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भारत की आयात नीति से अमेरिका नाराज

८ मार्च २०१२

वित्तीय संकट में उलझे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आउटसोर्सिंग के खिलाफ पहले से ही मोर्चा खोल रखा था, अब अमेरिकी कंपनियों ने राष्ट्रपति से भारत की नई आयात नीति के खिलाफ कदम उठाने को कहा है.

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तस्वीर: dapd

अमेरिका की प्रमुख सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी कंपनियों का कहना है कि नई भारतीय नीति अमेरिकी निर्यात को खतरे में डालने वाली है. ये कंपनियां ओबामा प्रशासन पर तुरंत कुछ करने के लिए दबाव डाल रही हैं. बिजनेस सॉफ्टवेयर अलायंस, टेलीकम्युनिकेशंस इंडस्ट्री एसोसिएशन और दूसरे संगठनों ने अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि रॉन कर्क को पत्र लिख कर कहा है कि वे इस योजना से बहुत चिंतित हैं जिसके तहत भारत सरकार को खरीदारी करते समय घरेलू इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को प्राथमिकता देनी होगी.

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तस्वीर: Fotolia/dell

अमेरिकी संगठनों ने कहा है कि भारत सरकार के आईटी विभाग की योजना में उन उत्पादों को भी शामिल किया गया है जिनका सुरक्षा से लेना देना है. सुरक्षा की व्याख्या नहीं की गई है. पत्र में कहा गया है, सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात सरकारी लाइसेंसधारियों को घरेलू उत्पाद खरीदने पर बाध्य करने के लिए सरकार की नियामक अधिकारों का इस्तेमाल करने की योजना है जो भारत की विश्व व्यापार संगठन की प्रतिबद्धताओं के विरुद्ध है.

अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों ने कर्क से फौरी मदद की अपील की. उनका कहना है कि इससे अमेरिकी कंपनियों को भारत के बड़े बाजार में काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि यह भारत-अमेरिकी कारोबार को नुकसान पहुंचाएगा. चिट्ठी की कॉपियां विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और वाणिज्य मंत्री जॉन ब्रायसन को भी भेजी गई है. ब्रायसन इस महीने व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ ढांचागत परियोजनाओं में अमेरिकी कंपनियों के लिए संभावनाओं की तलाश में भारत जा रहे हैं.

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तस्वीर: DW

हाल के सालों में एडवांस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अमेरिका का व्यापार घाटा बढ़ा है. 1990 के दशक में यह इलाका मुनाफे वाला था. पिछले साल एडवांस टेक्नोलॉजी में व्यापार संतुलन 99 अरब डॉलर का घाटा रहा. हालांकि भारतीय बाजार में विभिन्न अमेरिकी उत्पादों का निर्यात बढ़ रहा है. वहां से होने वाला आयात और तेजी से बढ़ा है. पिछले साल अमेरिका को भारत के साथ साढ़े 14 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ. अमेरिका ने 2011 में भारत को साढ़े 21 अरब डॉलर का माल बेचा तो भारत से 36 अरब डॉलर का माल खरीदा.

एक दिन पहले अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन में भारत के खिलाफ अपील की है. भारत ने अमेरिकी पॉल्ट्री, अंडों और दूसरे उत्पादों पर यह कहकर रोक लगा रखी है कि बर्ड फ्लू के प्रसार को रोकने के लिए यह जरूरी है. अमेरिका का कहना है कि इस रोक का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. इस समय 100 से अधिक देशों में अमेरिकी पॉल्ट्री की पहुंच है. अमेरिका ने नियमों पर अमल को अपने व्यापारिक एजेंडे की प्राथमिकता बना रखा है. विदेश व्यापार में अमेरिका के हिसाब से अनुचित रवैये को समाप्त करने के लिए ओबामा प्रशासन ने एक नई इंटर एजेंसी ट्रेड इंफोर्समेंट यूनिट का गठन किया है.

रिपोर्ट: रॉयटर्स/महेश झा

संपादन: ए जमाल

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