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फेडरर, शारापोवा हावी रहेंगे विंबलडन में

२५ जून २०१२

विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट शुरू होने वाला है. एक दशक से टेनिस जगत पर राज कर रहे रोजर फेडरर और फ्रेंच ओपेन की महिला विजेता मारिया शारापोवा से बहुत उम्मीदे लगाई जा रही हैं. लेकिन जीत इतनी आसान भी होगी.

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तस्वीर: Reuters

पिछले दो साल से नोवाक जोकोविच और रफाएल नडाल ने जैसे फेडरर के खेल पर ग्रहण लगा दिया है. एक दशक से टेनिस के बादशाह माने जाने वाले फेडरर जनवरी 2010 के बाद कोई ग्रैंड स्लैम नहीं जीत सके हैं. 2003 में विबंलडन जीतने के बाद और 2010 में ऑस्ट्रेलियाई ओपेन का खिताब हासिल करने के बाद फेडरर चार बड़े टूर्नामेंटों के फाइनल में पहुंचने से केवल पांच बार चुके हैं. कुल 22 फाइनलों में हिस्सा लेने वाले स्विस खिलाड़ी शायद इस बार लंदन में अपना जादू दिखा पाए.

लेकिन फेडरर को टक्कर देने वाले हैं राफा और जोकोविच, जो पिछले नौ टूर्नामेंटों में हावी रहे हैं. फेडरर कहते हैं, "यह मेरा वक्त है. मुझे लगता है कि यहां और यूएस ओपेन में मैं जीत सकता हूं." दुनिया भर की आंखें इन तीनों खिलाड़ियों पर इसलिए भी टिकी हुई हैं क्योंकि हर बार जब इनमें से कोई एक भी फाइनल में पहुंचता है, तो किसी न किसी तरह का नया रिकॉर्ड बनता है. विंबलडन के साथ साथ विश्व रैंकिंग का नंबर एक स्थान भी दांव पर लगा है.

सर्बिया के जोकोविच इस वक्त नंबर एक पर हैं. उनका कहना है कि फेडरर और नडाल की वजह से ही वह यहां पर हैं, "दोनों के साथ खेलने से ही मैं अच्छा खिलाड़ी बना हूं. मैंने इसलिए और मेहनत की." उधर नडाल भी टूर्नामेंट में चुनौती से खुश हैं. कहते हैं कि खेल में फेडरर और जोकोविच से उनकी दुश्मनी से वह अपने को खुशकिस्मत महसूस करते हैं. और उनका खेल बेहतर होता रहता है. फेडरर अगर इस बार जीतते हैं तो अमेरिका के पीट सैम्प्रस के बाद वह पहले खिलाड़ी होंगे जो सातवीं बार विम्बलडन जीतेंगे.

Tennis Maria Sharapova
मारिया शारापोवा का दबदबातस्वीर: dapd

महिला खिलाड़ियों में मारिया शारापोवा पर सबकी नजर रहेगी. लम्बे वक्त तक कंधे में चोट से लड़ने के बाद शारापोवा ने आखिरकार फ्रेंच ओपेन को अपने नाम किया. 2008 के बाद पहली बार वह दोबारा विश्व नंबर एक बनी हैं. आठ साल पहले 17 साल की शारापोवा ने सेरेना विल्यम्स को हराकर विंबलडन का खिताब अपने नाम किया था, "मुझे लगता है सभी को पता होगा कि यह टूर्नामेंट मेरे लिए कितनी अहमियत रखता है, जब से मैं छोटी लड़की थी, कितना खास था. इसके इतिहास का हिस्सा बनना, मेरे पूरे करियर के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है."

पिछले साल पेत्रा क्वितोवा ने शारापोवा को फाइनल में हराया था. और इस साल वह दोबारा विबंलडन को अपना बनाने की कोशिश करेंगी. क्वितोवा के अलावा सेरेना विलियम्स, विक्टोरिया आजारेंका, ली ना और शियावोने भी खिताब के लिए खूब जोर लगाएंगी. 30 साल की सेरेना ने चार बार विम्बलडन जीता है. शारापोवा के बाद विश्व रैंकिंग में नंबर दो विक्टोरिया अजारेंका भी खतरनाक साबित हो सकती हैं. उन्होंने इस साल ऑस्ट्रेलियन ओपन जीता है. वीनस वीलियम्स और किम क्लाइस्टर्स बिना रैंकिंग की खिलाड़ी हैं, लेकिन वह कभी भी किसी को चौंका सकती हैं.

एमजी/ओएसजे(डीपीए, रॉयटर्स)

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