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आर्थिक उम्मीदें समाप्त हो रही है भारत में

१८ सितम्बर २०११

जर्मन भाषी मीडिया में आतंकवाद की चर्चा है तो वेस्ट बेंगॉल का नाम बदलने और भारत की आर्थिक मुश्किलों की भी. एक टिप्पणी में कहा गया है कि टाटा की नैनो उम्मीदों को पूरा करने में विफल रही है.

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तस्वीर: AP

दिल्ली हाई कोर्ट के सामने हुए बम हमले के लिए, जिसमें 12 लोग मारे गए, जिम्मेदारी आतंकी संगठन हरकत उल जिहाद इस्लामी ने ली है. लेकिन ज्यूरिष से प्रकाशित नौए ज्यूरिषर त्साइटुंग का कहना है कि इंडियन मुजाहिदीन की ओर से जिम्मेदारी वाला एक पत्र आने के बाद हूजी का अपराध संदेह के घेरे में है.


इस गिरोह ने, जिसके अड्डे पाकिस्तान और बांग्लादेश में हैं, और जिसके बारे में अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि उसके अल कायदा से संबंध हैं, अतीत में भारत में कई आतंकी हमले किए हैं. हालांकि पिछला ऐसा हमला कई साल पहले हुआ था. हूजी नेता इलियास कश्मीरी के कुछ सप्ताह पहले अमेरिकी हवाई हमले में मारे जाने की खबर है. लेकिन ईमेल से जिम्मेदारी लेने वाला पत्र भेजना और यह तथ्य कि ईमेल में संगठन का नाम छोटे में लिखा था, इस संगठन के लिए असामान्य हैं. इसके अलावा अब हूजी को अत्यंत कमजोर माना जाता है क्योंकि पिछले दो सालों में उसके 200 सदस्य या तो पकड़े गए हैं या मारे गए हैं.

Indien Kalkutta Vereidgung Ministerpräsidentin Westbengalen Mamata Banerjee
तस्वीर: AP


भारतीय प्रांत पश्चिम बंगाल की सरकार ने विपक्ष की सहमति से अंग्रेजी वेस्ट बेंगॉल से नाम बांग्ला के पस्चिम बंग में बदलने का फैसला लिया है. इसकी वजह यह दी गई है कि 29 प्रांतों के सम्मेलन में उसे हमेशा सबसे अंत में बोलने का मौका मिलता है. बर्लिन से प्रकाशित वामपंथी दैनिक नौएस डॉयचलंड का कहना है कि तब तक बैठक में भाग लेने वाले इतना थक जाते हैं कि सुनते ही नहीं.


और परिवर्तनों के बारे में लोग सोच रहे हैं. तब दिल्ली का इंद्रप्रस्थ हो सकता है, पटना का पाटलिपुत्र, हैदराबाद का भाग्यनगरम, केरल का केरालम और उड़ीसा का ओडिशा. नामों में इस तरह के परिवर्तन पर बहुत खर्च आता है, नई तख्तियां, नए मुहर, लेटरहेड, विजिटिंग कार्ड और इसके अलावा पता, एटलस, सिटी एटलस, गाड़ियों की समय तालिका और टूरिस्ट गाइड का छापना. इस सिलसिले में भी आलोचक नाम में परिवर्तन के तुक के बारे में पूछते हैं. कुछ बेहतर करने को नहीं है क्या? क्या इससे अभी तक व्याप्त गरीबी कम हो जाएगी? राजनीतिज्ञ इस तरह के सवालों पर ध्यान नहीं देते.


कर्नाटक की अभिनेत्री निकिता ठुकराल पर इसलिए प्रतिबंध लगा दिया गया है कि उन पर अपने साथी दर्शन थुगूदीप को फुसला कर संबंध बनाने का आरोप है. इस बीच प्रतिबंध हटा लिया गया है. लेकिन ज्यूड डॉयचे त्साइटुंग ने अपनी टिप्पणी में लिखा है,


अभिनेत्री की छवि को इस घटना से कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. उसकी गिरफ्तारी के बाद सैकड़ों फैंस ने बंगलोर में प्रदर्शन किया और अपनी हिरोइन की रिहाई की मांग की. इंडस्ट्री के एक जानकार ने न्यूज प्लेटफॉर्म रेडिफ को बताया, "उनके समर्थकों का बड़ा हिस्सा युवाओं का है, जो यह नहीं समझते कि वह क्या कर रहा है, उन्हें अच्छा लगता है कि उनका पसंदीदा कलाकार गुंडों को पीट रहा है, ताबड़तोड़ डॉयलॉग बोलता है." वे फिल्म और हकीकत के बीच अंतर भी नहीं करते. निकिता ठुकराल के पक्ष में व्यापक एकजुटता प्रदर्शन की भी कोई खबर नहीं है. उदारवादी भारतीय मीडिया  प्रोड्यूसर संघ के दम की आलोचना की है और उसे इंडस्ट्री का  पितृ-सत्तात्मक मूल्य बताया है.


ज्यूड डॉयचे त्साइटुंग ने भारत की आर्थिक स्थिति पर भी टिप्पणी की है और कहा है कि विश्व आर्थिक संकट की रोशनी में भारत में उम्मीद समाप्त हो रही है. अखबार कहता है कि हालांकि भारत ने 20 साल पहले आर्थिक सुधारों के बाद पिछले सालों में लंबा रास्ता तय किया है.


