प्रायोजक बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी थी. मुझे यह बात अच्छी लगती है कि हमारे पास यह स्वतंत्र आयोग है जो सब चीजों पर निगरानी रखता है ताकि पारदर्शिता बनी रहे. यह ठीक है और हम आगे बढ़ रहे हैं." लंदन में ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की आयोजन समिति ने भी डाउ को प्रायोजक बनाने की पूरी प्रक्रिया का बचाव किया है.

Flash-Galerie Giftgaskatastrophe Bhopal
तस्वीर: AP

अलेक्जांडर के इस्तीफे के बाद लेबर पार्टी के वरिष्ठ सदस्य कीथ वैज और टेसी जोवेल पूरे ओलंपिक खेलों के हिसाब की जांच की मांग कर रहे हैं. वे जानना चाहते हैं कि डाउ केमिकल्स को किस आधार पर खेलों का प्रायोजक बनाया गया. वैज कहते हैं कि अलेक्जांडर ने इस मामले में साहस दिखाया है और अगर ओलंपिक खेलों को टिकाऊ बनाना है और ऐसी कंपनी से पैसे लिए जा रहे हैं जो मानवाधिकार या पर्यावरण संरक्षण के सिलसिले में कोई जिम्मेदारी नहीं लेना चाहती, तो यह निंदनीय है.

वैज ने उम्मीद जताई है कि लंदन की आयोजन समिति भी डाउ के स्पांसरशिप को लेकर परेशानियों को समझेगी. उनकी पार्टी की सदस्य जोवेल ने भी हिसाब किताब का कच्चा चिट्ठा निकालने की मांग की है. उनका कहना है कि सस्टेनबिलिटी आयुक्तों की डाउ के चुनाव में भागीदारी भी देखनी होगी. लेकिन जोवेल का मानना है कि खेलों से पहले झगड़ा नहीं, सुलह की जरूरत है. और मसले का हल ढूंढ़ने के लिए अब भी लंदन के पास वक्त है.

रिपोर्टः पीटीआई/एम गोपालकृष्णन

संपादनः महेश झा

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी