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बड़ी खूबियों वाला एक छोटा सा मच्छर

९ जून २०१२

क्या मूसलाधार बारिश में मच्छर उड़ सकता है. ज्यादातर लोग कहेंगे नहीं, वह मर जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं है. मच्छर में ऐसी खासियत होती है कि वह 50 गुना भारी बूंद को भी बर्दाश्त कर उड़ता रहता है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

अमेरिका में जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में जीव विज्ञानियों और मैकेनिकल इंजीनियरों ने बारिश में मच्छर के उड़ने की क्षमता पर शोध किया. शोध के मुताबिक बारिश में मच्छर का हल्का वजन और मजबूत आवरण काफी मदद करता है. मच्छर बारिश की बूंदों से लड़ने के बजाए बूंद के साथ थोड़ा नीचे गिर जाता है. नीचे गिरते समय उसके शरीर से बूंद छटक जाती है और मिनमिनाता मच्छर आसानी से उड़ता रहता है.

शोध के लेखक डॉक्टर डेविड एल हू कहते हैं, "यह गुब्बारे के साथ बॉक्सिंग जैसा है. मुक्के से आप अधफुला गुब्बारा नहीं फोड़ सकते क्योंकि वह आपका प्रतिरोध ही नहीं करता है."

छोटे और पतले आकार की वजह से 25 फीसदी बारिश ही मच्छर के पैर और पंखों के बीच यानी शरीर पर गिरती है. अपने साथ मच्छर को नीचे ले जाती बूंद इस कीट की रफ्तार कई गुना बढ़ा देती है. इसी रफ्तार का फायदा मच्छर उठाता है और गोता लगाकर ऊपर आ जाता है. वह भी सेकेंड के कई सौवें हिस्से में. डॉक्टर हू कहते हैं, "यह एक लंबी पूंछ वाली पंतग की तरह है, ऐसी पूंछ जो पंतग को ऊपर उठाती है."

अमेरिका की नेशनल अकेडमी ऑफ साइंसेस में वैज्ञानिक एक उड़ने वाला रोबोट बनाना चाहते हैं. ऐसा रोबोट जो बारिश और कड़कड़ाती बिजली में भी उड़ता रहे. इसी प्रयोग के चलते मच्छर टीम की प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है.

मच्छर की एक और खासियत सूंघने की क्षमता भी है. मच्छर के सूंघने के सेंसर इतने तेज होते हैं कि वह दूर से शिकार का पता लगा लेते हैं. लंबी यात्रा के बाद इंसान के 50 मीटर करीब आने तक वह पक्का कर लेते हैं कि वह किसे काटेंगे. उसका सेंसर इंसान के खून के स्वाद का अंदाजा लगा लेता है. यही वजह है कि कुछ लोगों को मच्छर ज्यादा ही काटते हैं. फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के पीएचडी प्रोफेसर जेरी बटलर कहते हैं, "10 में से एक व्यक्ति मच्छरों को बहुत आकर्षित करता है."

वैज्ञानिकों के मुताबिक इंसान को नर मच्छर नहीं काटता है. मादा मच्छर काटती है. उसे अंडे तैयार करने के लिए इंसानी खून की जरूरत पड़ती है. हर व्यक्ति की त्वचा की एक विशेषता होती है. इसी विशेषता को मच्छर पहचानते हैं. ज्यादा कॉलेस्ट्रॉल वाली त्वचा मच्छरों को अपनी ओर खींचती है. जिन लोगों के शरीर में कुछ खास एसिड ज्यादा बनते हैं, वह भी मच्छरों का ज्यादा शिकार बनते हैं. इंसान कार्बन डाइ ऑक्साइड भी छोड़ता है, यह भी मच्छरों को आकर्षित करती है. यही वजह है कि मच्छर बच्चों से ज्यादा बड़ों और खासकर गर्भवती महिलाओं को काटते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक मच्छर 17 करोड़ साल से धरती पर हैं.

रिपोर्ट: ओंकार सिंह जनौटी

संपादन: महेश झा

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