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क्लिंटन ने की पाक पत्रकार की हत्या की निंदा

१ जून २०११

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने उस पाकिस्तानी पत्रकार की हत्या की निंदा की है जिसने पाकिस्तानी सेना और अल कायदा के कथित संबंधों के बारे में लिखा. सैयद सलीम शहजाद को अगवा करने के बाद कत्ल कर दिया गया.

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U.S. Secretary of State Hillary Rodham Clinton addresses a news conference at U. S. embassy in Islamabad, Pakistan Friday, May 27, 2011. Clinton said that relations between the United States and Pakistan had reached a turning point after the killing of Osama bin Laden and Islamabad must make "decisive steps" in the days ahead to fight terrorism. (AP Photo/B.K.Bangash)
हिलेरी क्लिंटन ने हाल में पाकिस्तान का दौरा कियातस्वीर: AP

क्लिंटन ने एक बयान में कहा, "अमेरिका रिपोर्टर सैयद सलीम शहजाद के अपहरण और फिर हत्या की कड़े शब्दों में निंदा करता है. आतंकवाद और पाकिस्तान में खुफिया मुद्दों पर उनकी रिपोर्टिंग से पाकिस्तान की स्थिरता के लिए चरमंपथियों की मुश्किल चुनौती का पता चलता है." क्लिंटन ने कहा कि वह हत्या की जांच का स्वागत करती हैं.

40 वर्षीय शहजाद इटली की एक समाचार एजेंसी और हांगकांग में रजिस्टर्ड एक न्यूज वेबसाइट के लिए काम करते थे. वह रविवार को लापता हो गए. उनकी लाश इस्लामाबाद से दक्षिणपूर्व में 150 किलोमीटर दूर मिली. शहजाद को एशिया टाइम्स ऑनलाइन पर एक खोजी रिपोर्ट लिखने के दो दिन बाद अगवा कर लिया गया. इसमें उन्होंने लिखा कि पिछले दिनों कराची के नौसैनिक अड्डे पर हमला अल कायदा ने किया जिसका मकसद उन नौसैनिक अधिकारियों की गिरफ्तारी का बदला लेना था जिनके अल कायदा से रिश्ते हैं.

नौसैनिक अड्डे पर 22 मई को 17 घंटे तक अभियान जारी रहा. नेवल बेस में घुसे आंतकवादियों ने अमेरिका में तैयार दो निगरानी विमानों को उड़ा दिया और 10 सुरक्षाकर्मियों की जान ली.

NUR ZUR VERWENDUNG IN DER BERICHTERSTATTUNG ÜBER DEN FALL Shahzad This undated photo provided by Adnkronos news agency shows Pakistani journalist and Adnkronos International correspondent Syed Saleem Shahzad. The Pakistani journalist who investigated al-Qaida's alleged infiltration of the navy and told a rights activist he'd been threatened by the country's intelligence agencies was found dead in Islamabad Tuesday, May 31, 2011. (Foto:Cristiano Camera, Courtesy of Adnkronos/AP/dapd) EDITORIAL USE ONLY, MANDATORY CREDIT, NO SALES COURTESY OF ADNKRONOS AGENCY, EDITORIAL USE ONLY, MANDATORY CREDIT, NO SALES, AP PROVIDES ACCESS TO THIS PUBLICLY DISTRIBUTED HANDOUT PHOTO TO BE USED ONLY TO ILLUSTRATE NEWS REPORTING OR COMMENTARY ON THE FACTS OR EVENTS DEPICTED IN THIS IMAGE.
सैयद सलीम शहजादतस्वीर: dapd

पाकिस्तानी तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली. उन्होंने कहा कि 2 मई को एबटाबाद में अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मौत का बदला लेने के लिए यह हमला किया गया. इस हमले ने सवाल पैदा किए कि क्या सेना में कुछ ऐसे लोग हैं जो अल कायदा से हमदर्दी रखते हैं.

मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच में दक्षिण एशियाई मामलों के वरिष्ठ रिसर्चर अली दयान हसन कहते हैं कि शहजाद ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की ओर से धमकी मिलने की शिकायत की थी. आईएसआई पर लंबे समय से इस्लामी उग्रवादियों से रिश्ते रखने का आरोप लगता रहा है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने शहजाद के अपहरण और हत्या के मामले की जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. एबटाबाद में पाकिस्तान की अनुमति के बिना ओसामा बिन लादेन के खिलाफ एकतरफा अभियान के बाद से दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हैं.

पिछले साल पत्रकारों की सुरक्षा की निगरानी करने वाली संस्था कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने एक रिपोर्ट जारी की थी. इसके अनुसार पाकिस्तान पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक देश है. 2010 में वहां आठ पत्रकार अपने काम के दौरान मारे गए.

रिपोर्टः एजेंसियां/कुमार

संपादनः एमजी

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