1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

भारत अमेरिका में दो दो हाथ

१७ दिसम्बर २०१३

अमेरिका के साथ कूटनीतिक विवाद में अब भारत भी सख्त कदम उठाने लगा है. नई दिल्ली में अमेरिकी अधिकारियों को दी जा रही तमाम रियायतें बंद की गईं. चुनाव की तैयारी कर रहे भारत के इन कदमों पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया नहीं दी है.

https://p.dw.com/p/1AbBf
तस्वीर: Reuters

न्यू यॉर्क में भारतीय राजनयिक की गिरफ्तारी से उपजे विवाद और उसके ऊपर अमेरिका की सख्ती से भारत बुरी तरह बिफर पड़ा है. जुबानी विरोध के बाद भारत ने मंगलवार को सख्ती दिखानी शुरू की. मंगलवार दोपहर नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के सामने दिल्ली पुलिस के बुलडोजर पहुंचे और थोड़ी ही देर के भीतर उन्होंने दूतावास के सामने बनाए गए कंक्रीट के बैरीकेड हटा दिए. ये बैरीकेड अमेरिकी दूतावास के बाहर यातायात को नियंत्रित करते थे.

भारतीय मीडिया के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों को आयात में दी गई रियायतें भी हटा दी गई हैं. अब अमेरिकी अधिकारियों को आम व्यक्ति की तरह कस्टम नियमों का पालन करना होगा.

भारत की सभी राजनीतिक पार्टियों ने एक स्वर में अमेरिका की आलोचना की है. लोकसभा संसद की स्पीकर मीरा कुमार के बाद मुख्य सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन और बीजेपी के नेता नरेंद्र मोदी के अलावा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अमेरिका के संसदीय प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात से इनकार कर दिया.

Indien Neu-Delhi Aktion gegen US-Botschaft
दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के बाहर का नजारातस्वीर: Findlay Kember/AFP/Getty Images

विवाद क्यों

न्यू यॉर्क में पिछले हफ्ते भारत की उप वाणिज्य दूत देवयानी खोबरागडे को हिरासत में ले लिया गया. उन्हें हथकड़ी पहनाई गई और नशेड़ियों व यौनकर्मियों के साथ हवालात में रखा गया. हालांकि बाद में उन्हें ढाई लाख डॉलर के मुचलके पर जमानत दे दी गई, लेकिन रिहाई से पहले उनकी कपड़े उतारकर तलाशी ली गई.

भारत का आरोप है कि राजनयिकों के साथ ऐसा व्यवहार करना वियना में हुई अंतरराष्ट्रीय संधि के खिलाफ है. वहीं अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि देवयानी पर लगे आरोप विशेषाधिकार में नहीं आते. वियना समझौते के तहत अपने आधिकारिक काम के दौरान अगर अधिकारियों से कोई गलती हो तो वे विशेषाधिकार के दायरे में आते हैं, लेकिन अगर निजी काम में कानून तोड़ा जाए तो वहां रियायत नहीं दी जाएगी.

देवयानी की गलती !

देवयानी पर आरोप है कि उन्होंने अपने घरेलू सहायक के वीजा आवेदन में गलत जानकारियां दीं. उन पर घरेलू सहायक को कम तनख्वाह देने का आरोप भी है. आरोपों के मुताबिक खोबरागड़े ने सहायक के वीजा आवेदन में 9.75 डॉलर प्रतिघंटा मजदूरी देने की बात लिखी थी. इतनी रकम अमेरिका के न्यूनतम मजदूरी के तहत मान्य है. न्यू यॉर्क की दक्षिण जिला अदालत के अभियोजक के मुताबिक देवयानी ने घरेलू सहायक को तय मजदूरी से एक तिहाई पैसा दिया.

Indien Diplomat Devyani Khobragade wurde in New York festgenommen
देवयानी खोबरागडेतस्वीर: Elsa Ruiz/Asia Society

अमेरिका में यह गंभीर अपराध है. अगर अदालत में दोनों आरोप सही साबित हुए तो देवयानी को 15 साल तक की जेल हो सकती है. देवयानी का पासपोर्ट अमेरिकी अधिकारियों ने जब्त कर रखा है.

जख्म कुरेदता मामला

अमेरिका में भारत के शीर्ष अधिकारियों को पहले भी एयरपोर्ट में सुरक्षा जांच के मामलों में दिक्कतें उठानी पड़ी हैं. इसके पहले रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडिस और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की जामातलाशी के मामले सामने आए हैं, लेकिन भारत किसी जवाबी कार्रवाई से बचता रहा है. भारत आरोप लगा चुका है कि अमेरिका विशेषाधिकार के दर्जे का सम्मान नहीं करता है.

पुराने मामलों की नाराजगी के बीच देवयानी के केस ने गुस्से को उबालने का काम किया है. भारत में छह महीने बाद आम चुनाव हैं, ऐसे में देश की सभी राजनीतिक पार्टियों ने इस मुद्दे को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है. भारतीय अधिकारी भी अब अमेरिकी दूतावास में काम कर रहे सहायक कर्मचारियों के वेतन और उनसे संबंधित नियमों की जांच कर रहे हैं.

ओएसजे/एमजे (रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी