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आपदाभारत

भारत: कई राज्यों में भारी बारिश, बाढ़ से बुरा हाल

चारु कार्तिकेय
१८ जुलाई २०२३

हिमाचल प्रदेश से लेकर असम तक कई राज्यों में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. मौसम विभाग ने और बारिश होने का पूर्वानुमान दिया है जिससे लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं.

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दिल्ली
दिल्ली में यमुना के ऊपर बादलतस्वीर: Adnan Abidi /REUTERS

मंगलवार 18 जुलाई को दिल्ली में बारिश के बाद यमुना का स्तर एक बार फिर ऊपर चला गया. नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिसकी वजह से दिल्ली सरकार ने राहत शिविरों में रह रहे लोगों को अभी भी वहीं रहने के लिए कहा है.

कम से कम 25,000 लोगों को शहर के बाढ़ग्रस्त इलाकों से बचाया गया है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इनमें से करीब 18,000 लोग 47 राहत शिविरों में रह रहे हैं. बाकी लोग रिश्तेदारों के घरों और अन्य ठिकानों पर चले गए हैं.

पहाड़ों में आपदा

बीते दिनों यमुना में बाढ़ आने की वजह से पूर्वी, उत्तर पूर्वी, केंद्रीय और दक्षिणी दिल्ली के कई इलाकों में नदी के किनारे बसी कॉलोनियों, झुग्गी बस्तियों, बाजारों, अनाधृकित कॉलोनियों और यहां तक कि सरकारी आवासीय कॉलोनियों में भी पानी भर गया था.

बाढ़ में डूबे बाग, मुसीबत में फल किसान

बारिश के बाद और अन्य आपदाएं दिल्ली के अलावा कई दूसरे राज्यों में भी आई हैं, जिनमें उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और असम जैसे राज्य शामिल हैं.

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कई स्थानों पर बारिश के बाद भूस्खलन और पहाड़ों से बड़े बड़े पत्थरों के गिरने की खबर है.

पंजाब और हरियाणा में हजारों एकड़ में फैले खेत डूब गए हैं जिसकी वजह से धान की फसल बर्बाद हो गई है. सोशल मीडिया पर कई वीडियो डाले गए हैं जिनमें किसानों की व्यथा नजर आ रही है.

उत्तर प्रदेश में भी नदियां उफान पर हैं. आगरा में यमुना नदी में पानी का सतर इतना बढ़ गया है कि पानी ताज महल की चारदीवारी के निचले हिस्से तक पहुंच गया है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ऐसा 45 सालों में पहली बार हुआ है.

असम में ब्रह्मपुत्र नदी में भी बाढ़ आ गई है जिसकी वजह से कई इलाकों में लोगों के लिए खतरा पैदा हो गया है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कम से कम 17 जिलों में लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.

बिहार में भी कई नदियों में पानी का सतर बढ़ गया है और कई जिलों में पानी खेतों और मकानों में घुस गया है. कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सभी बाढ़ प्रभावित राज्यों को मिला कर अलग अलग घटनाओं में करीब 100 लोगों की मौत हुई है.

इसके अलावा भारी आर्थिक नुकसान भी हुआ है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सभी राज्यों को मिलाकर अभी तक 10 से 15 हजार करोड़ रुपयों का नुकसान हो चुका है.