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देते रहेंगे पाकिस्तान का साथः चीन

३ मई २०११

चीन ने कहा है कि वह पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी कोशिशों में सहयोग देता रहेगा. पाकिस्तानी सरजमीन पर पाक सेना की मदद के बिना अमेरिकी अभियान में लादेन की मौत को चीन ने सकारात्मक बताया है.

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FILE - In this 1998 file photo, Ayman al-Zawahri, left, holds a press conference with Osama bin Laden in Khost, Afghanistan and made available Friday March 19, 2004. A person familiar with developments said Sunday, May 1, 2011 that bin Laden is dead and the U.S. has the body. (AP Photo/Mazhar Ali Khan)
तस्वीर: AP

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता चियांग यू ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान आतंकवादी खतरे से मोर्चा ले रहा है. उन्होंने कहा कि चीन तथ्यों और अपनी शर्तों के आधार पर आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में पाकिस्तान का साथ देता है. सोमवार को अमेरिकी सैन्य अभियान में अल कायदा के नेता बिन लादेन के मारे जाने के बाद पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियां वाकई लादेन को पकड़ने में नाकाम थी या फिर उन्हें सब कुछ पता था कि वह कहां छिपा है.

लादेन का मरना 'सकारात्मक'

चीन और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से नजदीकी रिश्ते रहे हैं. भारत से प्रतिद्वंद्विता दोनों देशों को नजदीक लाती है. चीन और पाकिस्तान इलाके में बढ़ते अमेरिकी असर को भी रोकना चाहते हैं.

चीन ने ओसामा बिन लादेन के मारे जाने को सकारात्मक बताया है. बिन लादेन की मौत के बारे में व्हाइट हाउस से राष्ट्रपति बराक ओबाम की घोषणा के बारे में चियांग ने कहा, "हमने इस बारे में घोषणा सुनी है और मानते हैं कि यह आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय संघर्ष में बड़ी और सकारात्मक बात है." लादेन अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमलों के अलावा दुनिया के कई शहरों में खून खराबे के लिए जिम्मेदार था.

'हम भी आतंक के मारे'

चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी चियांग के बयान में गया है, "चीन भी आतंकवाद का पीड़ित है. इसीलिए चीन इस बात की वकालत करता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आंतकवाद के खिलाफ अपना सहयोग बढ़ाना चाहिए." चीन और अमेरिका के बीच ताइवान और तिब्बत, क्षेत्रीय सुरक्षा और खासकर हाल में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर की गई सरकारी कार्रवाई को लेकर तीखे मतभेद रहे हैं. इसके बावजूद चीन ने लादेन को मारने वाली अमेरिकी कार्रवाई का समर्थन किया है. चीन और पाकिस्तान करीबी दोस्त हैं. फिर भी न तो किसी चीनी अधिकारी ने और न ही चीनी मीडिया ने अमेरिकी कार्रवाई की आलोचना की है.

चीन ने कहा कि उसके पश्चिमी शिनचियांग प्रांत में अलगाववादी उग्रवादियों को विदेशी चरमपंथियों से मदद मिलती है. वहीं शिनचियांग में आलोचकों का कहना है कि चीनी सरकार इलाके में अपने राजनीतिक और धार्मिक नियंत्रण को उचित ठहराने के लिए इस 'साठगांठ' को जरूरत से ज्यादा तूल देती है. '

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह

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