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गिनी नरसंहार के बाद आरोपों से घिरी सेना

३० सितम्बर २००९

गिनी में सोमवार हुए नरसंहार में मरने वालों की संख्या 157 हो गई है. एक हज़ार से ज़्यादा लोग घायल हैं. मानवाधिकार संगठनों का आरोप, सेना ने विरोध प्रदर्शन को कुचलने के दौरान कई महिलाओं से किया बलात्कार.

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गिनी के राष्ट्रपति मूसा दादीस कमारातस्वीर: dpa

गिनी की राजधानी कोनाक्री में शांतिपूर्व प्रदर्शन पर फायरिंग के बाद अब कई झकझोर देने वाले आरोप सामने आ रहे हैं. सोमवार को स्टेडियम में जमा प्रदर्शनकारियों पर सेना ने अंधाधुंध गोलियां चला दीं और डेढ़ सौ से ज़्यादा लोग मारे गए.

गिनी में विपक्ष के नेता म्यूटर डायलो ने सेना पर आरोप लगाया कि जवानों ने कई महिलाओं से बलात्कार भी किया. डायलो को भी रात भर गिरफ्त में रखने के बाद रिहा किया गया. अफ्रीकी मानवाधिकार संगठन के गिनी अध्यक्ष मामदी काबा का भी कहना है कि सैनिकों ने महिलाओं को बैरकों में घसीटकर उसने बलात्कार किया. कई अन्य चश्मदीदों ने सैनिकों पर यौन यातनाओं के संगीन आरोप लगाए हैं.

कुछ चश्मदीदों के मुताबिक फायरिंग के वक्त सेना के कई जवान नशे में थे. स्टेडियम में एक चश्मदीद ने समाचार एजेंसियों से बातचीत में कहा कि फायरिंग के दौरान सेना ने मासूम युवतियों को भी नहीं बख्शा.

गिनी के मानवाधिकार संगठन के अध्यक्ष थिएर्नो माडजो सो के मुताबिक सोमवार की हिंसा में एक हज़ार से ज़्यादा लोग ज़ख़्मी हुए हैं. मनवाधिकार कार्यकर्ता अस्पतालों के चारों ओर हैं लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है. एक डॉक्टर ने बताया कि उन्हें पत्रकारों से बातचीत करने पर जान का ख़तरा है.

दरअसल हज़ारों प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति मूसा दादीस कमारा के नेतृत्व वाली सैनिक शासन के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. राजधानी के फ़ुटबॉल स्टेडियम में हो रहे इस प्रदर्शन के दौरान ही प्रेसीडेंट गार्ड के सैनिकों ने वहां घुसकर लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं. लेकिन इस घटना के बाद भी राष्ट्रपति मूसा दादीस कमारा कहते हैं, ''ये मेरा देश है. मैं इसका राष्ट्रपति हूं. मेरे इस अधिकार को कोई चुनौती नहीं दे सकता. मैं कोई बच्चा नहीं हूं, मेरा सम्मान किया जाना चाहिए.''

दूसरी तरफ यूरोपीय संघ समेत दुनिया भर के देशों ने निंदा की है. यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष ख़ावियर सोलाना ने भी सैन्य कार्रवाई की कड़ी निंदा की है. यूरोपीय संघ ने गिनी को चुनाव के लिए दी जाने वाले 42 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद रोक दी है. फ्रांस ने भी गिनी के साथ सैन्य संबंध तोड़ लिए हैं. उधर अफ्रीकी संघ ने कोनाक्री के साथ कई क़रार निलंबित कर दिए हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ ओ सिंह

संपादन: ए जमाल