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मंथन का इंतजार करता हूं

३ जुलाई २०१३

मंथन के बारे में हर शनिवार को हमारे पास ढेरों बधाई संदेश, सवाल और सलाह आती हैं. आपसे साझा करते हैं हमारे पाठकों के संदेश..

https://p.dw.com/p/191bn
Bit_assembly_model: Aufbau eines Nano-Antiferromagneten mit atomarer Präzision. Mit der Spitze eines Rastertunnelmikroskops werden Eisenatome in einem regelmäßigen Muster auf einer Kupfernitrid-Oberfläche platziert.
तस्वीर: Max-Planck Institut

मैं हर शनिवार को अपना पसंदीदा टीवी शो मंथन का इंतजार करता हूं. यह मुझे इसलिए पसंद है क्योंकि इसमें नई नई तकनीक और आविष्कारों के बारे में बताया जाता है. मैं कंप्यूटर नेटवर्किंग पढ़ रहा हूं क्या आप मुझे इस बारे में अधिक जानकारी दे सकते हैं.

सचिन चौरे, ईमेल से

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आज से 40 से 45 साल पहले हमारे बड़े भाई आपका प्रोग्राम हर रोज सुना करते थे. 1999 में छोटी सी बीमारी के कारण उनका देहांत हो गया. उन्हें आपके द्वारा बड़ी मात्रा में जनरल नॉलेज और कई डाक टिकट, कैप, टीशर्ट, मैगज़ीन गिफ्ट मिले हैं. उनके डाक टिकट का तो पूरा संग्रह मेरे पास है. उन्हें आपसे एक डिजिटल रेडियो भी मिला जिसे मैं आज भी सुनता हूं. हमारे पिता 68 साल के हैं लेकिन आज भी वे रेडियो सुनना पसंद करते हैं. वे हमेशा जिद्द करते हैं कि मुझे रेडियो डीडब्ल्यू सुनना है, पर क्या करे कोई साधन नहीं है. कृपया मेरा मार्गदर्शन करें .

प्रमोद पी. भारते, जलना, महाराष्ट्र

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डॉयचे वेले की वेबसाइट पर सूचना के अधिकार को लेकर केन्द्रीय सूचना आयोग के हलिया फैसले पर केन्द्रित एक समाचार समीक्षा पढ़ने को मिली. पंजीकृत दलों को अब तक बीस हजार रुपए से अधिक के चन्दे की सूचना इन्कम टैक्स डिपार्टमैंट को देनी होती थी लिहाजा हर दल बीस हजार रुपए से अधिक चन्दे को किश्तों में लेकर डिटेल देने से बच जाते थे और ईमानदार भी बने रहते थे. लेकिन अब सीआईसी के ताजे फैसले ने उनकी नींद हराम कर दी है. पारदर्शिता का राग अलापने वाले आज खुद कटघरे में खड़े हो गए हैं. एक महीने की अपीलीय मियाद बीतने को है लेकिन सारे दल मौन साधे हुए हैं क्योंकि उन्हें हकीकत मालूम है. जनता के सुख-दुःख और देश की प्रगति संवाहक दल आज अपने ही रचे चक्रव्यूह में फंस गए हैं. सियासत की गोटियां उल्टी पड़ गईं हैं. चन्दा बटोरकर करोड़ों रुपए का वारा न्यारा करने वाले दलों को आने वाले चुनाव में जनता के सवालों से रूबरू होना पड़ेगा और दलों के बीच जो आपसी खींचतान होगी उससे जो सच निकलेगा निश्चय ही उसका श्रेय आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल और उनके एनजीओ एडीआर को जाएगा.

रवि श्रीवास्तव, इंटरनेशनल फ्रेंडस क्लब, इलाहाबाद

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Die Hauptbibliothek der Technischen Universität in Ilmenau ist am Mittwoch (07.04.2010) nach knapp zweijähriger Umbauzeit wieder geöffnet. Die rund 500.000 Bücher waren während der Arbeiten in einem Ausweichquartier untergebracht. Der Umbau hat nach Hochschulangaben rund fünf Millionen Euro gekostet und verfügt nun über drei statt bisher zwei Etagen. Foto: Martin Schutt dpa/lth
तस्वीर: picture-alliance/dpa

पढ़ाई के लिए सेक्स वर्कर बनने को तैयार - यह जान कर अत्यंत आश्चर्य हुआ कि जर्मनी में एजुकेशन की प्राप्ति हेतु छात्र और छात्राएं सेक्स वर्कर बनने की सीमा तक भी जा सकते हैं. क्या भारत की भांति जर्मनी में भी शिक्षा महंगी है और यहां की भांति एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन बिजनेस सेंटर की भांति संचलित किये जाते हैं, क्योंकि हमारे देश में तकनीकी और मेडिकल शिक्षा काफी महंगी है और आम आदमी का बच्चा शिक्षा के महंगी होने के कारण वंचित रह जाता है केवल अनुसूचित और जनजाति के बच्चे आरक्षण के कारण इसका अपवाद है. अगर इस प्रकार की प्रवृत्ति हमारे देश में आ गई तो इसे हमारे यहां नैतिक पतन की संज्ञा दी जाती है .

हरीश चन्द्र शर्मा, जिला अमरोहा, उत्तर प्रदेश

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मैं आपका कार्यक्रम मंथन नियमित रूप से देखता हूं. मुझे यह इसलिए पसंद है क्योंकि इसमें वैज्ञानिक विकास के बारे में जानकारी दी जाती है. "मंथन" दुनिया का मंथन कर ज्ञान का निचोड कर दिखाता है. मैं नैनो टैकनोलजी के क्षेत्र में विकास के बारे में जानना चाहता हूं.

नमन जैन, ईमेल से

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संकलनः विनोद चड्ढा

संपादनः आभा मोंढे