मनमोहन सिंह नाम का एक व्यक्ति उस समय वित्त मंत्री था. उनके सुधारों ने भारत को विदेशी निवेश के लिए खोला. आज सिंह प्रधानमंत्री हैं और एक सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं जो कई भ्रष्टाचार कांडों के बाद  बुरी हालत में है. कुछ प्रभावशाली आंकड़े बने हुए हैं, भारत का सकल घरेलू उत्पादन पिछले 20 सालों में चौगुना हो गया है. लेकिन विकास का एक दूसरा पहलू भी है. करोड़ों भारतीय पहले की ही तरह गरीबी रेखा के नीचे जी रहे हैं. समृद्धि का बंटवारा अनुचित है, सामाजिक कार्यक्रमों से भी बदलाव नहीं आया है. विश्वव्यापी उथल-पुथल भारत में भी अनजाना नहीं रहा है. इस साल की दूसरी तिमाही में विकास दर 7.7 प्रतिशत था. हालांकि कोई नीचे की ढलान नहीं लेकिन पिछले छह तिमाहियों में सबसे कम दर.  

Manmohan Singh Premierminister
तस्वीर: UNI


टाटा मोटर्स के प्रमुख पद से कार्ल-पेटर फोर्स्टर ने पिछले सप्ताह इस्तीफा दे दिया. ज्यूड डॉयचे त्साइटुंग का कहना है कि फोर्स्टर का इस्तीफा फिलहाल अंतरराष्ट्रीय तौर पर अत्यंत सफल जर्मन ऑटो मैनेजर के करियर का अंतिम पड़ाव है.

Tata Motors Lastwagen
तस्वीर: picture-alliance/Dinodia


लंबे समय तक जनरल मोटर्स के यूरोप प्रमुख रहे  फोर्स्टर जीएम के जर्मन उपक्रम ओपेल की  कथित बिक्री पर तकरार के बाद टाटा मोटर्स में चले गए थे. टाटा मोटर्स में अपने 18 महीनों में  फोर्स्टर ने  ब्रिटिश ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर को उपनिवेश रहे देश की औद्योगिक कंसर्न का हिस्सा बनाया. टाटा नैनो के उम्मीदें पूरी नहीं हुईं. दुनिया का सबसे सस्ती कार बताई गई छोटी कार उस  देश में शायद ही बिकी जहां अक्सर गाड़ियों को पूरी तरह लाद दिया जाता है. 


भारत के राजनीतिज्ञ इस बात पर नाराज हैं कि सरकारी कंपनी एयर इंडिया को स्टार अलायंस का सदस्य नहीं बनाया जा रहा है. फ्रांकफुर्टर अलगेमाइने त्साइटुंग का कहना है कि जर्मन विमानन कंपनी लुफ्तहंसा का आरोप है कि वह खाड़ी के प्रतिद्वंद्वी को अधिक भाव दे रहा है.

Air India Boeing 747-400
तस्वीर: picture alliance/dpa


जाड़ों में जर्मन कंपनी को तेज विकास के बाद पहली बार हैदराबाद की सर्विस रोकनी होगी. औपचारिक रूप से मांग में कमी के कारण. लेकिन उसके पीछे तथ्य यह है कि भारत ने एमीरैट्स, कतर एयरवेज और इतिहाद को दुबई, दोहा और अबु धाबी से पांच उड़ानों की अनुमति दे दी है. लुफ्तहंसा के मैनेजरों ने कभी इस बात को नहीं छुपाया कि खस्ताहाल एयर इंडिया को स्टार अलायंस में शामिल करना भारतीय बाजार में घुस सकने की कीमत है. साफ तौर पर दिख रहा है कि स्टार अलायंस और उसके साथ लुफ्तहंसा सालों से एयर इंडिया के रूप में गलत पार्टनर पर भरोसा कर रहा था. एयर इंडिया के साथ बातचीत की समाप्ति का मतलब स्टार अलायंस के लिए यह होगा कि उसे अब देश की निजी विमान कंपनियों में से अपना पार्टनर खोजना होगा.


और अंत में श्रीलंका. श्रीलंका पर बढ़ते दबाव के बीच दैनिक टागेसस्तासाइटुंग ने कहा है कि मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार सरकारी कमीशन द्वारा सेना के संदिग्ध युद्ध अपराधों की जांच हर स्तर पर अपूर्ण है.


राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की सरकार ने, जिसने मई 2009 में तमिल विद्रोही संगठन लिट्टे को नष्ट करने के साथ 30 साल गृहयुद्ध का अंत किया, इन आरोपों से इंकार किया है कि युद्ध के अंतिम दिनों में सेना ने आम तमिल लोगों का कोई ख्याल नहीं किया. लेकिन वह देश के उत्तरी भाग में घटी घटनाओं की स्वतंत्र जांच की अनुमति भी नहीं दे रही है. रिपोर्ट में लिट्टे पर आरोप लगाया गया है कि उसने आम लोगों का इस्तेमाल सुरक्षा कवच के रूप में किया और बच्चों की भर्ती की. श्रीलंका में एक लाख से ज्यादा लोगों की जान लेने वाले युद्ध की समाप्ति के ढाई साल बाद भी जीवन सामान्य नहीं हुआ है. वाशिंगटन स्थित ह्यूमन राइट्स वाच ने कोलम्बो सरकार से अपील की है कि वह बेवजह गिरफ्तारी की अनुमति देने वाले विशेष कानूनों को समाप्त करे और हजारों बंदियों को रिहा करे, जिनमें से लगभग सभी तमिल अल्पसंख्यक हैं.


संकलन: प्रिया एसेलबॉर्न/मझा
संपादन: ओ सिंह

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