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ताइवान में बुजुर्गों का सोने से सम्मान

१९ सितम्बर २०११

ताइवान में बुजुर्गों को प्यार और इज्जत देने के लिए एक खास दिन निर्धारित है. इस दिन सरकार हर उस शख्स को सोने की पट्टिका देती है जो सौ साल की आयु पार करते हैं. सोने की कीमतों में उछाल से सरकार पर भी बोझ बढ़ गया है.

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तस्वीर: DW

सोने के दाम में उछाल के बावजूद ताइवान की सरकार ने 100 साल की उम्र पार करने वाले हर शख्स को सम्मान में सोने की पट्टिका देते रहने का फैसला किया है. ताइवान में सालों से बुजुर्गों को सोने की पट्टिका  देने की परंपरा है. इसके जरिए ताइवान के लोग अपने बुजुर्गों के लिए अच्छी सेहत और बेहतर भाग्य की कामना करते हैं.

ताइवान के आतंरिक मंत्रालय ने रविवार को कहा कि देश के हर उस नागरिक को सोने की पट्टिका दी जाएंगी जो सौ साल के हो चुके हैं. सोने की पट्टिका में 0.36 आउंस सोना होगा. ताइवानी परंपरा के मुताबिक 5 अक्टूबर को बुजुर्गों को सम्मान देने वाला दिन है. इस दिन ताइवान में राष्ट्रीय छुट्टी घोषित है. इसे वरिष्ठ नागरिक दिवस भी कहा जा सकता है.

सोने का खर्च बढ़ा

Altenheim in China
तस्वीर: DW / Bölinger

चांद के हिसाब से चलने वाले कैंलेंडर के नौवें महीने के नौवें दिन यह खास दिन मनाया जाता है. लेकिन एक साल के भीतर सोने की कीमत में करीब 42 फीसदी का उछाल आया है. इस कारण सरकार पर भी इस परियोजना को जारी रखने का खर्च बढ़ा है. सामाजिक मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि हर एक पट्टिका के लिए सरकार को 670 अमेरिकी डॉलर यानि 32,000 भारतीय रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं. पिछले साल के मुकाबले इस बार हर पट्टिका के लिए 34.6 फीसदी ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है.

ताइवान में ऐसी आबादी बढ़ रही है जो सौ साल की उम्र पार कर चुकी है. इस कारण भी सरकार पर बोझ बढ़ा है. मंत्रालय के मुताबिक 2003 में 658 ऐसे लोग थे जो सौ साल से अधिक आयु के थे, लेकिन इस साल इनकी आबादी दोगुना हो चुकी है. इस साल 1509 लोग सौ वर्ष की आयु पार कर चुके हैं. परियोजना पर सरकार करीब 10 लाख अमेरिकी डॉलर खर्च कर रही है. सरकारी प्रवक्ता ने कहा है कि अगर सोने के दाम इसी तरह से बढ़ते रहे तो अगले साल के लिए कोई और उपहार ढूंढना होगा.

क्या है पर्व ?

बुजुर्गों को इज्जत देने वाला यह दिन चीनी कैलेंडर के मुताबिक नौवें महीने के नौवें दिन मनाया जाता है. पारंपरिक तौर पर यह छुट्टी का दिन होता है. इस दिन सभी लोग अपने बुजुर्गों को याद करते हैं. श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए वह अपने बुजुर्गों की कब्रों पर जाते हैं.

कहा जाता है कि चीन में प्राचीन काल के दौरान हान वंश में 9वें महीने के 9वें दिन राजा और उसके सेवक खास पोशाक पहनकर अपशगुन को दूर करने और लंबी उम्र की कामना करने के लिए खास प्रार्थना करते थे. तभी से चीन और ताइवान में यह परंपरा चली आ रही है. 

रिपोर्ट: एजेंसियां/आमिर अंसारी

संपादन: महेश झा

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